بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
26612266وهو الذي أحياكم ثم يميتكم ثم يحييكم إن الإنسان لكفور
और वही तो क़ादिर मुत्तलिक़ है जिसने तुमको (पहली बार माँ के पेट में) जिला उठाया फिर वही तुमको मार डालेगा फिर वही तुमको दोबारा ज़िन्दगी देगा
26622267لكل أمة جعلنا منسكا هم ناسكوه فلا ينازعنك في الأمر وادع إلى ربك إنك لعلى هدى مستقيم
इसमें शक नहीं कि इन्सान बड़ा ही नाशुक्रा है (ऐ रसूल) हमने हर उम्मत के वास्ते एक तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया कि वह इस पर चलते हैं फिर तो उन्हें इस दीन (इस्लाम) में तुम से झगड़ा न करना चाहिए और तुम (लोगों को) अपने परवरदिगार की तरफ बुलाए जाओ
26632268وإن جادلوك فقل الله أعلم بما تعملون
बेशक तुम सीधे रास्ते पर हो और अगर (इस पर भी) लोग तुमसे झगड़ा करें तो तुक कह दो कि जो कुछ तुम कर रहे हो खुदा उससे खूब वाक़िफ़ है
26642269الله يحكم بينكم يوم القيامة فيما كنتم فيه تختلفون
जिन बातों में तुम बाहम झगड़ा करते थे क़यामत के दिन ख़ुदा तुम लोगों के दरमियान (ठीक) फ़ैसला कर देगा
26652270ألم تعلم أن الله يعلم ما في السماء والأرض إن ذلك في كتاب إن ذلك على الله يسير
(ऐ रसूल) क्या तुम नहीं जानते कि जो कुछ आसमान और ज़मीन में है खुदा यक़ीनन जानता है उसमें तो शक नहीं कि ये सब (बातें) किताब (लौहे महफूज़) में (लिखी हुईमौजूद) हैं
26662271ويعبدون من دون الله ما لم ينزل به سلطانا وما ليس لهم به علم وما للظالمين من نصير
बेशक ये (सब कुछ) खुदा पर आसान है और ये लोग खुदा को छोड़कर उन लोगों की इबादत करते हैं जिनके लिए न तो ख़ुदा ही ने कोई सनद नाज़िल की है और न उस (के हक़ होने) का खुद उन्हें इल्म है और क़यामत में तो ज़ालिमों का कोई मददगार भी नहीं होगा
26672272وإذا تتلى عليهم آياتنا بينات تعرف في وجوه الذين كفروا المنكر يكادون يسطون بالذين يتلون عليهم آياتنا قل أفأنبئكم بشر من ذلكم النار وعدها الله الذين كفروا وبئس المصير
और (ऐ रसूल) जब हमारी वाज़ेए व रौशन आयतें उनके सामने पढ़ कर सुनाई जाती हैं तो तुम (उन) काफिरों के चेहरों पर नाखुशी के (आसार) देखते हो (यहाँ तक कि) क़रीब होता है कि जो लोग उनको हमारी आयातें पढ़कर सुनाते हैं उन पर ये लोग हमला कर बैठे (ऐ रसूल) तुम कह दो (कि) तो क्या मैं तुम्हें इससे भी कहीं बदतर चीज़ बता दूँ (अच्छा) तो सुन लो वह जहन्नुम है जिसमें झोंकने का वायदा खुदा ने काफ़िरों से किया है
26682273يا أيها الناس ضرب مثل فاستمعوا له إن الذين تدعون من دون الله لن يخلقوا ذبابا ولو اجتمعوا له وإن يسلبهم الذباب شيئا لا يستنقذوه منه ضعف الطالب والمطلوب
और वह क्या बुरा ठिकाना है लोगों एक मसल बयान की जाती है तो उसे कान लगा के सुनो कि खुदा को छोड़कर जिन लोगों को तुम पुकारते हो वह लोग अगरचे सब के सब इस काम के लिए इकट्ठे भी हो जाएँ तो भी एक मक्खी तक पैदा नहीं कर सकते और कहीं मक्खी कुछ उनसे छीन ले जाए तो उससे उसको छुड़ा नहीं सकते (अजब लुत्फ है) कि माँगने वाला (आबिद) और जिससे माँग लिया (माबूद) दोनों कमज़ोर हैं
26692274ما قدروا الله حق قدره إن الله لقوي عزيز
खुदा की जैसे क़द्र करनी चाहिए उन लोगों ने न की इसमें शक नहीं कि खुदा तो बड़ा ज़बरदस्त ग़ालिब है
26702275الله يصطفي من الملائكة رسلا ومن الناس إن الله سميع بصير
खुदा फरिश्तों में से बाज़ को अपने एहकाम पहुँचाने के लिए मुन्तख़िब कर लेता है


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