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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2659 | 22 | 64 | له ما في السماوات وما في الأرض وإن الله لهو الغني الحميد |
| | | जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) उसी का है और इसमें तो शक ही नहीं कि खुदा (सबसे) बेपरवाह (और) सज़ावार हम्द है |
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2660 | 22 | 65 | ألم تر أن الله سخر لكم ما في الأرض والفلك تجري في البحر بأمره ويمسك السماء أن تقع على الأرض إلا بإذنه إن الله بالناس لرءوف رحيم |
| | | क्या तूने उस पर भी नज़र न डाली कि जो कुछ रूए ज़मीन में है सबको खुदा ही ने तुम्हारे क़ाबू में कर दिया है और कश्ती को (भी) जो उसके हुक्म से दरिया में चलती है और वही तो आसमान को रोके हुए है कि ज़मीन पर न गिर पड़े मगर (जब) उसका हुक्म होगा (तो गिर पडेग़ा) इसमें शक नहीं कि खुदा लोगों पर बड़ा मेहरबान व रहमवाला है |
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2661 | 22 | 66 | وهو الذي أحياكم ثم يميتكم ثم يحييكم إن الإنسان لكفور |
| | | और वही तो क़ादिर मुत्तलिक़ है जिसने तुमको (पहली बार माँ के पेट में) जिला उठाया फिर वही तुमको मार डालेगा फिर वही तुमको दोबारा ज़िन्दगी देगा |
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2662 | 22 | 67 | لكل أمة جعلنا منسكا هم ناسكوه فلا ينازعنك في الأمر وادع إلى ربك إنك لعلى هدى مستقيم |
| | | इसमें शक नहीं कि इन्सान बड़ा ही नाशुक्रा है (ऐ रसूल) हमने हर उम्मत के वास्ते एक तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया कि वह इस पर चलते हैं फिर तो उन्हें इस दीन (इस्लाम) में तुम से झगड़ा न करना चाहिए और तुम (लोगों को) अपने परवरदिगार की तरफ बुलाए जाओ |
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2663 | 22 | 68 | وإن جادلوك فقل الله أعلم بما تعملون |
| | | बेशक तुम सीधे रास्ते पर हो और अगर (इस पर भी) लोग तुमसे झगड़ा करें तो तुक कह दो कि जो कुछ तुम कर रहे हो खुदा उससे खूब वाक़िफ़ है |
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2664 | 22 | 69 | الله يحكم بينكم يوم القيامة فيما كنتم فيه تختلفون |
| | | जिन बातों में तुम बाहम झगड़ा करते थे क़यामत के दिन ख़ुदा तुम लोगों के दरमियान (ठीक) फ़ैसला कर देगा |
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2665 | 22 | 70 | ألم تعلم أن الله يعلم ما في السماء والأرض إن ذلك في كتاب إن ذلك على الله يسير |
| | | (ऐ रसूल) क्या तुम नहीं जानते कि जो कुछ आसमान और ज़मीन में है खुदा यक़ीनन जानता है उसमें तो शक नहीं कि ये सब (बातें) किताब (लौहे महफूज़) में (लिखी हुईमौजूद) हैं |
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2666 | 22 | 71 | ويعبدون من دون الله ما لم ينزل به سلطانا وما ليس لهم به علم وما للظالمين من نصير |
| | | बेशक ये (सब कुछ) खुदा पर आसान है और ये लोग खुदा को छोड़कर उन लोगों की इबादत करते हैं जिनके लिए न तो ख़ुदा ही ने कोई सनद नाज़िल की है और न उस (के हक़ होने) का खुद उन्हें इल्म है और क़यामत में तो ज़ालिमों का कोई मददगार भी नहीं होगा |
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2667 | 22 | 72 | وإذا تتلى عليهم آياتنا بينات تعرف في وجوه الذين كفروا المنكر يكادون يسطون بالذين يتلون عليهم آياتنا قل أفأنبئكم بشر من ذلكم النار وعدها الله الذين كفروا وبئس المصير |
| | | और (ऐ रसूल) जब हमारी वाज़ेए व रौशन आयतें उनके सामने पढ़ कर सुनाई जाती हैं तो तुम (उन) काफिरों के चेहरों पर नाखुशी के (आसार) देखते हो (यहाँ तक कि) क़रीब होता है कि जो लोग उनको हमारी आयातें पढ़कर सुनाते हैं उन पर ये लोग हमला कर बैठे (ऐ रसूल) तुम कह दो (कि) तो क्या मैं तुम्हें इससे भी कहीं बदतर चीज़ बता दूँ (अच्छा) तो सुन लो वह जहन्नुम है जिसमें झोंकने का वायदा खुदा ने काफ़िरों से किया है |
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2668 | 22 | 73 | يا أيها الناس ضرب مثل فاستمعوا له إن الذين تدعون من دون الله لن يخلقوا ذبابا ولو اجتمعوا له وإن يسلبهم الذباب شيئا لا يستنقذوه منه ضعف الطالب والمطلوب |
| | | और वह क्या बुरा ठिकाना है लोगों एक मसल बयान की जाती है तो उसे कान लगा के सुनो कि खुदा को छोड़कर जिन लोगों को तुम पुकारते हो वह लोग अगरचे सब के सब इस काम के लिए इकट्ठे भी हो जाएँ तो भी एक मक्खी तक पैदा नहीं कर सकते और कहीं मक्खी कुछ उनसे छीन ले जाए तो उससे उसको छुड़ा नहीं सकते (अजब लुत्फ है) कि माँगने वाला (आबिद) और जिससे माँग लिया (माबूद) दोनों कमज़ोर हैं |
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