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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2652 | 22 | 57 | والذين كفروا وكذبوا بآياتنا فأولئك لهم عذاب مهين |
| | | और जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, उनके लिए अपमानजनक यातना है |
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2653 | 22 | 58 | والذين هاجروا في سبيل الله ثم قتلوا أو ماتوا ليرزقنهم الله رزقا حسنا وإن الله لهو خير الرازقين |
| | | और जिन लोगों ने अल्लाह के मार्ग में घरबार छोड़ा, फिर मारे गए या मर गए, अल्लाह अवश्य उन्हें अच्छी आजीविका प्रदान करेगा। और निस्संदेह अल्लाह ही उत्तम आजीविका प्रदान करनेवाला है |
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2654 | 22 | 59 | ليدخلنهم مدخلا يرضونه وإن الله لعليم حليم |
| | | वह उन्हें ऐसी जगह प्रवेश कराएगा जिससे वे प्रसन्न हो जाएँगे। और निश्चय ही अल्लाह सर्वज्ञ, अत्यन्त सहनशील है |
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2655 | 22 | 60 | ذلك ومن عاقب بمثل ما عوقب به ثم بغي عليه لينصرنه الله إن الله لعفو غفور |
| | | यह बात तो सुन ली। और जो कोई बदला लें, वैसा ही जैसा उसके साथ किया गया और फिर उसपर ज़्यादती की गई, तो अल्लाह अवश्य उसकी सहायता करेगा। निश्चय ही अल्लाह दरगुज़र करनेवाला (छोड़ देनेवाला), बहुत क्षमाशील है |
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2656 | 22 | 61 | ذلك بأن الله يولج الليل في النهار ويولج النهار في الليل وأن الله سميع بصير |
| | | यह इसलिए कि अल्लाह ही है जो रात को दिन में पिरोता हुआ ले आता है और दिन को रात में पिरोता हुआ ले आता है। और यह कि अल्लाह सुनता, देखता है |
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2657 | 22 | 62 | ذلك بأن الله هو الحق وأن ما يدعون من دونه هو الباطل وأن الله هو العلي الكبير |
| | | यह इसलिए कि अल्लाह ही सत्य है और जिसे वे उसको छोड़कर पुकारते है, वे सब असत्य है, और यह कि अल्लाह ही सर्वोच्च, महान है |
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2658 | 22 | 63 | ألم تر أن الله أنزل من السماء ماء فتصبح الأرض مخضرة إن الله لطيف خبير |
| | | क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह आकाश से पानी बरसाता है, तो धरती हरी-भरी हो जाती है? निस्संदेह अल्लाह सूक्ष्मदर्शी, ख़बर रखनेवाला है |
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2659 | 22 | 64 | له ما في السماوات وما في الأرض وإن الله لهو الغني الحميد |
| | | उसी का है जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है। निस्संदेह अल्लाह ही निस्पृह प्रशंसनीय है |
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2660 | 22 | 65 | ألم تر أن الله سخر لكم ما في الأرض والفلك تجري في البحر بأمره ويمسك السماء أن تقع على الأرض إلا بإذنه إن الله بالناس لرءوف رحيم |
| | | क्या तुमने देखा नहीं कि धरती में जो कुछ भी है उसे अल्लाह ने तुम्हारे लिए वशीभूत कर रखा है और नौका को भी कि उसके आदेश से दरिया में चलती है, और उसने आकाश को धरती पर गिरने से रोक रखा है। उसकी अनुज्ञा हो तो बात दूसरी है। निस्संदेह अल्लाह लोगों के हक़ में बड़ा करुणाशील, दयावान है |
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2661 | 22 | 66 | وهو الذي أحياكم ثم يميتكم ثم يحييكم إن الإنسان لكفور |
| | | और वही है जिसने तुम्हें जीवन प्रदान किया। फिर वही तुम्हें मृत्यु देता है और फिर वही तुम्हें जीवित करनेवाला है। निस्संदेह मानव बड़ा ही अकृतज्ञ है |
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