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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2649 | 22 | 54 | وليعلم الذين أوتوا العلم أنه الحق من ربك فيؤمنوا به فتخبت له قلوبهم وإن الله لهاد الذين آمنوا إلى صراط مستقيم |
| | | और (इसलिए भी) ताकि जिन लोगों को (कुतूबे समावी का) इल्म अता हुआ है वह जान लें कि ये (वही) बेशक तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से ठीक ठीक (नाज़िल) हुईहै फिर (ये ख्याल करके) इस पर वह लोग ईमान लाए फिर उनके दिल खुदा के सामने आजिज़ी करें और इसमें तो शक ही नहीं कि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया उनकी खुदा सीधी राह तक पहुँचा देता है |
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2650 | 22 | 55 | ولا يزال الذين كفروا في مرية منه حتى تأتيهم الساعة بغتة أو يأتيهم عذاب يوم عقيم |
| | | और जो लोग काफिर हो बैठे वह तो कुरान की तरफ से हमेशा शक ही में पड़े रहेंगे यहाँ तक कि क़यामत यकायक उनके सर पर आ मौजूद हो या (यूँ कहो कि) उनपर एक सख्त मनहूस दिन का अज़ाब नाज़िल हुआ |
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2651 | 22 | 56 | الملك يومئذ لله يحكم بينهم فالذين آمنوا وعملوا الصالحات في جنات النعيم |
| | | उस दिन की हुकूमत तो ख़ास खुदा ही की होगी वह लोगों (के बाहमी एख्तेलाफ) का फ़ैसला कर देगा तो जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे काम किए हैं वह नेअमतों के (भरे) हुए बाग़ात (बेहश्त) में रहेंगे |
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2652 | 22 | 57 | والذين كفروا وكذبوا بآياتنا فأولئك لهم عذاب مهين |
| | | और जिन लोगों ने कुफ्र एख्तियार किया और हमारी आयतों को झुठलाया तो यही वह (कम्बख्त) लोग हैं |
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2653 | 22 | 58 | والذين هاجروا في سبيل الله ثم قتلوا أو ماتوا ليرزقنهم الله رزقا حسنا وإن الله لهو خير الرازقين |
| | | जिनके लिए ज़लील करने वाला अज़ाब है जिन लोगों ने खुदा की राह में अपने देस छोडे फ़िर शहीद किए गए या (आप अपनी मौत से) मर गए खुदा उन्हें (आख़िरत में) ज़रूर उम्दा रोज़ी अता फ़रमाएगा |
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2654 | 22 | 59 | ليدخلنهم مدخلا يرضونه وإن الله لعليم حليم |
| | | और बेशक तमाम रोज़ी देने वालों में खुदा ही सबसे बेहतर है वह उन्हें ज़रूर ऐसी जगह (बेहिश्त) पहुँचा देगा जिससे वह निहाल हो जाएँगे |
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2655 | 22 | 60 | ذلك ومن عاقب بمثل ما عوقب به ثم بغي عليه لينصرنه الله إن الله لعفو غفور |
| | | और खुदा तो बेशक बड़ा वाक़िफकार बुर्दवार है यही (ठीक) है और जो शख्स (अपने दुश्मन को) उतना ही सताए जितना ये उसके हाथों से सताया गया था उसके बाद फिर (दोबारा दुशमन की तरफ़ से) उस पर ज्यादती की जाए तो खुदा उस मज़लूम की ज़रूर मदद करेगा |
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2656 | 22 | 61 | ذلك بأن الله يولج الليل في النهار ويولج النهار في الليل وأن الله سميع بصير |
| | | बेशक खुदा बड़ा माफ करने वाला बख़शने वाला है ये (मदद) इस वजह से दी जाएगी कि खुदा (बड़ा क़ादिर है वही) तो रात को दिन में दाख़िल करता है और दिन को रात में दाख़िल करता है और इसमें भी शक नहीं कि खुदा सब कुछ जानता है |
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2657 | 22 | 62 | ذلك بأن الله هو الحق وأن ما يدعون من دونه هو الباطل وأن الله هو العلي الكبير |
| | | (और) इस वजह से (भी) कि यक़ीनन खुदा ही बरहक़ है और उसके सिवा जिनको लोग (वक्ते मुसीबत) पुकारा करते हैं (सबके सब) बातिल हैं और (ये भी) यक़ीनी (है कि) खुदा ही (सबसे) बुलन्द मर्तबा बुर्जुग़ है |
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2658 | 22 | 63 | ألم تر أن الله أنزل من السماء ماء فتصبح الأرض مخضرة إن الله لطيف خبير |
| | | अरे क्या तूने इतना भी नहीं देखा कि खुदा ही आसमान से पानी बरसाता है तो ज़मीन सर सब्ज़ (व शादाब) हो जाती है बेशक खुदा (बन्दों के हाल पर) बड़ा मेहरबान वाक़िफ़कार है |
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