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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2646 | 22 | 51 | والذين سعوا في آياتنا معاجزين أولئك أصحاب الجحيم |
| | | किन्तु जिन लोगों ने हमारी आयतों को नीचा दिखाने की कोशिश की, वही भड़कती आगवाले है |
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2647 | 22 | 52 | وما أرسلنا من قبلك من رسول ولا نبي إلا إذا تمنى ألقى الشيطان في أمنيته فينسخ الله ما يلقي الشيطان ثم يحكم الله آياته والله عليم حكيم |
| | | तुमसे पहले जो रसूल और नबी भी हमने भेजा, तो जब भी उसने कोई कामना की तो शैतान ने उसकी कामना में विघ्न डालता है, अल्लाह उसे मिटा देता है। फिर अल्लाह अपनी आयतों को सुदृढ़ कर देता है। - अल्लाह सर्वज्ञ, बड़ा तत्वदर्शी है |
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2648 | 22 | 53 | ليجعل ما يلقي الشيطان فتنة للذين في قلوبهم مرض والقاسية قلوبهم وإن الظالمين لفي شقاق بعيد |
| | | ताकि शैतान के डाले हुए विघ्न को उन लोगों के लिए आज़माइश बना दे जिनके दिलों में रोग है और जिनके दिल कठोर है। निस्संदेह ज़ालिम परले दर्ज के विरोध में ग्रस्त है। - |
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2649 | 22 | 54 | وليعلم الذين أوتوا العلم أنه الحق من ربك فيؤمنوا به فتخبت له قلوبهم وإن الله لهاد الذين آمنوا إلى صراط مستقيم |
| | | और ताकि वे लोग जिन्हें ज्ञान मिला है, जान लें कि यह तुम्हारे रब की ओर से सत्य है। अतः वे इसपर ईमान लाएँ और उसके सामने उनके दिल झुक जाएँ और निश्चय ही अल्लाह ईमान लानेवालों को अवश्य सीधा मार्ग दिखाता है |
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2650 | 22 | 55 | ولا يزال الذين كفروا في مرية منه حتى تأتيهم الساعة بغتة أو يأتيهم عذاب يوم عقيم |
| | | जिन लोगों ने इनकार किया वे सदैव इसकी ओर से सन्देह में पड़े रहेंगे, यहाँ तक कि क़ियामत की घड़ी अचानक उनपर आ जाए या एक अशुभ दिन की यातना उनपर आ पहुँचे |
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2651 | 22 | 56 | الملك يومئذ لله يحكم بينهم فالذين آمنوا وعملوا الصالحات في جنات النعيم |
| | | उस दिन बादशाही अल्लाह ही की होगी। वह उनके बीच फ़ैसला कर देगा। अतः जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, वे नेमत भरी जन्नतों में होंगे |
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2652 | 22 | 57 | والذين كفروا وكذبوا بآياتنا فأولئك لهم عذاب مهين |
| | | और जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, उनके लिए अपमानजनक यातना है |
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2653 | 22 | 58 | والذين هاجروا في سبيل الله ثم قتلوا أو ماتوا ليرزقنهم الله رزقا حسنا وإن الله لهو خير الرازقين |
| | | और जिन लोगों ने अल्लाह के मार्ग में घरबार छोड़ा, फिर मारे गए या मर गए, अल्लाह अवश्य उन्हें अच्छी आजीविका प्रदान करेगा। और निस्संदेह अल्लाह ही उत्तम आजीविका प्रदान करनेवाला है |
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2654 | 22 | 59 | ليدخلنهم مدخلا يرضونه وإن الله لعليم حليم |
| | | वह उन्हें ऐसी जगह प्रवेश कराएगा जिससे वे प्रसन्न हो जाएँगे। और निश्चय ही अल्लाह सर्वज्ञ, अत्यन्त सहनशील है |
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2655 | 22 | 60 | ذلك ومن عاقب بمثل ما عوقب به ثم بغي عليه لينصرنه الله إن الله لعفو غفور |
| | | यह बात तो सुन ली। और जो कोई बदला लें, वैसा ही जैसा उसके साथ किया गया और फिर उसपर ज़्यादती की गई, तो अल्लाह अवश्य उसकी सहायता करेगा। निश्चय ही अल्लाह दरगुज़र करनेवाला (छोड़ देनेवाला), बहुत क्षमाशील है |
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