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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2608 | 22 | 13 | يدعو لمن ضره أقرب من نفعه لبئس المولى ولبئس العشير |
| | | यही तो पल्ले दरने की गुमराही है और उसको अपनी हाजत रवाई के लिए पुकारता है जिस का नुक़सान उसके नफे से ज्यादा क़रीब है बेशक ऐसा मालिक भी बुरा और ऐसा रफीक़ भी बुरा |
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2609 | 22 | 14 | إن الله يدخل الذين آمنوا وعملوا الصالحات جنات تجري من تحتها الأنهار إن الله يفعل ما يريد |
| | | बेशक जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उनको (खुदा बेहश्त के) उन (हरे-भरे) बाग़ात में ले जाकर दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें जारी होगीं बेशक खुदा जो चाहता है करता है |
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2610 | 22 | 15 | من كان يظن أن لن ينصره الله في الدنيا والآخرة فليمدد بسبب إلى السماء ثم ليقطع فلينظر هل يذهبن كيده ما يغيظ |
| | | जो शख्स (गुस्से में) ये बदगुमानी करता है कि दुनिया और आख़ेरत में खुदा उसकी हरग़िज मदद न करेगा तो उसे चाहिए कि आसमान तक रस्सी ताने (और अपने गले में फाँसी डाल दे) फिर उसे काट दे (ताकि घुट कर मर जाए) फिर देखिए कि जो चीज़ उसे गुस्से में ला रही थी उसे उसकी तद्बीर दूर दफ़ा कर देती है |
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2611 | 22 | 16 | وكذلك أنزلناه آيات بينات وأن الله يهدي من يريد |
| | | (या नहीं) और हमने इस कुरान को यूँ ही वाजेए व रौशन निशानियाँ (बनाकर) नाज़िल किया और बेशक खुदा जिसकी चाहता है हिदायत करता है |
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2612 | 22 | 17 | إن الذين آمنوا والذين هادوا والصابئين والنصارى والمجوس والذين أشركوا إن الله يفصل بينهم يوم القيامة إن الله على كل شيء شهيد |
| | | इसमें शक नहीं कि जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया (मुसलमान) और यहूदी और लामज़हब लोग और ईसाई और मजूसी (आतिशपरस्त) और मुशरेकीन (कुफ्फ़ार) यक़ीनन खुदा उन लोगों के दरमियान क़यामत के दिन (ठीक ठीक) फ़ैसला कर देगा इसमें शक नहीं कि खुदा हर चीज़ को देख रहा है |
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2613 | 22 | 18 | ألم تر أن الله يسجد له من في السماوات ومن في الأرض والشمس والقمر والنجوم والجبال والشجر والدواب وكثير من الناس وكثير حق عليه العذاب ومن يهن الله فما له من مكرم إن الله يفعل ما يشاء |
| | | क्या तुमने इसको भी नहीं देखा कि जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग ज़मीन में हैं और आफताब और माहताब और सितारे और पहाड़ और दरख्त और चारपाए (ग़रज़ कुल मख़लूक़ात) और आदमियों में से बहुत से लोग सब खुदा ही को सजदा करते हैं और बहुतेरे ऐसे भी हैं जिन पर नाफ़रमानी की वजह से अज़ाब का (का आना) लाज़िम हो चुका है और जिसको खुदा ज़लील करे फिर उसका कोई इज्ज़त देने वाला नहीं कुछ शक नहीं कि खुदा जो चाहता है करता है (18) सजदा |
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2614 | 22 | 19 | هذان خصمان اختصموا في ربهم فالذين كفروا قطعت لهم ثياب من نار يصب من فوق رءوسهم الحميم |
| | | ये दोनों (मोमिन व काफिर) दो फरीक़ हैं आपस में अपने परवरदिगार के बारे में लड़ते हैं ग़रज़ जो लोग काफ़िर हो बैठे उनके लिए तो आग के कपड़े केता किए गए हैं (वह उन्हें पहनाए जाएँगें और) उनके सरों पर खौलता हुआ पानी उँडेला जाएगा |
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2615 | 22 | 20 | يصهر به ما في بطونهم والجلود |
| | | जिस (की गर्मी) से जो कुछ उनके पेट में है (ऑंतें वग़ैरह) और खालें सब गल जाएँगी |
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2616 | 22 | 21 | ولهم مقامع من حديد |
| | | और उनके (मारने के) लिए लोहे के गुर्ज़ होंगे |
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2617 | 22 | 22 | كلما أرادوا أن يخرجوا منها من غم أعيدوا فيها وذوقوا عذاب الحريق |
| | | कि जब सदमें के मारे चाहेंगे कि दोज़ख़ से निकल भागें तो (ग़ुर्ज मार के) फिर उसके अन्दर ढकेल दिए जाएँगे और (उनसे कहा जाएगा कि) जलाने वाले अज़ाब के मज़े चखो |
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