بسم الله الرحمن الرحيم

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259521112قال رب احكم بالحق وربنا الرحمن المستعان على ما تصفون
(आख़िर) रसूल ने दुआ की ऐ मेरे पालने वाले तू ठीक-ठीक मेरे और काफिरों के दरमियान फैसला कर दे और हमार परवरदिगार बड़ा मेहरबान है कि उसी से इन बातों में मदद माँगी जाती है जो तुम लोग बयान करते हो
2596221بسم الله الرحمن الرحيم يا أيها الناس اتقوا ربكم إن زلزلة الساعة شيء عظيم
ऐ लोगों अपने परवरदिगार से डरते रहो (क्योंकि) क़यामत का ज़लज़ला (कोई मामूली नहीं) एक बड़ी (सख्त) चीज़ है
2597222يوم ترونها تذهل كل مرضعة عما أرضعت وتضع كل ذات حمل حملها وترى الناس سكارى وما هم بسكارى ولكن عذاب الله شديد
जिस दिन तुम उसे देख लोगे तो हर दूध पिलाने वाली (डर के मारे) अपने दूध पीते (बच्चे) को भूल जायेगी और सारी हामला औरते अपने-अपने हमल (बेहिश्त से) गिरा देगी और (घबराहट में) लोग तुझे मतवाले मालूम होंगे हालाँकि वह मतवाले नहीं हैं बल्कि खुदा का अज़ाब बहुत सख्त है कि लोग बदहवास हो रहे हैं
2598223ومن الناس من يجادل في الله بغير علم ويتبع كل شيطان مريد
और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बग़ैर जाने खुदा के बारे में (ख्वाह म ख्वाह) झगड़ते हैं और हर सरकश शैतान के पीछे हो लेते हैं
2599224كتب عليه أنه من تولاه فأنه يضله ويهديه إلى عذاب السعير
जिन (की पेशानी) के ऊपर (ख़ते तक़दीर से) लिखा जा चुका है कि जिसने उससे दोस्ती की हो तो ये यक़ीनन उसे गुमराह करके छोड़ेगा और दोज़ख़ के अज़ाब तक पहुँचा देगा
2600225يا أيها الناس إن كنتم في ريب من البعث فإنا خلقناكم من تراب ثم من نطفة ثم من علقة ثم من مضغة مخلقة وغير مخلقة لنبين لكم ونقر في الأرحام ما نشاء إلى أجل مسمى ثم نخرجكم طفلا ثم لتبلغوا أشدكم ومنكم من يتوفى ومنكم من يرد إلى أرذل العمر لكيلا يعلم من بعد علم شيئا وترى الأرض هامدة فإذا أنزلنا عليها الماء اهتزت وربت وأنبتت من كل زوج بهيج
लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो
2601226ذلك بأن الله هو الحق وأنه يحيي الموتى وأنه على كل شيء قدير
कि बेशक खुदा बरहक़ है और (ये भी कि) बेशक वही मुर्दों को जिलाता है और वह यक़ीनन हर चीज़ पर क़ादिर है
2602227وأن الساعة آتية لا ريب فيها وأن الله يبعث من في القبور
और क़यामत यक़ीनन आने वाली है इसमें कोई शक नहीं और बेशक जो लोग क़ब्रों में हैं उनको खुदा दोबारा ज़िन्दा करेगा
2603228ومن الناس من يجادل في الله بغير علم ولا هدى ولا كتاب منير
और लोगों में से कुछ ऐसे भी है जो बेजाने बूझे बे हिदायत पाए बगैर रौशन किताब के (जो उसे राह बताए) खुदा की आयतों से मुँह मोडे
2604229ثاني عطفه ليضل عن سبيل الله له في الدنيا خزي ونذيقه يوم القيامة عذاب الحريق
(ख्वाहमख्वाह) खुदा के बारे में लड़ने मरने पर तैयार है ताकि (लोगों को) ख़ुदा की राह बहका दे ऐसे (नाबकार) के लिए दुनिया में (भी) रूसवाई है और क़यामत के दिन (भी) हम उसे जहन्नुम के अज़ाब (का मज़ा) चखाएँगे


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