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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2592 | 21 | 109 | فإن تولوا فقل آذنتكم على سواء وإن أدري أقريب أم بعيد ما توعدون |
| | | फिर अगर ये लोग (उस पर भी) मुँह फेरें तो तुम कह दो कि मैंने तुम सबको यकसाँ ख़बर कर दी है और मैं नहीं जानता कि जिस (अज़ाब) का तुमसे वायदा किया गया है क़रीब आ पहुँचा या (अभी) दूर है |
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2593 | 21 | 110 | إنه يعلم الجهر من القول ويعلم ما تكتمون |
| | | इसमें शक नहीं कि वह उस बात को भी जानता है जो पुकार कर कही जाती है और जिसे तुम लोग छिपाते हो उससे भी खूब वाक़िफ है |
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2594 | 21 | 111 | وإن أدري لعله فتنة لكم ومتاع إلى حين |
| | | और मैं ये भी नहीं जानता कि शायद ये (ताख़ीरे अज़ाब तुम्हारे) वास्ते इम्तिहान हो और एक मुअय्युन मुद्दत तक (तुम्हारे लिए) चैन हो |
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2595 | 21 | 112 | قال رب احكم بالحق وربنا الرحمن المستعان على ما تصفون |
| | | (आख़िर) रसूल ने दुआ की ऐ मेरे पालने वाले तू ठीक-ठीक मेरे और काफिरों के दरमियान फैसला कर दे और हमार परवरदिगार बड़ा मेहरबान है कि उसी से इन बातों में मदद माँगी जाती है जो तुम लोग बयान करते हो |
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2596 | 22 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم يا أيها الناس اتقوا ربكم إن زلزلة الساعة شيء عظيم |
| | | ऐ लोगों अपने परवरदिगार से डरते रहो (क्योंकि) क़यामत का ज़लज़ला (कोई मामूली नहीं) एक बड़ी (सख्त) चीज़ है |
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2597 | 22 | 2 | يوم ترونها تذهل كل مرضعة عما أرضعت وتضع كل ذات حمل حملها وترى الناس سكارى وما هم بسكارى ولكن عذاب الله شديد |
| | | जिस दिन तुम उसे देख लोगे तो हर दूध पिलाने वाली (डर के मारे) अपने दूध पीते (बच्चे) को भूल जायेगी और सारी हामला औरते अपने-अपने हमल (बेहिश्त से) गिरा देगी और (घबराहट में) लोग तुझे मतवाले मालूम होंगे हालाँकि वह मतवाले नहीं हैं बल्कि खुदा का अज़ाब बहुत सख्त है कि लोग बदहवास हो रहे हैं |
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2598 | 22 | 3 | ومن الناس من يجادل في الله بغير علم ويتبع كل شيطان مريد |
| | | और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बग़ैर जाने खुदा के बारे में (ख्वाह म ख्वाह) झगड़ते हैं और हर सरकश शैतान के पीछे हो लेते हैं |
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2599 | 22 | 4 | كتب عليه أنه من تولاه فأنه يضله ويهديه إلى عذاب السعير |
| | | जिन (की पेशानी) के ऊपर (ख़ते तक़दीर से) लिखा जा चुका है कि जिसने उससे दोस्ती की हो तो ये यक़ीनन उसे गुमराह करके छोड़ेगा और दोज़ख़ के अज़ाब तक पहुँचा देगा |
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2600 | 22 | 5 | يا أيها الناس إن كنتم في ريب من البعث فإنا خلقناكم من تراب ثم من نطفة ثم من علقة ثم من مضغة مخلقة وغير مخلقة لنبين لكم ونقر في الأرحام ما نشاء إلى أجل مسمى ثم نخرجكم طفلا ثم لتبلغوا أشدكم ومنكم من يتوفى ومنكم من يرد إلى أرذل العمر لكيلا يعلم من بعد علم شيئا وترى الأرض هامدة فإذا أنزلنا عليها الماء اهتزت وربت وأنبتت من كل زوج بهيج |
| | | लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो |
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2601 | 22 | 6 | ذلك بأن الله هو الحق وأنه يحيي الموتى وأنه على كل شيء قدير |
| | | कि बेशक खुदा बरहक़ है और (ये भी कि) बेशक वही मुर्दों को जिलाता है और वह यक़ीनन हर चीज़ पर क़ादिर है |
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