نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2574 | 21 | 91 | والتي أحصنت فرجها فنفخنا فيها من روحنا وجعلناها وابنها آية للعالمين |
| | | और वह नारी जिसने अपने सतीत्व की रक्षा की थी, हमने उसके भीतर अपनी रूह फूँकी और उसे और उसके बेटे को सारे संसार के लिए एक निशानी बना दिया |
|
2575 | 21 | 92 | إن هذه أمتكم أمة واحدة وأنا ربكم فاعبدون |
| | | "निश्चय ही यह तुम्हारा समुदाय एक ही समुदाय है और मैं तुम्हारा रब हूँ। अतः तुम मेरी बन्दगी करो।" |
|
2576 | 21 | 93 | وتقطعوا أمرهم بينهم كل إلينا راجعون |
| | | किन्तु उन्होंने आपस में अपने मामलों को टुकड़े-टुकड़े कर डाला। - प्रत्येक को हमारी ओर पलटना है। - |
|
2577 | 21 | 94 | فمن يعمل من الصالحات وهو مؤمن فلا كفران لسعيه وإنا له كاتبون |
| | | फिर जो अच्छे कर्म करेगा, शर्त या कि वह मोमिन हो, तो उसके प्रयास की उपेक्षा न होगी। हम तो उसके लिए उसे लिख रहे है |
|
2578 | 21 | 95 | وحرام على قرية أهلكناها أنهم لا يرجعون |
| | | और किसी बस्ती के लिए असम्भव है जिसे हमने विनष्ट कर दिया कि उसके लोग (क़ियामत के दिन दंड पाने हेतु) न लौटें |
|
2579 | 21 | 96 | حتى إذا فتحت يأجوج ومأجوج وهم من كل حدب ينسلون |
| | | यहाँ तक कि वह समय आ जाए जब याजूज और माजूज खोल दिए जाएँगे। और वे हर ऊँची जगह से निकल पड़ेंगे |
|
2580 | 21 | 97 | واقترب الوعد الحق فإذا هي شاخصة أبصار الذين كفروا يا ويلنا قد كنا في غفلة من هذا بل كنا ظالمين |
| | | और सच्चा वादा निकट आ लगेगा, तो क्या देखेंगे कि उन लोगों की आँखें फटी की फटी रह गई हैं, जिन्होंने इनकार किया था, "हाय, हमारा दुर्भाग्य! हम इसकी ओर से असावधान रहे, बल्कि हम ही अत्याचारी थे।" |
|
2581 | 21 | 98 | إنكم وما تعبدون من دون الله حصب جهنم أنتم لها واردون |
| | | "निश्चय ही तुम और वह कुछ जिनको तुम अल्लाह को छोड़कर पूजते हो सब जहन्नम के ईधन हो। तुम उसके घाट उतरोगे।" |
|
2582 | 21 | 99 | لو كان هؤلاء آلهة ما وردوها وكل فيها خالدون |
| | | यदि वे पूज्य होते, तो उसमें न उतरते। और वे सब उसमें सदैव रहेंगे भी |
|
2583 | 21 | 100 | لهم فيها زفير وهم فيها لا يسمعون |
| | | उनके लिए वहाँ शोर गुल होगा और वे वहाँ कुछ भी नहीं सुन सकेंगे |
|