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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2569 | 21 | 86 | وأدخلناهم في رحمتنا إنهم من الصالحين |
| | | और हमने उन सबको अपनी (ख़ास) रहमत में दाख़िल कर लिया बेशक ये लोग नेक बन्दे थे |
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2570 | 21 | 87 | وذا النون إذ ذهب مغاضبا فظن أن لن نقدر عليه فنادى في الظلمات أن لا إله إلا أنت سبحانك إني كنت من الظالمين |
| | | और जुन्नून (यूनुस को याद करो) जबकि गुस्से में आकर चलते हुए और ये ख्याल न किया कि हम उन पर रोज़ी तंग न करेंगे (तो हमने उन्हें मछली के पेट में पहुँचा दिया) तो (घटाटोप) अंधेरे में (घबराकर) चिल्ला उठा कि (परवरदिगार) तेरे सिवा कोई माबूद नहीं तू (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है बेशक मैं कुसूरवार हूँ |
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2571 | 21 | 88 | فاستجبنا له ونجيناه من الغم وكذلك ننجي المؤمنين |
| | | तो हमने उनकी दुआ कुबूल की और उन्हें रंज से नजात दी और हम तो ईमानवालों को यूँ ही नजात दिया करते हैं |
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2572 | 21 | 89 | وزكريا إذ نادى ربه رب لا تذرني فردا وأنت خير الوارثين |
| | | और ज़करिया (को याद करो) जब उन्होंने (मायूस की हालत में) अपने परवरदिगार से दुआ की ऐ मेरे पालने वाले मुझे तन्हा (बे औलाद) न छोड़ और तू तो सब वारिसों से बेहतर है |
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2573 | 21 | 90 | فاستجبنا له ووهبنا له يحيى وأصلحنا له زوجه إنهم كانوا يسارعون في الخيرات ويدعوننا رغبا ورهبا وكانوا لنا خاشعين |
| | | तो हमने उनकी दुआ सुन ली और उन्हें यहया सा बेटा अता किया और हमने उनके लिए उनकी बीबी को अच्छी बता दिया इसमें शक नहीं कि ये सब नेक कामों में जल्दी करते थे और हमको बड़ी रग़बत और ख़ौफ के साथ पुकारा करते थे और हमारे आगे गिड़गिड़ाया करते थे |
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2574 | 21 | 91 | والتي أحصنت فرجها فنفخنا فيها من روحنا وجعلناها وابنها آية للعالمين |
| | | और (ऐ रसूल) उस बीबी को (याद करो) जिसने अपनी अज़मत की हिफाज़त की तो हमने उन (के पेट) में अपनी तरफ से रूह फूँक दी और उनको और उनके बेटे (ईसा) को सारे जहाँन के वास्ते (अपनी क़ुदरत की) निशानी बनाया |
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2575 | 21 | 92 | إن هذه أمتكم أمة واحدة وأنا ربكم فاعبدون |
| | | बेशक ये तुम्हारा दीन (इस्लाम) एक ही दीन है और मैं तुम्हारा परवरदिगार हूँ तो मेरी ही इबादत करो |
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2576 | 21 | 93 | وتقطعوا أمرهم بينهم كل إلينا راجعون |
| | | और लोगों ने बाहम (इख़तेलाफ़ करके) अपने दीन को टुकड़े -टुकड़े कर डाला (हालाँकि) वह सब के सब हिरफिर के हमारे ही पास आने वाले हैं |
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2577 | 21 | 94 | فمن يعمل من الصالحات وهو مؤمن فلا كفران لسعيه وإنا له كاتبون |
| | | (उस वक्त फ़ैसला हो जाएगा कि) तो जो शख्स अच्छे-अच्छे काम करेगा और वह ईमानवाला भी हो तो उसकी कोशिश अकारत न की जाएगी और हम उसके आमाल लिखते जाते हैं |
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2578 | 21 | 95 | وحرام على قرية أهلكناها أنهم لا يرجعون |
| | | और जिस बस्ती को हमने तबाह कर डाला मुमकिन नहीं कि वह लोग क़यामत के दिन हिरफिर के से (हमारे पास) न लौटे |
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