نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2565 | 21 | 82 | ومن الشياطين من يغوصون له ويعملون عملا دون ذلك وكنا لهم حافظين |
| | | और जिन्नात में से जो लोग (समन्दर में) ग़ोता लगाकर (जवाहरात निकालने वाले) थे और उसके अलावा और काम भी करते थे (सुलेमान का ताबेए कर दिया था) और हम ही उनके निगेहबान थे |
|
2566 | 21 | 83 | وأيوب إذ نادى ربه أني مسني الضر وأنت أرحم الراحمين |
| | | (कि भाग न जाएँ) और (ऐ रसूल) अय्यूब (का क़िस्सा याद करो) जब उन्होंने अपने परवरदिगार से दुआ की कि (ख़ुदा वन्द) बीमारी तो मेरे पीछे लग गई है और तू तो सब रहम करने वालोंसे (बढ़ कर है मुझ पर तरस खा) |
|
2567 | 21 | 84 | فاستجبنا له فكشفنا ما به من ضر وآتيناه أهله ومثلهم معهم رحمة من عندنا وذكرى للعابدين |
| | | तो हमने उनकी दुआ कुबूल की तो हमने उनका जो कुछ दर्द दुख था दफ़ा कर दिया और उन्हें उनके लड़के वाले बल्कि उनके साथ उतनी ही और भी महज़ अपनी ख़ास मेहरबानी से और इबादत करने वालों की इबरत के वास्ते अता किए |
|
2568 | 21 | 85 | وإسماعيل وإدريس وذا الكفل كل من الصابرين |
| | | और (ऐ रसूल) इसमाईल और इदरीस और जुलकिफ्ल (के वाक़यात से याद करो) ये सब साबिर बन्दे थे |
|
2569 | 21 | 86 | وأدخلناهم في رحمتنا إنهم من الصالحين |
| | | और हमने उन सबको अपनी (ख़ास) रहमत में दाख़िल कर लिया बेशक ये लोग नेक बन्दे थे |
|
2570 | 21 | 87 | وذا النون إذ ذهب مغاضبا فظن أن لن نقدر عليه فنادى في الظلمات أن لا إله إلا أنت سبحانك إني كنت من الظالمين |
| | | और जुन्नून (यूनुस को याद करो) जबकि गुस्से में आकर चलते हुए और ये ख्याल न किया कि हम उन पर रोज़ी तंग न करेंगे (तो हमने उन्हें मछली के पेट में पहुँचा दिया) तो (घटाटोप) अंधेरे में (घबराकर) चिल्ला उठा कि (परवरदिगार) तेरे सिवा कोई माबूद नहीं तू (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है बेशक मैं कुसूरवार हूँ |
|
2571 | 21 | 88 | فاستجبنا له ونجيناه من الغم وكذلك ننجي المؤمنين |
| | | तो हमने उनकी दुआ कुबूल की और उन्हें रंज से नजात दी और हम तो ईमानवालों को यूँ ही नजात दिया करते हैं |
|
2572 | 21 | 89 | وزكريا إذ نادى ربه رب لا تذرني فردا وأنت خير الوارثين |
| | | और ज़करिया (को याद करो) जब उन्होंने (मायूस की हालत में) अपने परवरदिगार से दुआ की ऐ मेरे पालने वाले मुझे तन्हा (बे औलाद) न छोड़ और तू तो सब वारिसों से बेहतर है |
|
2573 | 21 | 90 | فاستجبنا له ووهبنا له يحيى وأصلحنا له زوجه إنهم كانوا يسارعون في الخيرات ويدعوننا رغبا ورهبا وكانوا لنا خاشعين |
| | | तो हमने उनकी दुआ सुन ली और उन्हें यहया सा बेटा अता किया और हमने उनके लिए उनकी बीबी को अच्छी बता दिया इसमें शक नहीं कि ये सब नेक कामों में जल्दी करते थे और हमको बड़ी रग़बत और ख़ौफ के साथ पुकारा करते थे और हमारे आगे गिड़गिड़ाया करते थे |
|
2574 | 21 | 91 | والتي أحصنت فرجها فنفخنا فيها من روحنا وجعلناها وابنها آية للعالمين |
| | | और (ऐ रसूल) उस बीबी को (याद करो) जिसने अपनी अज़मत की हिफाज़त की तो हमने उन (के पेट) में अपनी तरफ से रूह फूँक दी और उनको और उनके बेटे (ईसा) को सारे जहाँन के वास्ते (अपनी क़ुदरत की) निशानी बनाया |
|