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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2562 | 21 | 79 | ففهمناها سليمان وكلا آتينا حكما وعلما وسخرنا مع داوود الجبال يسبحن والطير وكنا فاعلين |
| | | तब हमने उसे सुलैमान को समझा दिया और यूँ तो हरेक को हमने निर्णय-शक्ति और ज्ञान प्रदान किया था। और दाऊद के साथ हमने पहाड़ों को वशीभूत कर दिया था, जो तसबीह करते थे, और पक्षियों को भी। और ऐसा करनेवाले हम भी थे |
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2563 | 21 | 80 | وعلمناه صنعة لبوس لكم لتحصنكم من بأسكم فهل أنتم شاكرون |
| | | और हमने उसे तुम्हारे लिए एक परिधान (बनाने) की शिल्प-कला भी सिखाई थी, ताकि युद्ध में वह तुम्हारी रक्षा करे। फिर क्या तुम आभार मानते हो? |
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2564 | 21 | 81 | ولسليمان الريح عاصفة تجري بأمره إلى الأرض التي باركنا فيها وكنا بكل شيء عالمين |
| | | और सुलैमान के लिए हमने तेज वायु को वशीभूत कर दिया था, जो उसके आदेश से उस भूभाग की ओर चलती थी जिसे हमने बरकत दी थी। हम तो हर चीज़ का ज्ञान रखते है |
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2565 | 21 | 82 | ومن الشياطين من يغوصون له ويعملون عملا دون ذلك وكنا لهم حافظين |
| | | और कितने ही शैतानों को भी अधीन किया था, जो उसके लिए गोते लगाते और इसके अतिरिक्त दूसरा काम भी करते थे। और हम ही उनको संभालनेवाले थे |
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2566 | 21 | 83 | وأيوب إذ نادى ربه أني مسني الضر وأنت أرحم الراحمين |
| | | और अय्यूब पर भी दया दर्शाई। याद करो जबकि उसने अपने रब को पुकारा कि "मुझे बहुत तकलीफ़ पहुँची है, और तू सबसे बढ़कर दयावान है।" |
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2567 | 21 | 84 | فاستجبنا له فكشفنا ما به من ضر وآتيناه أهله ومثلهم معهم رحمة من عندنا وذكرى للعابدين |
| | | अतः हमने उसकी सुन ली और जिस तकलीफ़ में वह पड़ा था उसको दूर कर दिया, और हमने उसे उसके परिवार के लोग दिए और उनके साथ उनके जैसे और भी दिए अपने यहाँ दयालुता के रूप में और एक याददिहानी के रूप में बन्दगी करनेवालों के लिए |
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2568 | 21 | 85 | وإسماعيل وإدريس وذا الكفل كل من الصابرين |
| | | और इसमाईल और इदरीस और ज़ुलकिफ़्ल पर भी कृपा-स्पष्ट की। इनमें से प्रत्येक धैर्यवानों में से था |
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2569 | 21 | 86 | وأدخلناهم في رحمتنا إنهم من الصالحين |
| | | औऱ उन्हें हमने अपनी दयालुता में प्रवेश कराया। निस्संदेह वे सब अच्छे लोगों में से थे |
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2570 | 21 | 87 | وذا النون إذ ذهب مغاضبا فظن أن لن نقدر عليه فنادى في الظلمات أن لا إله إلا أنت سبحانك إني كنت من الظالمين |
| | | और ज़ुन्नून (मछलीवाले) पर भी दया दर्शाई। याद करो जबकि वह अत्यन्त क्रद्ध होकर चल दिया और समझा कि हम उसे तंगी में न डालेंगे। अन्त में उसनें अँधेरों में पुकारा, "तेरे सिवा कोई इष्ट-पूज्य नहीं, महिमावान है तू! निस्संदेह मैं दोषी हूँ।" |
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2571 | 21 | 88 | فاستجبنا له ونجيناه من الغم وكذلك ننجي المؤمنين |
| | | तब हमने उसकी प्रार्थना स्वीकार की और उसे ग़म से छुटकारा दिया। इसी प्रकार तो हम मोमिनों को छुटकारा दिया करते है |
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