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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2551 | 21 | 68 | قالوا حرقوه وانصروا آلهتكم إن كنتم فاعلين |
| | | (आख़िर) वह लोग (बाहम) कहने लगे कि अगर तुम कुछ कर सकते हो तो इबराहीम को आग में जला दो और अपने खुदाओं की मदद करो |
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2552 | 21 | 69 | قلنا يا نار كوني بردا وسلاما على إبراهيم |
| | | (ग़रज़) उन लोगों ने इबराहीम को आग में डाल दिया तो हमने फ़रमाया ऐ आग तू इबराहीम पर बिल्कुल ठन्डी और सलामती का बाइस हो जा |
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2553 | 21 | 70 | وأرادوا به كيدا فجعلناهم الأخسرين |
| | | (कि उनको कोई तकलीफ़ न पहुँचे) और उन लोगों में इबराहीम के साथ चालबाज़ी करनी चाही थी तो हमने इन सब को नाकाम कर दिया |
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2554 | 21 | 71 | ونجيناه ولوطا إلى الأرض التي باركنا فيها للعالمين |
| | | और हम ने ही इबराहीम और लूत को (सरकशों से) सही व सालिम निकालकर इस सर ज़मीन (शाम बैतुलमुक़द्दस) में जा पहुँचाया जिसमें हमने सारे जहाँन के लिए तरह-तरह की बरकत अता की थी |
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2555 | 21 | 72 | ووهبنا له إسحاق ويعقوب نافلة وكلا جعلنا صالحين |
| | | और हमने इबराहीम को इनाम में इसहाक़ (जैसा बैटा) और याकूब (जैसा पोता) इनायत फरमाया हमने सबको नेक बख्त बनाया |
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2556 | 21 | 73 | وجعلناهم أئمة يهدون بأمرنا وأوحينا إليهم فعل الخيرات وإقام الصلاة وإيتاء الزكاة وكانوا لنا عابدين |
| | | और उन सबको (लोगों का) पेशवा बनाया कि हमारे हुक्म से (उनकी) हिदायत करते थे और हमने उनके पास नेक काम करने और नमाज़ पढ़ने और ज़कात देने की ''वही'' भेजी थी और ये सब के सब हमारी ही इबादत करते थे |
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2557 | 21 | 74 | ولوطا آتيناه حكما وعلما ونجيناه من القرية التي كانت تعمل الخبائث إنهم كانوا قوم سوء فاسقين |
| | | और लूत को भी हम ही के फ़हमे सलीम और नबूवत अता की और हम ही ने उस बस्ती से जहाँ के लोग बदकारियाँ करते थे नजात दी इसमें शक नहीं कि वह लोग बड़े बदकार आदमी थे |
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2558 | 21 | 75 | وأدخلناه في رحمتنا إنه من الصالحين |
| | | और हमने लूत को अपनी रहमत में दाख़िल कर लिया इसमें शक नहीं कि वह नेकोंकार बन्दों में से थे |
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2559 | 21 | 76 | ونوحا إذ نادى من قبل فاستجبنا له فنجيناه وأهله من الكرب العظيم |
| | | और (ऐ रसूल लूत से भी) पहले (हमने) नूह को नबूवत पर फ़ायज़ किया जब उन्होंने (हमको) आवाज़ दी तो हमने उनकी (दुआ) सुन ली फिर उनको और उनके साथियों को (तूफ़ान की) बड़ी सख्त मुसीबत से नजात दी |
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2560 | 21 | 77 | ونصرناه من القوم الذين كذبوا بآياتنا إنهم كانوا قوم سوء فأغرقناهم أجمعين |
| | | और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था उनके मुक़ाबले में उनकी मदद की बेशक ये लोग (भी) बहुत बुरे लोग थे तो हमने उन सबको डुबो मारा |
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