بسم الله الرحمن الرحيم

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25242141ولقد استهزئ برسل من قبلك فحاق بالذين سخروا منهم ما كانوا به يستهزئون
तुमसे पहले भी रसूलों की हँसी उड़ाई जा चुकी है, किन्तु उनमें से जिन लोगों ने उनकी हँसी उड़ाई थी उन्हें उसी चीज़ ने आ घेरा, जिसकी वे हँसी उड़ाते थे
25252142قل من يكلؤكم بالليل والنهار من الرحمن بل هم عن ذكر ربهم معرضون
कहो कि "कौन रहमान के मुक़ाबले में रात-दिन तुम्हारी रक्षा करेगा? बल्कि बात यह है कि वे अपने रब की याददिहानी से कतरा रहे है
25262143أم لهم آلهة تمنعهم من دوننا لا يستطيعون نصر أنفسهم ولا هم منا يصحبون
(क्या वे हमें नहीं जानते) या हमसे हटकर उनके और भी इष्ट-पूज्य है, जो उन्हें बचा ले? वे तो स्वयं अपनी ही सहायता नहीं कर सकते है और न हमारे मुक़ाबले में उनका कोई साथ ही दे सकता है
25272144بل متعنا هؤلاء وآباءهم حتى طال عليهم العمر أفلا يرون أنا نأتي الأرض ننقصها من أطرافها أفهم الغالبون
बल्कि बात यह है कि हमने उन्हें और उनके बाप-दादा को सुख-सुविधा प्रदान की, यहाँ तक कि इसी दशा में एक लम्बी मुद्दत उनपर गुज़र गई, तो क्या वे देखते नहीं कि हम इस भूभाग को उसके चतुर्दिक से घटाते हुए बढ़ रहे है? फिर क्या वे अभिमानी रहेंगे?
25282145قل إنما أنذركم بالوحي ولا يسمع الصم الدعاء إذا ما ينذرون
कह दो, "मैं तो बस प्रकाशना के आधार पर तुम्हें सावधान करता हूँ।" किन्तु बहरे पुकार को नहीं सुनते, जबकि उन्हें सावधान किया जाए
25292146ولئن مستهم نفحة من عذاب ربك ليقولن يا ويلنا إنا كنا ظالمين
और यदि तुम्हारे रब की यातना का कोई झोंका भी उन्हें छू जाए तो वे कहन लगे, "हाय, हमारा दुर्भाग्य! निस्संदेह हम ज़ालिम थे।"
25302147ونضع الموازين القسط ليوم القيامة فلا تظلم نفس شيئا وإن كان مثقال حبة من خردل أتينا بها وكفى بنا حاسبين
और हम बज़नी, अच्छे न्यायपूर्ण कामों को क़ियामत के दिन के लिए रख रहे है। फिर किसी व्यक्ति पर कुछ भी ज़ुल्म न होगा, यद्यपि वह (कर्म) राई के दाने के बराबर हो, हम उसे ला उपस्थित करेंगे। और हिसाब करने के लिए हम काफ़ी है
25312148ولقد آتينا موسى وهارون الفرقان وضياء وذكرا للمتقين
और हम मूसा और हारून को कसौटी और रौशनी और याददिहानी प्रदान कर चुके हैं, उन डर रखनेवालों के लिए
25322149الذين يخشون ربهم بالغيب وهم من الساعة مشفقون
जो परोक्ष में रहते हुए अपने रब से डरते है और उन्हें क़ियामत की घड़ी का भय लगा रहता है
25332150وهذا ذكر مبارك أنزلناه أفأنتم له منكرون
और वह बरकतवाली अनुस्मृति है, जिसको हमने अवतरित किया है। तो क्या तुम्हें इससे इनकार है


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