بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
25172134وما جعلنا لبشر من قبلك الخلد أفإن مت فهم الخالدون
हमने तुमसे पहले भी किसी आदमी के लिए अमरता नहीं रखी। फिर क्या यदि तुम मर गए तो वे सदैव रहनेवाले है?
25182135كل نفس ذائقة الموت ونبلوكم بالشر والخير فتنة وإلينا ترجعون
हर जीव को मौत का मज़ा चखना है और हम अच्छी और बुरी परिस्थितियों में डालकर तुम सबकी परीक्षा करते है। अन्ततः तुम्हें हमारी ही ओर पलटकर आना है
25192136وإذا رآك الذين كفروا إن يتخذونك إلا هزوا أهذا الذي يذكر آلهتكم وهم بذكر الرحمن هم كافرون
जिन लोगों ने इनकार किया वे जब तुम्हें देखते है तो तुम्हारा उपहास ही करते है। (कहते है,) "क्या यही वह व्यक्ति है, जो तुम्हारे इष्ट -पूज्यों की बुराई के साथ चर्चा करता है?" और उनका अपना हाल यह है कि वे रहमान के ज़िक्र (स्मरण) से इनकार करते हैं
25202137خلق الإنسان من عجل سأريكم آياتي فلا تستعجلون
मनुष्य उतावला पैदा किया गया है। मैं तुम्हें शीघ्र ही अपनी निशानियाँ दिखाए देता हूँ। अतः तुम मुझसे जल्दी मत मचाओ
25212138ويقولون متى هذا الوعد إن كنتم صادقين
वे कहते है कि "यह वादा कब पूरा होगा, यदि तुम सच्चे हो?"
25222139لو يعلم الذين كفروا حين لا يكفون عن وجوههم النار ولا عن ظهورهم ولا هم ينصرون
अगर इनकार करनेवालें उस समय को जानते, जबकि वे न तो अपने चहरों की ओर आग को रोक सकेंगे और न अपनी पीठों की ओर से और न उन्हें कोई सहायता ही पहुँच सकेगी तो (यातना की जल्दी न मचाते)
25232140بل تأتيهم بغتة فتبهتهم فلا يستطيعون ردها ولا هم ينظرون
बल्कि वह अचानक उनपर आएगी और उन्हें स्तब्ध कर देगी। फिर न उसे वे फेर सकेंगे और न उन्हें मुहलत ही मिलेगी
25242141ولقد استهزئ برسل من قبلك فحاق بالذين سخروا منهم ما كانوا به يستهزئون
तुमसे पहले भी रसूलों की हँसी उड़ाई जा चुकी है, किन्तु उनमें से जिन लोगों ने उनकी हँसी उड़ाई थी उन्हें उसी चीज़ ने आ घेरा, जिसकी वे हँसी उड़ाते थे
25252142قل من يكلؤكم بالليل والنهار من الرحمن بل هم عن ذكر ربهم معرضون
कहो कि "कौन रहमान के मुक़ाबले में रात-दिन तुम्हारी रक्षा करेगा? बल्कि बात यह है कि वे अपने रब की याददिहानी से कतरा रहे है
25262143أم لهم آلهة تمنعهم من دوننا لا يستطيعون نصر أنفسهم ولا هم منا يصحبون
(क्या वे हमें नहीं जानते) या हमसे हटकर उनके और भी इष्ट-पूज्य है, जो उन्हें बचा ले? वे तो स्वयं अपनी ही सहायता नहीं कर सकते है और न हमारे मुक़ाबले में उनका कोई साथ ही दे सकता है


0 ... 241.6 242.6 243.6 244.6 245.6 246.6 247.6 248.6 249.6 250.6 252.6 253.6 254.6 255.6 256.6 257.6 258.6 259.6 260.6 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

50615667318514704856807273063010604777