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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2506 | 21 | 23 | لا يسأل عما يفعل وهم يسألون |
| | | जो कुछ वह करता है उसकी पूछगछ नहीं हो सकती |
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2507 | 21 | 24 | أم اتخذوا من دونه آلهة قل هاتوا برهانكم هذا ذكر من معي وذكر من قبلي بل أكثرهم لا يعلمون الحق فهم معرضون |
| | | (हाँ) और उन लोगों से बाज़पुर्स होगी क्या उन लोगों ने खुदा को छोड़कर कुछ और माबूद बना रखे हैं (ऐ रसूल) तुम कहो कि भला अपनी दलील तो पेश करो जो मेरे (ज़माने में) साथ है उनकी किताब (कुरान) और जो लोग मुझ से पहले थे उनकी किताबें (तौरेत वग़ैरह) ये (मौजूद) हैं (उनमें खुदा का शरीक बता दो) बल्कि उनमें से अक्सर तो हक़ (बात) को तो जानते ही नहीं |
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2508 | 21 | 25 | وما أرسلنا من قبلك من رسول إلا نوحي إليه أنه لا إله إلا أنا فاعبدون |
| | | तो (जब हक़ का ज़िक्र आता है) ये लोग मुँह फेर लेते हैं और (ऐ रसूल) हमने तुमसे पहले जब कभी कोई रसूल भेजा तो उसके पास ''वही'' भेजते रहे कि बस हमारे सिवा कोई माबूद क़ाबिले परसतिश नहीं तो मेरी इबादत किया करो |
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2509 | 21 | 26 | وقالوا اتخذ الرحمن ولدا سبحانه بل عباد مكرمون |
| | | और (अहले मक्का) कहते हैं कि खुदा ने (फरिश्तों को) अपनी औलाद (बेटियाँ) बना रखा है (हालाँकि) वह उससे पाक व पकीज़ा हैं बल्कि (वह फ़रिश्ते) (खुदा के) मोअज्ज़ि बन्दे हैं |
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2510 | 21 | 27 | لا يسبقونه بالقول وهم بأمره يعملون |
| | | ये लोग उसके सामने बढ़कर बोल नहीं सकते और ये लोग उसी के हुक्म पर चलते हैं |
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2511 | 21 | 28 | يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم ولا يشفعون إلا لمن ارتضى وهم من خشيته مشفقون |
| | | जो कुछ उनके सामने है और जो कुछ उनके पीछे है (ग़रज़ सब कुछ) वह (खुदा) जानता है और ये लोग उस शख्स के सिवा जिससे खुदा राज़ी हो किसी की सिफारिश भी नहीं करते और ये लोग खुद उसके ख़ौफ से (हर वक्त) ड़रते रहते हैं |
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2512 | 21 | 29 | ومن يقل منهم إني إله من دونه فذلك نجزيه جهنم كذلك نجزي الظالمين |
| | | और उनमें से जो कोई ये कह दे कि खुदा नहीं (बल्कि) मैं माबूद हूँ तो वह (मरदूद बारगाह हुआ) हम उसको जहन्नुम की सज़ा देंगे और सरकशों को हम ऐसी ही सज़ा देते हैं |
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2513 | 21 | 30 | أولم ير الذين كفروا أن السماوات والأرض كانتا رتقا ففتقناهما وجعلنا من الماء كل شيء حي أفلا يؤمنون |
| | | जो लोग काफिर हो बैठे क्या उन लोगों ने इस बात पर ग़ौर नहीं किया कि आसमान और ज़मीन दोनों बस्ता (बन्द) थे तो हमने दोनों को शिगाफ़ता किया (खोल दिया) और हम ही ने जानदार चीज़ को पानी से पैदा किया इस पर भी ये लोग ईमान न लाएँगे |
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2514 | 21 | 31 | وجعلنا في الأرض رواسي أن تميد بهم وجعلنا فيها فجاجا سبلا لعلهم يهتدون |
| | | और हम ही ने ज़मीन पर भारी बोझल पहाड़ बनाए ताकि ज़मीन उन लोगों को लेकर किसी तरफ झुक न पड़े और हम ने ही उसमें लम्बे-चौड़े रास्ते बनाए ताकि ये लोग अपने-अपने मंज़िलें मक़सूद को जा पहुँचे |
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2515 | 21 | 32 | وجعلنا السماء سقفا محفوظا وهم عن آياتها معرضون |
| | | और हम ही ने आसमान को छत बनाया जो हर तरह महफूज़ है और ये लोग उसकी आसमानी निशानियों से मुँह फेर रहे हैं |
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