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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2504 | 21 | 21 | أم اتخذوا آلهة من الأرض هم ينشرون |
| | | (क्या उन्होंने आकाश से कुछ पूज्य बना लिए है)... या उन्होंने धरती से ऐसे इष्ट -पूज्य बना लिए है, जो पुनर्जीवित करते हों? |
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2505 | 21 | 22 | لو كان فيهما آلهة إلا الله لفسدتا فسبحان الله رب العرش عما يصفون |
| | | यदि इन दोनों (आकाश और धरती) में अल्लाह के सिवा दूसरे इष्ट-पूज्य भी होते तो दोनों की व्यवस्था बिगड़ जाती। अतः महान और उच्च है अल्लाह, राजासन का स्वामी, उन बातों से जो ये बयान करते है |
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2506 | 21 | 23 | لا يسأل عما يفعل وهم يسألون |
| | | जो कुछ वह करता है उससे उसकी कोई पूछ नहीं हो सकती, किन्तु इनसे पूछ होगी |
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2507 | 21 | 24 | أم اتخذوا من دونه آلهة قل هاتوا برهانكم هذا ذكر من معي وذكر من قبلي بل أكثرهم لا يعلمون الحق فهم معرضون |
| | | (क्या ये अल्लाह के हक़ को नहीं पहचानते) या उसे छोड़कर इन्होंने दूसरे इष्ट-पूज्य बना लिए है (जिसके लिए इनके पास कुछ प्रमाण है)? कह दो, "लाओ, अपना प्रमाण! यह अनुस्मृति है उनकी जो मेरे साथ है और अनुस्मृति है उनकी जो मुझसे पहले हुए है, किन्तु बात यह है कि इनमें अधिकतर सत्य को जानते नहीं, इसलिए कतरा रहे है |
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2508 | 21 | 25 | وما أرسلنا من قبلك من رسول إلا نوحي إليه أنه لا إله إلا أنا فاعبدون |
| | | हमने तुमसे पहले जो रसूल भी भेजा, उसकी ओर यही प्रकाशना की कि " "मेरे सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं। अतः तुम मेरी ही बन्दगी करो।" |
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2509 | 21 | 26 | وقالوا اتخذ الرحمن ولدا سبحانه بل عباد مكرمون |
| | | और वे कहते है कि "रहमान सन्तान रखता है।" महान हो वह! बल्कि वे तो प्रतिष्ठित बन्दे हैं |
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2510 | 21 | 27 | لا يسبقونه بالقول وهم بأمره يعملون |
| | | उससे आगे बढ़कर नहीं बोलते और उनके आदेश का पालन करते है |
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2511 | 21 | 28 | يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم ولا يشفعون إلا لمن ارتضى وهم من خشيته مشفقون |
| | | वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है, और वे किसी की सिफ़ारिश नहीं करते सिवाय उसके जिसके लिए अल्लाह पसन्द करे। और वे उसके भय से डरते रहते है |
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2512 | 21 | 29 | ومن يقل منهم إني إله من دونه فذلك نجزيه جهنم كذلك نجزي الظالمين |
| | | और जो उनमें से यह कहे कि "उनके सिवा मैं भी एक इष्ट -पूज्य हूँ।" तो हम उसे बदले में जहन्नम देंगे। ज़ालिमों को हम ऐसा ही बदला दिया करते है |
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2513 | 21 | 30 | أولم ير الذين كفروا أن السماوات والأرض كانتا رتقا ففتقناهما وجعلنا من الماء كل شيء حي أفلا يؤمنون |
| | | क्या उन लोगों ने जिन्होंने इनकार किया, देखा नहीं कि ये आकाश और धरती बन्द थे। फिर हमने उन्हें खोल दिया। और हमने पानी से हर जीवित चीज़ बनाई, तो क्या वे मानते नहीं? |
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