بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
24952112فلما أحسوا بأسنا إذا هم منها يركضون
तो जब उन लोगों ने हमारे अज़ाब की आहट पाई तो एका एकी भागने लगे
24962113لا تركضوا وارجعوا إلى ما أترفتم فيه ومساكنكم لعلكم تسألون
(हमने कहा) भागो नहीं और उन्हीं बस्तियों और घरों में लौट जाओ जिनमें तुम चैन करते थे ताकि तुमसे कुछ पूछगछ की जाए
24972114قالوا يا ويلنا إنا كنا ظالمين
वह लोग कहने लगे हाए हमारी शामत बेशक हम सरकश तो ज़रूर थे
24982115فما زالت تلك دعواهم حتى جعلناهم حصيدا خامدين
ग़रज़ वह बराबर यही पड़े पुकारा किए यहाँ तक कि हमने उन्हें कटी हुई खेती की तरह बिछा के ठन्डा करके ढेर कर दिया
24992116وما خلقنا السماء والأرض وما بينهما لاعبين
और हमने आसमान और ज़मीन को और जो कुछ इन दोनों के दरमियान है बेकार लगो नहीं पैदा किया
25002117لو أردنا أن نتخذ لهوا لاتخذناه من لدنا إن كنا فاعلين
अगर हम कोई खेल बनाना चाहते तो बेशक हम उसे अपनी तजवीज़ से बना लेते अगर हमको करना होता (मगर हमें शायान ही न था)
25012118بل نقذف بالحق على الباطل فيدمغه فإذا هو زاهق ولكم الويل مما تصفون
बल्कि हम तो हक़ को नाहक़ (के सर) पर खींच मारते हैं तो वह बिल्कुल के सर को कुचल देता है फिर वह उसी वक्त नेस्तवेनाबूद हो जाता है और तुम पर अफ़सोस है कि ऐसी-ऐसी नाहक़ बातें बनाये करते हो
25022119وله من في السماوات والأرض ومن عنده لا يستكبرون عن عبادته ولا يستحسرون
हालाँकि जो लोग (फरिश्ते) आसमान और ज़मीन में हैं (सब) उसी के (बन्दे) हैं और जो (फरिश्ते) उस सरकार में हैं न तो वह उसकी इबादत की शेख़ी करते हैं और न थकते हैं
25032120يسبحون الليل والنهار لا يفترون
रात और दिन उसकी तस्बीह किया करते हैं (और) कभी काहिली नहीं करते
25042121أم اتخذوا آلهة من الأرض هم ينشرون
उन लोगों जो माबूद ज़मीन में बना रखे हैं क्या वही (लोगों को) ज़िन्दा करेंगे


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