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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2473 | 20 | 125 | قال رب لم حشرتني أعمى وقد كنت بصيرا |
| | | वह कहेगा, "ऐ मेरे रब! तूने मुझे अंधा क्यों उठाया, जबकि मैं आँखोंवाला था?" |
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2474 | 20 | 126 | قال كذلك أتتك آياتنا فنسيتها وكذلك اليوم تنسى |
| | | वह कहेगा, "इसी प्रकार (तू संसार में अंधा रहा था) । तेरे पास मेरी आयतें आई थी, तो तूने उन्हें भूला दिया था। उसी प्रकार आज तुझे भुलाया जा रहा है।" |
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2475 | 20 | 127 | وكذلك نجزي من أسرف ولم يؤمن بآيات ربه ولعذاب الآخرة أشد وأبقى |
| | | इसी प्रकार हम उसे बदला देते है जो मर्यादा का उल्लंघन करे और अपने रब की आयतों पर ईमान न लाए। और आख़िरत की यातना तो अत्यन्त कठोर और अधिक स्थायी है |
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2476 | 20 | 128 | أفلم يهد لهم كم أهلكنا قبلهم من القرون يمشون في مساكنهم إن في ذلك لآيات لأولي النهى |
| | | फिर क्या उनको इससे भी मार्ग न मिला कि हम उनसे पहले कितनी ही नस्लों को विनष्ट कर चुके है, जिनकी बस्तियों में वे चलते-फिरते है? निस्संदेह बुद्धिमानों के लिए इसमें बहुत-सी निशानियाँ है |
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2477 | 20 | 129 | ولولا كلمة سبقت من ربك لكان لزاما وأجل مسمى |
| | | यदि तेरे रब की ओर से पहले ही एक बात निश्चित न हो गई होती और एक अवधि नियत न की जा चुकी होती, तो अवश्य ही उन्हें यातना आ पकड़ती |
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2478 | 20 | 130 | فاصبر على ما يقولون وسبح بحمد ربك قبل طلوع الشمس وقبل غروبها ومن آناء الليل فسبح وأطراف النهار لعلك ترضى |
| | | अतः जो कुछ वे कहते है उसपर धैर्य से काम लो और अपने रब का गुणगान करो, सूर्योदय से पहले और उसके डूबने से पहले, और रात की घड़ियों में भी तसबीह करो, और दिन के किनारों पर भी, ताकि तुम राज़ी हो जाओ |
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2479 | 20 | 131 | ولا تمدن عينيك إلى ما متعنا به أزواجا منهم زهرة الحياة الدنيا لنفتنهم فيه ورزق ربك خير وأبقى |
| | | और उसकी ओर आँख उठाकर न देखो, जो कुछ हमने उनमें से विभिन्न लोगों को उपभोग के लिए दे रखा है, ताकि हम उसके द्वारा उन्हें आज़माएँ। वह तो बस सांसारिक जीवन की शोभा है। तुम्हारे रब की रोज़ी उत्तम भी है और स्थायी भी |
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2480 | 20 | 132 | وأمر أهلك بالصلاة واصطبر عليها لا نسألك رزقا نحن نرزقك والعاقبة للتقوى |
| | | और अपने लोगों को नमाज़ का आदेश करो और स्वयं भी उसपर जमे रहो। हम तुमसे कोई रोज़ी नहीं माँगते। रोज़ी हम ही तुम्हें देते है, और अच्छा परिणाम तो धर्मपरायणता ही के लिए निश्चित है |
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2481 | 20 | 133 | وقالوا لولا يأتينا بآية من ربه أولم تأتهم بينة ما في الصحف الأولى |
| | | और वे कहते है कि "यह अपने रब की ओर से हमारे पास कोई निशानी क्यों नहीं लाता?" क्या उनके पास उसका स्पष्ट प्रमाण नहीं आ गया, जो कुछ कि पहले की पुस्तकों में उल्लिखित है? |
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2482 | 20 | 134 | ولو أنا أهلكناهم بعذاب من قبله لقالوا ربنا لولا أرسلت إلينا رسولا فنتبع آياتك من قبل أن نذل ونخزى |
| | | यदि हम उसके पहले इन्हें किसी यातना से विनष्ट कर देते तो ये कहते कि "ऐ हमारे रब, तूने हमारे पास कोई रसूल क्यों न भेजा कि इससे पहले कि हम अपमानित और रुसवा होते, तेरी आयतों का अनुपालन करने लगते?" |
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