بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
246820120فوسوس إليه الشيطان قال يا آدم هل أدلك على شجرة الخلد وملك لا يبلى
तो शैतान ने उनके दिल में वसवसा डाला (और) कहा ऐ आदम क्या मैं तम्हें (हमेशगी की ज़िन्दगी) का दरख्त और वह सल्तनत जो कभी ज़ाएल न हो बता दूँ
246920121فأكلا منها فبدت لهما سوآتهما وطفقا يخصفان عليهما من ورق الجنة وعصى آدم ربه فغوى
चुनान्चे दोनों मियाँ बीबी ने उसी में से कुछ खाया तो उनका आगा पीछा उनपर ज़ाहिर हो गया और दोनों बेहिश्त के (दरख्त के) पत्ते अपने आगे पीछे पर चिपकाने लगे और आदम ने अपने परवरदिगार की नाफ़रमानी की
247020122ثم اجتباه ربه فتاب عليه وهدى
तो (राहे सवाब से) बेराह हो गए इसके बाद उनके परवरदिगार ने बर गुज़ीदा किया
247120123قال اهبطا منها جميعا بعضكم لبعض عدو فإما يأتينكم مني هدى فمن اتبع هداي فلا يضل ولا يشقى
फिर उनकी तौबा कुबूल की और उनकी हिदायत की फरमाया कि तुम दोनों बेहश्त से नीचे उतर जाओ तुम में से एक का एक दुशमन है फिर अगर तुम्हारे पास मेरी तरफ से हिदायत पहुँचे तो (तुम) उसकी पैरवी करना क्योंकि जो शख्स मेरी हिदायत पर चलेगा न तो गुमराह होगा और न मुसीबत में फँसेगा
247220124ومن أعرض عن ذكري فإن له معيشة ضنكا ونحشره يوم القيامة أعمى
और जिस शख्स ने मेरी याद से मुँह फेरा तो उसकी ज़िन्दगी बहुत तंगी में बसर होगी और हम उसको क़यामत के दिन अंधा बना के उठाएँगे
247320125قال رب لم حشرتني أعمى وقد كنت بصيرا
वह कहेगा इलाही मैं तो (दुनिया में) ऑंख वाला था तूने मुझे अन्धा करके क्यों उठाया
247420126قال كذلك أتتك آياتنا فنسيتها وكذلك اليوم تنسى
खुदा फरमाएगा ऐसा ही (होना चाहिए) हमारी आयतें भी तो तेरे पास आई तो तू उन्हें भुला बैठा और इसी तरह आज तू भी भूला दिया जाएगा
247520127وكذلك نجزي من أسرف ولم يؤمن بآيات ربه ولعذاب الآخرة أشد وأبقى
और जिसने (हद से) तजाविज़ किया और अपने परवरदिगार की आयतों पर ईमान न लाया उसको ऐसी ही बदला देगें और आख़िरत का अज़ाब तो यक़ीनी बहुत सख्त और बहुत देर पा है
247620128أفلم يهد لهم كم أهلكنا قبلهم من القرون يمشون في مساكنهم إن في ذلك لآيات لأولي النهى
तो क्या उन (अहले मक्का) को उस (खुदा) ने ये नहीं बता दिया था कि हमने उनके पहले कितने लोगों को हलाक कर डाला जिनके घरों में ये लोग चलते फिरते हैं इसमें शक नहीं कि उसमें अक्लमंदों के लिए (कुदरते खुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं
247720129ولولا كلمة سبقت من ربك لكان لزاما وأجل مسمى
और (ऐ रसूल) अगर तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से पहले ही एक वायदा और अज़ाब का) एक वक्त मुअय्युन न होता तो (उनकी हरकतों से) फ़ौरन अज़ाब का आना लाज़मी बात थी


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