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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2468 | 20 | 120 | فوسوس إليه الشيطان قال يا آدم هل أدلك على شجرة الخلد وملك لا يبلى |
| | | तो शैतान ने उनके दिल में वसवसा डाला (और) कहा ऐ आदम क्या मैं तम्हें (हमेशगी की ज़िन्दगी) का दरख्त और वह सल्तनत जो कभी ज़ाएल न हो बता दूँ |
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2469 | 20 | 121 | فأكلا منها فبدت لهما سوآتهما وطفقا يخصفان عليهما من ورق الجنة وعصى آدم ربه فغوى |
| | | चुनान्चे दोनों मियाँ बीबी ने उसी में से कुछ खाया तो उनका आगा पीछा उनपर ज़ाहिर हो गया और दोनों बेहिश्त के (दरख्त के) पत्ते अपने आगे पीछे पर चिपकाने लगे और आदम ने अपने परवरदिगार की नाफ़रमानी की |
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2470 | 20 | 122 | ثم اجتباه ربه فتاب عليه وهدى |
| | | तो (राहे सवाब से) बेराह हो गए इसके बाद उनके परवरदिगार ने बर गुज़ीदा किया |
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2471 | 20 | 123 | قال اهبطا منها جميعا بعضكم لبعض عدو فإما يأتينكم مني هدى فمن اتبع هداي فلا يضل ولا يشقى |
| | | फिर उनकी तौबा कुबूल की और उनकी हिदायत की फरमाया कि तुम दोनों बेहश्त से नीचे उतर जाओ तुम में से एक का एक दुशमन है फिर अगर तुम्हारे पास मेरी तरफ से हिदायत पहुँचे तो (तुम) उसकी पैरवी करना क्योंकि जो शख्स मेरी हिदायत पर चलेगा न तो गुमराह होगा और न मुसीबत में फँसेगा |
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2472 | 20 | 124 | ومن أعرض عن ذكري فإن له معيشة ضنكا ونحشره يوم القيامة أعمى |
| | | और जिस शख्स ने मेरी याद से मुँह फेरा तो उसकी ज़िन्दगी बहुत तंगी में बसर होगी और हम उसको क़यामत के दिन अंधा बना के उठाएँगे |
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2473 | 20 | 125 | قال رب لم حشرتني أعمى وقد كنت بصيرا |
| | | वह कहेगा इलाही मैं तो (दुनिया में) ऑंख वाला था तूने मुझे अन्धा करके क्यों उठाया |
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2474 | 20 | 126 | قال كذلك أتتك آياتنا فنسيتها وكذلك اليوم تنسى |
| | | खुदा फरमाएगा ऐसा ही (होना चाहिए) हमारी आयतें भी तो तेरे पास आई तो तू उन्हें भुला बैठा और इसी तरह आज तू भी भूला दिया जाएगा |
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2475 | 20 | 127 | وكذلك نجزي من أسرف ولم يؤمن بآيات ربه ولعذاب الآخرة أشد وأبقى |
| | | और जिसने (हद से) तजाविज़ किया और अपने परवरदिगार की आयतों पर ईमान न लाया उसको ऐसी ही बदला देगें और आख़िरत का अज़ाब तो यक़ीनी बहुत सख्त और बहुत देर पा है |
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2476 | 20 | 128 | أفلم يهد لهم كم أهلكنا قبلهم من القرون يمشون في مساكنهم إن في ذلك لآيات لأولي النهى |
| | | तो क्या उन (अहले मक्का) को उस (खुदा) ने ये नहीं बता दिया था कि हमने उनके पहले कितने लोगों को हलाक कर डाला जिनके घरों में ये लोग चलते फिरते हैं इसमें शक नहीं कि उसमें अक्लमंदों के लिए (कुदरते खुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं |
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2477 | 20 | 129 | ولولا كلمة سبقت من ربك لكان لزاما وأجل مسمى |
| | | और (ऐ रसूल) अगर तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से पहले ही एक वायदा और अज़ाब का) एक वक्त मुअय्युन न होता तो (उनकी हरकतों से) फ़ौरन अज़ाब का आना लाज़मी बात थी |
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