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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2461 | 20 | 113 | وكذلك أنزلناه قرآنا عربيا وصرفنا فيه من الوعيد لعلهم يتقون أو يحدث لهم ذكرا |
| | | और इस प्रकार हमने इसे अरबी क़ुरआन के रूप में अवतरित किया है और हमने इसमें तरह-तरह से चेतावनी दी है, ताकि वे डर रखें या यह उन्हें होश दिलाए |
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2462 | 20 | 114 | فتعالى الله الملك الحق ولا تعجل بالقرآن من قبل أن يقضى إليك وحيه وقل رب زدني علما |
| | | अतः सर्वोच्च है अल्लाह, सच्चा सम्राट! क़ुरआन के (फ़ैसले के) सिलसिले में जल्दी न करो, जब तक कि वह पूरा न हो जाए। तेरी ओर उसकी प्रकाशना हो रही है। और कहो, "मेरे रब, मुझे ज्ञान में अभिवृद्धि प्रदान कर।" |
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2463 | 20 | 115 | ولقد عهدنا إلى آدم من قبل فنسي ولم نجد له عزما |
| | | और हमने इससे पहले आदम से वचन लिया था, किन्तु वह भूल गया और हमने उसमें इरादे की मज़बूती न पाई |
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2464 | 20 | 116 | وإذ قلنا للملائكة اسجدوا لآدم فسجدوا إلا إبليس أبى |
| | | और जब हमने फ़रिश्तों से कहा, "आदम को सजदा करो।" तो उन्होंने सजदा किया सिवाय इबलीस के, वह इनकार कर बैठा |
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2465 | 20 | 117 | فقلنا يا آدم إن هذا عدو لك ولزوجك فلا يخرجنكما من الجنة فتشقى |
| | | इसपर हमने कहा, "ऐ आदम! निश्चय ही यह तुम्हारा और तुम्हारी पत्नी का शत्रु है। ऐसा न हो कि तुम दोनों को जन्नत से निकलवा दे और तुम तकलीफ़ में पड़ जाओ |
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2466 | 20 | 118 | إن لك ألا تجوع فيها ولا تعرى |
| | | तुम्हारे लिए तो ऐसा है कि न तुम यहाँ भूखे रहोगे और न नंगे |
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2467 | 20 | 119 | وأنك لا تظمأ فيها ولا تضحى |
| | | और यह कि न यहाँ प्यासे रहोगे और न धूप की तकलीफ़ उठाओगे।" |
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2468 | 20 | 120 | فوسوس إليه الشيطان قال يا آدم هل أدلك على شجرة الخلد وملك لا يبلى |
| | | फिर शैतान ने उसे उकसाया। कहने लगा, "ऐ आदम! क्या मैं तुझे शाश्वत जीवन के वृक्ष का पता दूँ और ऐसे राज्य का जो कभी जीर्ण न हो?" |
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2469 | 20 | 121 | فأكلا منها فبدت لهما سوآتهما وطفقا يخصفان عليهما من ورق الجنة وعصى آدم ربه فغوى |
| | | अन्ततः उन दोनों ने उसमें से खा लिया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी छिपाने की चीज़े उनके आगे खुल गई और वे दोनों अपने ऊपर जन्नत के पत्ते जोड-जोड़कर रखने लगे। और आदम ने अपने रब की अवज्ञा की, तो वह मार्ग से भटक गया |
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2470 | 20 | 122 | ثم اجتباه ربه فتاب عليه وهدى |
| | | इसके पश्चात उसके रब ने उसे चुन लिया और दोबारा उसकी ओर ध्यान दिया और उसका मार्गदर्शन किया |
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