بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
245820110يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم ولا يحيطون به علما
(ग़रज़ सब कुछ) वह जानता है और ये लोग अपने इल्म से उसपर हावी नहीं हो सकते
245920111وعنت الوجوه للحي القيوم وقد خاب من حمل ظلما
और (क़यामत में) सारी (खुदाई के) का मुँह ज़िन्दा और बाक़ी रहने वाले खुदा के सामने झुक जाएँगे और जिसने जुल्म का बोझ (अपने सर पर) उठाया वह यक़ीनन नाकाम रहा
246020112ومن يعمل من الصالحات وهو مؤمن فلا يخاف ظلما ولا هضما
और जिसने अच्छे-अच्छे काम किए और वह मोमिन भी है तो उसको न किसी तरह की बेइन्साफ़ी का डर है और न किसी नुक़सान का
246120113وكذلك أنزلناه قرآنا عربيا وصرفنا فيه من الوعيد لعلهم يتقون أو يحدث لهم ذكرا
हमने उसको उसी तरह अरबी ज़बान का कुरान नाज़िल फ़रमाया और उसमें अज़ाब के तरह-तरह के वायदे बयान किए ताकि ये लोग परहेज़गार बनें या उनके मिजाज़ में इबरत पैदा कर दे
246220114فتعالى الله الملك الحق ولا تعجل بالقرآن من قبل أن يقضى إليك وحيه وقل رب زدني علما
पस (दो जहाँ का) सच्चा बादशाह खुदा बरतर व आला है और (ऐ रसूल) कुरान के (पढ़ने) में उससे पहले कि तुम पर उसकी ''वही'' पूरी कर दी जाए जल्दी न करो और दुआ करो कि ऐ मेरे पालने वाले मेरे इल्म को और ज्यादा फ़रमा
246320115ولقد عهدنا إلى آدم من قبل فنسي ولم نجد له عزما
और हमने आदम से पहले ही एहद ले लिया था कि उस दरख्त के पास न जाना तो आदम ने उसे तर्क कर दिया
246420116وإذ قلنا للملائكة اسجدوا لآدم فسجدوا إلا إبليس أبى
और हमने उनमें साबित व इस्तक़लाल न पाया और जब हमने फ़रिश्तों से कहा कि आदम को सजदा करो तो सबने सजदा किया मगर शैतान ने इन्कार किया
246520117فقلنا يا آدم إن هذا عدو لك ولزوجك فلا يخرجنكما من الجنة فتشقى
तो मैंने (आदम से कहा) कि ऐ आदम ये यक़ीनी तुम्हारा और तुम्हारी बीवी का दुशमन है तो कहीं तुम दोनों को बेहिश्त से निकलवा न छोड़े तो तुम (दुनिया की) मुसीबत में फँस जाओ
246620118إن لك ألا تجوع فيها ولا تعرى
कुछ शक नहीं कि (बेहिश्त में) तुम्हें ये आराम है कि न तो तुम यहाँ भूके रहोगे और न नँगे
246720119وأنك لا تظمأ فيها ولا تضحى
और न यहाँ प्यासे रहोगे और न धूप खाओगे


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