بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
245220104نحن أعلم بما يقولون إذ يقول أمثلهم طريقة إن لبثتم إلا يوما
हम भली-भाँति जानते है जो कुछ वे कहेंगे, जबकि उनका सबसे अच्छी सम्मतिवाला कहेगा, "तुम तो बस एक ही दिन ठहरे हो।"
245320105ويسألونك عن الجبال فقل ينسفها ربي نسفا
वे तुमसे पर्वतों के विषय में पूछते है। कह दो, "मेरा रब उन्हें छूल की तरह उड़ा देगा,
245420106فيذرها قاعا صفصفا
और धरती को एक समतल चटियल मैदान बनाकर छोड़ेगा
245520107لا ترى فيها عوجا ولا أمتا
तुम उसमें न कोई सिलवट देखोगे और न ऊँच-नीच।"
245620108يومئذ يتبعون الداعي لا عوج له وخشعت الأصوات للرحمن فلا تسمع إلا همسا
उस दिन वे पुकारनेवाले के पीछे चल पड़ेंगे और उसके सामने कोई अकड़ न दिखाई जा सकेगी। आवाज़े रहमान के सामने दब जाएँगी। एक हल्की मन्द आवाज़ के अतिरिक्त तुम कुछ न सुनोगे
245720109يومئذ لا تنفع الشفاعة إلا من أذن له الرحمن ورضي له قولا
उस दिन सिफ़ारिश काम न आएगी। यह और बात है कि किसी के लिए रहमान अनुज्ञा दे और उसके लिए बात करने को पसन्द करे
245820110يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم ولا يحيطون به علما
वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है, किन्तु वे अपने ज्ञान से उसपर हावी नहीं हो सकते
245920111وعنت الوجوه للحي القيوم وقد خاب من حمل ظلما
चेहरे उस जीवन्त, शाश्वत सत्ता के आगे झुकें होंगे। असफल हुआ वह जिसने ज़ुल्म का बोझ उठाया
246020112ومن يعمل من الصالحات وهو مؤمن فلا يخاف ظلما ولا هضما
किन्तु जो कोई अच्छे कर्म करे और हो वह मोमिन, तो उसे न तो किसी ज़ुल्म का भय होगा और न हक़ मारे जाने का
246120113وكذلك أنزلناه قرآنا عربيا وصرفنا فيه من الوعيد لعلهم يتقون أو يحدث لهم ذكرا
और इस प्रकार हमने इसे अरबी क़ुरआन के रूप में अवतरित किया है और हमने इसमें तरह-तरह से चेतावनी दी है, ताकि वे डर रखें या यह उन्हें होश दिलाए


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