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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2452 | 20 | 104 | نحن أعلم بما يقولون إذ يقول أمثلهم طريقة إن لبثتم إلا يوما |
| | | हम भली-भाँति जानते है जो कुछ वे कहेंगे, जबकि उनका सबसे अच्छी सम्मतिवाला कहेगा, "तुम तो बस एक ही दिन ठहरे हो।" |
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2453 | 20 | 105 | ويسألونك عن الجبال فقل ينسفها ربي نسفا |
| | | वे तुमसे पर्वतों के विषय में पूछते है। कह दो, "मेरा रब उन्हें छूल की तरह उड़ा देगा, |
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2454 | 20 | 106 | فيذرها قاعا صفصفا |
| | | और धरती को एक समतल चटियल मैदान बनाकर छोड़ेगा |
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2455 | 20 | 107 | لا ترى فيها عوجا ولا أمتا |
| | | तुम उसमें न कोई सिलवट देखोगे और न ऊँच-नीच।" |
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2456 | 20 | 108 | يومئذ يتبعون الداعي لا عوج له وخشعت الأصوات للرحمن فلا تسمع إلا همسا |
| | | उस दिन वे पुकारनेवाले के पीछे चल पड़ेंगे और उसके सामने कोई अकड़ न दिखाई जा सकेगी। आवाज़े रहमान के सामने दब जाएँगी। एक हल्की मन्द आवाज़ के अतिरिक्त तुम कुछ न सुनोगे |
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2457 | 20 | 109 | يومئذ لا تنفع الشفاعة إلا من أذن له الرحمن ورضي له قولا |
| | | उस दिन सिफ़ारिश काम न आएगी। यह और बात है कि किसी के लिए रहमान अनुज्ञा दे और उसके लिए बात करने को पसन्द करे |
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2458 | 20 | 110 | يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم ولا يحيطون به علما |
| | | वह जानता है जो कुछ उनके आगे है और जो कुछ उनके पीछे है, किन्तु वे अपने ज्ञान से उसपर हावी नहीं हो सकते |
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2459 | 20 | 111 | وعنت الوجوه للحي القيوم وقد خاب من حمل ظلما |
| | | चेहरे उस जीवन्त, शाश्वत सत्ता के आगे झुकें होंगे। असफल हुआ वह जिसने ज़ुल्म का बोझ उठाया |
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2460 | 20 | 112 | ومن يعمل من الصالحات وهو مؤمن فلا يخاف ظلما ولا هضما |
| | | किन्तु जो कोई अच्छे कर्म करे और हो वह मोमिन, तो उसे न तो किसी ज़ुल्म का भय होगा और न हक़ मारे जाने का |
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2461 | 20 | 113 | وكذلك أنزلناه قرآنا عربيا وصرفنا فيه من الوعيد لعلهم يتقون أو يحدث لهم ذكرا |
| | | और इस प्रकार हमने इसे अरबी क़ुरआन के रूप में अवतरित किया है और हमने इसमें तरह-तरह से चेतावनी दी है, ताकि वे डर रखें या यह उन्हें होश दिलाए |
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