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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2449 | 20 | 101 | خالدين فيه وساء لهم يوم القيامة حملا |
| | | और उसी हाल में हमेशा रहेंगे और क्या ही बुरा बोझ है क़यामत के दिन ये लोग उठाए होंगे |
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2450 | 20 | 102 | يوم ينفخ في الصور ونحشر المجرمين يومئذ زرقا |
| | | जिस दिन सूर फूँका जाएगा और हम उस दिन गुनाहगारों को (उनकी) ऑंखें पुतली (अन्धी) करके (आमने-सामने) जमा करेंगे |
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2451 | 20 | 103 | يتخافتون بينهم إن لبثتم إلا عشرا |
| | | (और) आपस में चुपके-चुपके कहते होंगे कि (दुनिया या क़ब्र में) हम लोग (बहुत से बहुत) नौ दस दिन ठहरे होंगे |
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2452 | 20 | 104 | نحن أعلم بما يقولون إذ يقول أمثلهم طريقة إن لبثتم إلا يوما |
| | | जो कुछ ये लोग (उस दिन) कहेंगे हम खूब जानते हैं कि जो इनमें सबसे ज्यादा होशियार होगा बोल उठेगा कि तुम बस (बहुत से बहुत) एक दिन ठहरे होगे |
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2453 | 20 | 105 | ويسألونك عن الجبال فقل ينسفها ربي نسفا |
| | | (और ऐ रसूल) तुम से लोग पहाड़ों के बारे में पूछा करते हैं (कि क़यामत के रोज़ क्या होगा) |
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2454 | 20 | 106 | فيذرها قاعا صفصفا |
| | | तो तुम कह दो कि मेरा परवरदिगार बिल्कुल रेज़ा रेज़ा करके उड़ा डालेगा और ज़मीन को एक चटियल मैदान कर छोड़ेगा |
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2455 | 20 | 107 | لا ترى فيها عوجا ولا أمتا |
| | | कि (ऐ शख्स) न तो उसमें मोड़ देखेगा और न ऊँच-नीच |
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2456 | 20 | 108 | يومئذ يتبعون الداعي لا عوج له وخشعت الأصوات للرحمن فلا تسمع إلا همسا |
| | | उस दिन लोग एक पुकारने वाले इसराफ़ील की आवाज़ के पीछे (इस तरह सीधे) दौड़ पड़ेगे कि उसमें कुछ भी कज़ी न होगी और आवाज़े उस दिन खुदा के सामने (इस तरह) घिघियाएगें कि तू घुनघुनाहट के सिवा और कुछ न सुनेगा |
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2457 | 20 | 109 | يومئذ لا تنفع الشفاعة إلا من أذن له الرحمن ورضي له قولا |
| | | उस दिन किसी की सिफ़ारिश काम न आएगी मगर जिसको खुदा ने इजाज़त दी हो और उसका बोलना पसन्द करे जो कुछ उन लोगों के सामने है और जो कुछ उनके पीछे है |
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2458 | 20 | 110 | يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم ولا يحيطون به علما |
| | | (ग़रज़ सब कुछ) वह जानता है और ये लोग अपने इल्म से उसपर हावी नहीं हो सकते |
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