بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
244920101خالدين فيه وساء لهم يوم القيامة حملا
और उसी हाल में हमेशा रहेंगे और क्या ही बुरा बोझ है क़यामत के दिन ये लोग उठाए होंगे
245020102يوم ينفخ في الصور ونحشر المجرمين يومئذ زرقا
जिस दिन सूर फूँका जाएगा और हम उस दिन गुनाहगारों को (उनकी) ऑंखें पुतली (अन्धी) करके (आमने-सामने) जमा करेंगे
245120103يتخافتون بينهم إن لبثتم إلا عشرا
(और) आपस में चुपके-चुपके कहते होंगे कि (दुनिया या क़ब्र में) हम लोग (बहुत से बहुत) नौ दस दिन ठहरे होंगे
245220104نحن أعلم بما يقولون إذ يقول أمثلهم طريقة إن لبثتم إلا يوما
जो कुछ ये लोग (उस दिन) कहेंगे हम खूब जानते हैं कि जो इनमें सबसे ज्यादा होशियार होगा बोल उठेगा कि तुम बस (बहुत से बहुत) एक दिन ठहरे होगे
245320105ويسألونك عن الجبال فقل ينسفها ربي نسفا
(और ऐ रसूल) तुम से लोग पहाड़ों के बारे में पूछा करते हैं (कि क़यामत के रोज़ क्या होगा)
245420106فيذرها قاعا صفصفا
तो तुम कह दो कि मेरा परवरदिगार बिल्कुल रेज़ा रेज़ा करके उड़ा डालेगा और ज़मीन को एक चटियल मैदान कर छोड़ेगा
245520107لا ترى فيها عوجا ولا أمتا
कि (ऐ शख्स) न तो उसमें मोड़ देखेगा और न ऊँच-नीच
245620108يومئذ يتبعون الداعي لا عوج له وخشعت الأصوات للرحمن فلا تسمع إلا همسا
उस दिन लोग एक पुकारने वाले इसराफ़ील की आवाज़ के पीछे (इस तरह सीधे) दौड़ पड़ेगे कि उसमें कुछ भी कज़ी न होगी और आवाज़े उस दिन खुदा के सामने (इस तरह) घिघियाएगें कि तू घुनघुनाहट के सिवा और कुछ न सुनेगा
245720109يومئذ لا تنفع الشفاعة إلا من أذن له الرحمن ورضي له قولا
उस दिन किसी की सिफ़ारिश काम न आएगी मगर जिसको खुदा ने इजाज़त दी हो और उसका बोलना पसन्द करे जो कुछ उन लोगों के सामने है और जो कुछ उनके पीछे है
245820110يعلم ما بين أيديهم وما خلفهم ولا يحيطون به علما
(ग़रज़ सब कुछ) वह जानता है और ये लोग अपने इल्म से उसपर हावी नहीं हो सकते


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