بسم الله الرحمن الرحيم

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24342086فرجع موسى إلى قومه غضبان أسفا قال يا قوم ألم يعدكم ربكم وعدا حسنا أفطال عليكم العهد أم أردتم أن يحل عليكم غضب من ربكم فأخلفتم موعدي
तब मूसा अत्यन्त क्रोध और खेद में डूबा हुआ अपनी क़ौम के लोगों की ओर पलटा। कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगों! क्या तुमसे तुम्हारे रब ने अच्छा वादा नहीं किया था? क्या तुमपर लम्बी मुद्दत गुज़र गई या तुमने यही चाहा कि तुमपर तुम्हारे रब का प्रकोप ही टूटे कि तुमने मेरे वादे के विरुद्ध आचरण किया?"
24352087قالوا ما أخلفنا موعدك بملكنا ولكنا حملنا أوزارا من زينة القوم فقذفناها فكذلك ألقى السامري
उन्होंने कहा, "हमने आपसे किए हुए वादे के विरुद्ध अपने अधिकार से कुछ नहीं किया, बल्कि लोगों के ज़ेवरों के बोझ हम उठाए हुए थे, फिर हमने उनको (आग में) फेंक दिया, सामरी ने इसी तरह प्रेरित किया था।"
24362088فأخرج لهم عجلا جسدا له خوار فقالوا هذا إلهكم وإله موسى فنسي
और उसने उनके लिए एक बछड़ा ढालकर निकाला, एक धड़ जिसकी आवाज़ बैल की थी। फिर उन्होंने कहा, "यही तुम्हारा इष्ट-पूज्य है और मूसा का भी इष्ट -पूज्य है, किन्तु वह भूल गया है।"
24372089أفلا يرون ألا يرجع إليهم قولا ولا يملك لهم ضرا ولا نفعا
क्या वे देखते न थे कि न वह किसी बात का उत्तर देता है और न उसे उनकी हानि का कुछ अधिकार प्राप्त है और न लाभ का?
24382090ولقد قال لهم هارون من قبل يا قوم إنما فتنتم به وإن ربكم الرحمن فاتبعوني وأطيعوا أمري
और हारून इससे पहले उनसे कह भी चुका था कि "मेरी क़ौम के लोगों! तुम इसके कारण बस फ़ितने में पड़ गए हो। तुम्हारा रब तो रहमान है। अतः तुम मेरा अनुसरण करो और मेरी बात मानो।"
24392091قالوا لن نبرح عليه عاكفين حتى يرجع إلينا موسى
उन्होंने कहा, "जब तक मूसा लौटकर हमारे पास न आ जाए, हम तो इससे ही लगे बैठे रहेंगे।"
24402092قال يا هارون ما منعك إذ رأيتهم ضلوا
उसने कहा, "ऐ हारून! जब तुमने देखा कि ये पथभ्रष्ट हो गए है, तो किस चीज़ ने तुम्हें रोका
24412093ألا تتبعن أفعصيت أمري
कि तुमने मेरा अनुसरण न किया? क्या तुमने मेरे आदेश की अवहेलना की?"
24422094قال يا ابن أم لا تأخذ بلحيتي ولا برأسي إني خشيت أن تقول فرقت بين بني إسرائيل ولم ترقب قولي
उसने कहा, "ऐ मेरी माँ के बेटे! मेरी दाढ़ी न पकड़ और न मेरा सिर! मैं डरा कि तू कहेंगा कि तूने इसराईल की सन्तान में फूट डाल दी और मेरी बात पर ध्यान न दिया।"
24432095قال فما خطبك يا سامري
(मूसा ने) कहा, "ऐ सामरी! तेरा क्या मामला है?"


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