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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2432 | 20 | 84 | قال هم أولاء على أثري وعجلت إليك رب لترضى |
| | | ग़रज़ की वह भी तो मेरे ही पीछे चले आ रहे हैं और इसी लिए मैं जल्दी करके तेरे पास इसलिए आगे बढ़ आया हूँ ताकि तू (मुझसे) खुश रहे |
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2433 | 20 | 85 | قال فإنا قد فتنا قومك من بعدك وأضلهم السامري |
| | | फ़रमाया तो हमने तुम्हारे (आने के बाद) तुम्हारी क़ौम का इम्तिहान लिया और सामरी ने उनको गुमराह कर छोड़ा |
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2434 | 20 | 86 | فرجع موسى إلى قومه غضبان أسفا قال يا قوم ألم يعدكم ربكم وعدا حسنا أفطال عليكم العهد أم أردتم أن يحل عليكم غضب من ربكم فأخلفتم موعدي |
| | | (तो मूसा) गुस्से में भरे पछताए हुए अपनी क़ौम की तरफ पलटे और आकर कहने लगे ऐ मेरी (क़म्बख्त) क़ौम क्या तुमसे तुम्हारे परवरदिगार ने एक अच्छा वायदा (तौरेत देने का) न किया था तुम्हारे वायदे में अरसा लग गया या तुमने ये चाहा कि तुम पर तुम्हारे परवरदिगार का ग़ज़ब टूंट पड़े कि तुमने मेरे वायदे (खुदा की परसतिश) के ख़िलाफ किया |
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2435 | 20 | 87 | قالوا ما أخلفنا موعدك بملكنا ولكنا حملنا أوزارا من زينة القوم فقذفناها فكذلك ألقى السامري |
| | | वह लोग कहने लगे हमने आपके वायदे के ख़िलाफ नहीं किया बल्कि (बात ये हुईकि फिरऔन की) क़ौम के ज़ेवर के बोझे जो (मिस्र से निकलते वक्त) हम पर लोग गए थे उनको हम लोगों ने (सामरी के कहने से आग में) डाल दिया फिर सामरी ने भी डाल दिया |
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2436 | 20 | 88 | فأخرج لهم عجلا جسدا له خوار فقالوا هذا إلهكم وإله موسى فنسي |
| | | फिर सामरी ने उन लोगों के लिए (उसी जेवर से) एक बछड़े की मूरत बनाई जिसकी आवाज़ भी बछड़े की सी थी उस पर बाज़ लोग कहने लगे यही तुम्हारा (भी) माबूद और मूसा का (भी) माबूद है मगर वह भूल गया है |
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2437 | 20 | 89 | أفلا يرون ألا يرجع إليهم قولا ولا يملك لهم ضرا ولا نفعا |
| | | भला इनको इतनी भी न सूझी कि ये बछड़ा न तो उन लोगों को पलट कर उन की बात का जवाब ही देता है और न उनका ज़रर ही उस के हाथ में है और न नफ़ा |
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2438 | 20 | 90 | ولقد قال لهم هارون من قبل يا قوم إنما فتنتم به وإن ربكم الرحمن فاتبعوني وأطيعوا أمري |
| | | और हारून ने उनसे पहले कहा भी था कि ऐ मेरी क़ौम तुम्हारा सिर्फ़ इसके ज़रिये से इम्तिहान किया जा रहा है और इसमें शक नहीं कि तम्हारा परवरदिगार (बस खुदाए रहमान है) तो तुम मेरी पैरवी करो और मेरा कहा मानो |
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2439 | 20 | 91 | قالوا لن نبرح عليه عاكفين حتى يرجع إلينا موسى |
| | | तो वह लोग कहने लगे जब तक मूसा हमारे पास पलट कर न आएँ हम तो बराबर इसकी परसतिश पर डटे बैठे रहेंगे |
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2440 | 20 | 92 | قال يا هارون ما منعك إذ رأيتهم ضلوا |
| | | मूसा ने हारून की तरफ ख़िताब करके कहा ऐ हारून जब तुमने उनको देख लिया था गमुराह हो गए हैं तो तुम्हें मेरी पैरवी (क़ताल) करने को किसने मना किया |
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2441 | 20 | 93 | ألا تتبعن أفعصيت أمري |
| | | तो क्या तुमने मेरे हुक्म की नाफ़रमानी की |
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