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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2426 | 20 | 78 | فأتبعهم فرعون بجنوده فغشيهم من اليم ما غشيهم |
| | | ग़रज़ फिरऔन ने अपने लशकर समैत उनका पीछा किया फिर दरिया (के पानी का रेला) जैसा कुछ उन पर छाया गया वह छा गया |
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2427 | 20 | 79 | وأضل فرعون قومه وما هدى |
| | | और फिरऔन ने अपनी क़ौम को गुमराह (करके हलाक) कर डाला और उनकी हिदायत न की |
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2428 | 20 | 80 | يا بني إسرائيل قد أنجيناكم من عدوكم وواعدناكم جانب الطور الأيمن ونزلنا عليكم المن والسلوى |
| | | ऐ बनी इसराइल हमने तुमको तुम्हारे दुश्मन (के पंजे) से छुड़ाया और तुम से (कोहेतूर) के दाहिने तरफ का वायदा किया और हम ही ने तुम पर मन व सलवा नाज़िल किया |
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2429 | 20 | 81 | كلوا من طيبات ما رزقناكم ولا تطغوا فيه فيحل عليكم غضبي ومن يحلل عليه غضبي فقد هوى |
| | | और (फ़रमाया) कि हमने जो पाक व पाक़ीज़ा रोज़ी तुम्हें दे रखी है उसमें से खाओ (पियो) और उसमें (किसी क़िस्म की) शरारत न करो वरना तुम पर मेरा अज़ाब नाज़िल हो जाएगा और (याद रखो कि) जिस पर मेरा ग़ज़ब नाज़िल हुआ तो वह यक़ीनन गुमराह (हलाक) हुआ |
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2430 | 20 | 82 | وإني لغفار لمن تاب وآمن وعمل صالحا ثم اهتدى |
| | | और जो शख्स तौबा करे और ईमान लाए और अच्छे काम करे फिर साबित क़दम रहे तो हम उसको ज़रूर बख्शने वाले हैं |
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2431 | 20 | 83 | وما أعجلك عن قومك يا موسى |
| | | फिर जब मूसा सत्तर आदमियों को लेकर चले और खुद बढ़ आए तो हमने कहा कि (ऐ मूसा तुमने अपनी क़ौम से आगे चलने में क्यों जल्दी की) |
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2432 | 20 | 84 | قال هم أولاء على أثري وعجلت إليك رب لترضى |
| | | ग़रज़ की वह भी तो मेरे ही पीछे चले आ रहे हैं और इसी लिए मैं जल्दी करके तेरे पास इसलिए आगे बढ़ आया हूँ ताकि तू (मुझसे) खुश रहे |
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2433 | 20 | 85 | قال فإنا قد فتنا قومك من بعدك وأضلهم السامري |
| | | फ़रमाया तो हमने तुम्हारे (आने के बाद) तुम्हारी क़ौम का इम्तिहान लिया और सामरी ने उनको गुमराह कर छोड़ा |
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2434 | 20 | 86 | فرجع موسى إلى قومه غضبان أسفا قال يا قوم ألم يعدكم ربكم وعدا حسنا أفطال عليكم العهد أم أردتم أن يحل عليكم غضب من ربكم فأخلفتم موعدي |
| | | (तो मूसा) गुस्से में भरे पछताए हुए अपनी क़ौम की तरफ पलटे और आकर कहने लगे ऐ मेरी (क़म्बख्त) क़ौम क्या तुमसे तुम्हारे परवरदिगार ने एक अच्छा वायदा (तौरेत देने का) न किया था तुम्हारे वायदे में अरसा लग गया या तुमने ये चाहा कि तुम पर तुम्हारे परवरदिगार का ग़ज़ब टूंट पड़े कि तुमने मेरे वायदे (खुदा की परसतिश) के ख़िलाफ किया |
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2435 | 20 | 87 | قالوا ما أخلفنا موعدك بملكنا ولكنا حملنا أوزارا من زينة القوم فقذفناها فكذلك ألقى السامري |
| | | वह लोग कहने लगे हमने आपके वायदे के ख़िलाफ नहीं किया बल्कि (बात ये हुईकि फिरऔन की) क़ौम के ज़ेवर के बोझे जो (मिस्र से निकलते वक्त) हम पर लोग गए थे उनको हम लोगों ने (सामरी के कहने से आग में) डाल दिया फिर सामरी ने भी डाल दिया |
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