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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2403 | 20 | 55 | منها خلقناكم وفيها نعيدكم ومنها نخرجكم تارة أخرى |
| | | हमने इसी ज़मीन से तुम को पैदा किया और (मरने के बाद) इसमें लौटा कर लाएँगे और उसी से दूसरी बार (क़यामत के दिन) तुमको निकाल खड़ा करेंगे |
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2404 | 20 | 56 | ولقد أريناه آياتنا كلها فكذب وأبى |
| | | और मैंने फिरऔन को अपनी सारी निशानियाँ दिखा दी |
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2405 | 20 | 57 | قال أجئتنا لتخرجنا من أرضنا بسحرك يا موسى |
| | | इस पर भी उसने सबको झुठला दिया और न माना (और) कहने लगा ऐ मूसा क्या तुम हमारे पास इसलिए आए हो |
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2406 | 20 | 58 | فلنأتينك بسحر مثله فاجعل بيننا وبينك موعدا لا نخلفه نحن ولا أنت مكانا سوى |
| | | कि हम को हमारे मुल्क (मिस्र से) अपने जादू के ज़ोर से निकाल बाहर करो अच्छा तो (रहो) हम भी तुम्हारे सामने ऐसा जादू पेश करते हैं फिर तुम अपने और हमारे दरमियान एक वक्त मुक़र्रर करो कि न हम उसके ख़िलाफ करे और न तुम और मुक़ाबला एक साफ़ खुले मैदान में हो |
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2407 | 20 | 59 | قال موعدكم يوم الزينة وأن يحشر الناس ضحى |
| | | मूसा ने कहा तुम्हारे (मुक़ाबले) की मीयाद ज़ीनत (ईद) का दिन है और उस रोज़ सब लोग दिन चढ़े जमा किए जाँए |
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2408 | 20 | 60 | فتولى فرعون فجمع كيده ثم أتى |
| | | उसके बाद फिरऔन (अपनी जगह) लौट गया फिर अपने चलत्तर (जादू के सामान) जमा करने लगा |
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2409 | 20 | 61 | قال لهم موسى ويلكم لا تفتروا على الله كذبا فيسحتكم بعذاب وقد خاب من افترى |
| | | फिर (मुक़ाबले को) आ मौजूद हुआ मूसा ने (फ़िरऔनियों से) कहा तुम्हारा नास हो खुदा पर झूठी-झूठी इफ्तेरा परदाज़ियाँ न करो वरना वह अज़ाब (नाज़िल करके) इससे तुम्हारा मटियामेट कर छोड़ेगा |
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2410 | 20 | 62 | فتنازعوا أمرهم بينهم وأسروا النجوى |
| | | और (याद रखो कि) जिसने इफ्तेरा परदाज़ियाँ न की वह यकीनन नामुराद रहा उस पर वह लोग अपने काम में बाहम झगड़ने और सरगोशियाँ करने लगे |
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2411 | 20 | 63 | قالوا إن هذان لساحران يريدان أن يخرجاكم من أرضكم بسحرهما ويذهبا بطريقتكم المثلى |
| | | (आख़िर) वह लोग बोल उठे कि ये दोनों यक़ीनन जादूगर हैं और चाहते हैं कि अपने जादू (के ज़ोर) से तुम लोगों को तुम्हारे मुल्क से निकाल बाहर करें और तुम्हारे अच्छे ख़ासे मज़हब को मिटा छोड़ें |
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2412 | 20 | 64 | فأجمعوا كيدكم ثم ائتوا صفا وقد أفلح اليوم من استعلى |
| | | तो तुम भी खूब अपने चलत्तर (जादू वग़ैरह) दुरूस्त कर लो फिर परा (सफ़) बाँध के (उनके मुक़ाबले में) आ पड़ो और जो आज डर रहा हो वही फायज़ुलहराम रहा |
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