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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2402 | 20 | 54 | كلوا وارعوا أنعامكم إن في ذلك لآيات لأولي النهى |
| | | खाओ और अपने चौपायों को भी चराओ! निस्संदेह इसमें बुद्धिमानों के लिए बहुत-सी निशानियाँ है |
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2403 | 20 | 55 | منها خلقناكم وفيها نعيدكم ومنها نخرجكم تارة أخرى |
| | | उसी से हमने तुम्हें पैदा किया और उसी में हम तुम्हें लौटाते है और उसी से तुम्हें दूसरी बार निकालेंगे।" |
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2404 | 20 | 56 | ولقد أريناه آياتنا كلها فكذب وأبى |
| | | और हमने फ़िरऔन को अपनी सब निशानियाँ दिखाई, किन्तु उसने झुठलाया और इनकार किया।- |
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2405 | 20 | 57 | قال أجئتنا لتخرجنا من أرضنا بسحرك يا موسى |
| | | उसने कहा, "ऐ मूसा! क्या तू हमारे पास इसलिए आया है कि अपने जादू से हमको हमारे अपने भूभाग से निकाल दे? |
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2406 | 20 | 58 | فلنأتينك بسحر مثله فاجعل بيننا وبينك موعدا لا نخلفه نحن ولا أنت مكانا سوى |
| | | अच्छा, हम भी तेरे पास ऐसा ही जादू लाते है। अब हमारे और अपने बीच एक निश्चित स्थान ठहरा ले, कोई बीच की जगह, न हम इसके विरुद्ध जाएँ और न तू।" |
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2407 | 20 | 59 | قال موعدكم يوم الزينة وأن يحشر الناس ضحى |
| | | कहा, "उत्सव का दिन तुम्हारे वादे का है और यह कि लोग दिन चढ़े इकट्ठे हो जाएँ।" |
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2408 | 20 | 60 | فتولى فرعون فجمع كيده ثم أتى |
| | | तब फ़िरऔन ने पलटकर अपने सारे हथकंडे जुटाए। और आ गया |
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2409 | 20 | 61 | قال لهم موسى ويلكم لا تفتروا على الله كذبا فيسحتكم بعذاب وقد خاب من افترى |
| | | मूसा ने उन लोगों से कहा, "तबाही है तुम्हारी; झूठ घड़कर अल्लाह पर न थोपो कि वह तुम्हें एक यातना से विनष्ट कर दे और झूठ जिस किसी ने भी घड़कर थोपा, वह असफल रहा।" |
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2410 | 20 | 62 | فتنازعوا أمرهم بينهم وأسروا النجوى |
| | | इसपर उन्होंने परस्पर बड़ा मतभेद किया औऱ और चुपके-चुपके कानाफूसी की |
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2411 | 20 | 63 | قالوا إن هذان لساحران يريدان أن يخرجاكم من أرضكم بسحرهما ويذهبا بطريقتكم المثلى |
| | | कहने लगे, "ये दोनों जादूगर है, चाहते है कि अपने जादू से तुम्हें तुम्हारे भूभाग से निकाल बाहर करें। और तुम्हारी उत्तम और उच्च प्रणाली को तहस-नहस करके रख दे।" |
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