بسم الله الرحمن الرحيم

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25218صم بكم عمي فهم لا يرجعون
कि अब उन्हें कुछ सुझाई नहीं देता ये लोग बहरे गूँगे अन्धे हैं कि फिर अपनी गुमराही से बाज़ नहीं आ सकते
26219أو كصيب من السماء فيه ظلمات ورعد وبرق يجعلون أصابعهم في آذانهم من الصواعق حذر الموت والله محيط بالكافرين
या उनकी मिसाल ऐसी है जैसे आसमानी बारिश जिसमें तारिकियाँ ग़र्ज़ बिजली हो मौत के खौफ से कड़क के मारे अपने कानों में ऊँगलियाँ दे लेते हैं हालाँकि खुदा काफ़िरों को (इस तरह) घेरे हुए है (कि उसक हिल नहीं सकते)
27220يكاد البرق يخطف أبصارهم كلما أضاء لهم مشوا فيه وإذا أظلم عليهم قاموا ولو شاء الله لذهب بسمعهم وأبصارهم إن الله على كل شيء قدير
क़रीब है कि बिजली उनकी ऑंखों को चौन्धिया दे जब उनके आगे बिजली चमकी तो उस रौशनी में चल खड़े हुए और जब उन पर अंधेरा छा गया तो (ठिठके के) खड़े हो गए और खुदा चाहता तो यूँ भी उनके देखने और सुनने की कूवतें छीन लेता बेशक खुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
28221يا أيها الناس اعبدوا ربكم الذي خلقكم والذين من قبلكم لعلكم تتقون
ऐ लोगों अपने परवरदिगार की इबादत करो जिसने तुमको और उन लोगों को जो तुम से पहले थे पैदा किया है अजब नहीं तुम परहेज़गार बन जाओ
29222الذي جعل لكم الأرض فراشا والسماء بناء وأنزل من السماء ماء فأخرج به من الثمرات رزقا لكم فلا تجعلوا لله أندادا وأنتم تعلمون
जिसने तुम्हारे लिए ज़मीन का बिछौना और आसमान को छत बनाया और आसमान से पानी बरसाया फिर उसी ने तुम्हारे खाने के लिए बाज़ फल पैदा किए पस किसी को खुदा का हमसर न बनाओ हालाँकि तुम खूब जानते हो
30223وإن كنتم في ريب مما نزلنا على عبدنا فأتوا بسورة من مثله وادعوا شهداءكم من دون الله إن كنتم صادقين
और अगर तुम लोग इस कलाम से जो हमने अपने बन्दे (मोहम्मद) पर नाज़िल किया है शक में पड़े हो पस अगर तुम सच्चे हो तो तुम (भी) एक सूरा बना लाओ और खुदा के सिवा जो भी तुम्हारे मददगार हों उनको भी बुला लो
31224فإن لم تفعلوا ولن تفعلوا فاتقوا النار التي وقودها الناس والحجارة أعدت للكافرين
पस अगर तुम ये नहीं कर सकते हो और हरगिज़ नहीं कर सकोगे तो उस आग से डरो सिके ईधन आदमी और पत्थर होंगे और काफ़िरों के लिए तैयार की गई है
32225وبشر الذين آمنوا وعملوا الصالحات أن لهم جنات تجري من تحتها الأنهار كلما رزقوا منها من ثمرة رزقا قالوا هذا الذي رزقنا من قبل وأتوا به متشابها ولهم فيها أزواج مطهرة وهم فيها خالدون
और जो लोग ईमान लाए और उन्होंने नेक काम किए उनको (ऐ पैग़म्बर) खुशख़बरी दे दो कि उनके लिए (बेहिश्त के) वह बाग़ात हैं जिनके नीचे नहरे जारी हैं जब उन्हें इन बाग़ात का कोई मेवा खाने को मिलेगा तो कहेंगे ये तो वही (मेवा है जो पहले भी हमें खाने को मिल चुका है) (क्योंकि) उन्हें मिलती जुलती सूरत व रंग के (मेवे) मिला करेंगे और बेहिश्त में उनके लिए साफ सुथरी बीवियाँ होगी और ये लोग उस बाग़ में हमेशा रहेंगे
33226إن الله لا يستحيي أن يضرب مثلا ما بعوضة فما فوقها فأما الذين آمنوا فيعلمون أنه الحق من ربهم وأما الذين كفروا فيقولون ماذا أراد الله بهذا مثلا يضل به كثيرا ويهدي به كثيرا وما يضل به إلا الفاسقين
बेशक खुदा मच्छर या उससे भी बढ़कर (हक़ीर चीज़) की कोई मिसाल बयान करने में नहीं झेंपता पस जो लोग ईमान ला चुके हैं वह तो ये यक़ीन जानते हैं कि ये (मिसाल) बिल्कुल ठीक है और ये परवरदिगार की तरफ़ से है (अब रहे) वह लोग जो काफ़िर है पस वह बोल उठते हैं कि खुदा का उस मिसाल से क्या मतलब है, ऐसी मिसाल से ख़ुदा बहुतेरों की हिदायत करता है मगर गुमराही में छोड़ता भी है तो ऐसे बदकारों को
34227الذين ينقضون عهد الله من بعد ميثاقه ويقطعون ما أمر الله به أن يوصل ويفسدون في الأرض أولئك هم الخاسرون
जो लोग खुदा के एहदो पैमान को मज़बूत हो जाने के बाद तोड़ डालते हैं और जिन (ताल्लुक़ात) का खुदा ने हुक्म दिया है उनको क़ताआ कर देते हैं और मुल्क में फसाद करते फिरते हैं, यही लोग घाटा उठाने वाले हैं


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