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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2396 | 20 | 48 | إنا قد أوحي إلينا أن العذاب على من كذب وتولى |
| | | निस्संदेह हमारी ओर प्रकाशना हुई है कि यातना उसके लिए है, जो झुठलाए और मुँह फेरे।" |
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2397 | 20 | 49 | قال فمن ربكما يا موسى |
| | | उसने कहा, "अच्छा, तुम दोनों का रब कौन है, मूसा?" |
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2398 | 20 | 50 | قال ربنا الذي أعطى كل شيء خلقه ثم هدى |
| | | कहा, "हमारा रब वह है जिसने हर चीज़ को उसकी आकृति दी, फिर तदनुकूव निर्देशन किया।" |
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2399 | 20 | 51 | قال فما بال القرون الأولى |
| | | उसने कहा, "अच्छा तो उन नस्लों का क्या हाल है, जो पहले थी?" |
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2400 | 20 | 52 | قال علمها عند ربي في كتاب لا يضل ربي ولا ينسى |
| | | कहा, "उसका ज्ञान मेरे रब के पास एक किताब में सुरक्षित है। मेरा रब न चूकता है और न भूलता है।" |
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2401 | 20 | 53 | الذي جعل لكم الأرض مهدا وسلك لكم فيها سبلا وأنزل من السماء ماء فأخرجنا به أزواجا من نبات شتى |
| | | "वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को पालना (बिछौना) बनाया और उसने तुम्हारे लिए रास्ते निकाले और आकाश से पानी उतारा। फिर हमने उसके द्वारा विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे निकाले |
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2402 | 20 | 54 | كلوا وارعوا أنعامكم إن في ذلك لآيات لأولي النهى |
| | | खाओ और अपने चौपायों को भी चराओ! निस्संदेह इसमें बुद्धिमानों के लिए बहुत-सी निशानियाँ है |
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2403 | 20 | 55 | منها خلقناكم وفيها نعيدكم ومنها نخرجكم تارة أخرى |
| | | उसी से हमने तुम्हें पैदा किया और उसी में हम तुम्हें लौटाते है और उसी से तुम्हें दूसरी बार निकालेंगे।" |
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2404 | 20 | 56 | ولقد أريناه آياتنا كلها فكذب وأبى |
| | | और हमने फ़िरऔन को अपनी सब निशानियाँ दिखाई, किन्तु उसने झुठलाया और इनकार किया।- |
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2405 | 20 | 57 | قال أجئتنا لتخرجنا من أرضنا بسحرك يا موسى |
| | | उसने कहा, "ऐ मूसा! क्या तू हमारे पास इसलिए आया है कि अपने जादू से हमको हमारे अपने भूभाग से निकाल दे? |
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