بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
23892041واصطنعتك لنفسي
और मैंने तुमको अपनी रिसालत के वास्ते मुन्तख़िब किया
23902042اذهب أنت وأخوك بآياتي ولا تنيا في ذكري
तुम अपने भाई समैत हमारे मौजिज़े लेकर जाओ और (देखो) मेरी याद में सुस्ती न करना
23912043اذهبا إلى فرعون إنه طغى
तुम दोनों फिरऔन के पास जाओ बेशक वह बहुत सरकश हो गया है
23922044فقولا له قولا لينا لعله يتذكر أو يخشى
फिर उससे (जाकर) नरमी से बातें करो ताकि वह नसीहत मान ले या डर जाए
23932045قالا ربنا إننا نخاف أن يفرط علينا أو أن يطغى
दोनों ने अर्ज़ की ऐ हमारे पालने वाले हम डरते हैं कि कहीं वह हम पर ज्यादती (न) कर बैठे या ज्यादा सरकशी कर ले
23942046قال لا تخافا إنني معكما أسمع وأرى
फ़रमाया तुम डरो नहीं मैं तुम्हारे साथ हूँ (सब कुछ) सुनता और देखता हूँ
23952047فأتياه فقولا إنا رسولا ربك فأرسل معنا بني إسرائيل ولا تعذبهم قد جئناك بآية من ربك والسلام على من اتبع الهدى
ग़रज़ तुम दोनों उसके पास जाओ और कहो कि हम आप के परवरदिगार के रसूल हैं तो बनी इसराइल को हमारे साथ भेज दीजिए और उन्हें सताइए नहीं हम आपके पास आपके परवरदिगार का मौजिज़ा लेकर आए हैं और जो राहे रास्त की पैरवी करे उसी के लिए सलामती है
23962048إنا قد أوحي إلينا أن العذاب على من كذب وتولى
हमारे पास खुदा की तरफ से ये ''वही'' नाज़िल हुईहै कि यक़ीनन अज़ाब उसी शख्स पर है जो (खुदा की आयतों को) झुठलाए
23972049قال فمن ربكما يا موسى
और उसके हुक्म से मुँह मोड़े (ग़रज़ गए और कहा) फिरऔन ने पूछा ऐ मूसा आख़िर तुम दोनों का परवरदिगार कौन है
23982050قال ربنا الذي أعطى كل شيء خلقه ثم هدى
मूसा ने कहा हमारा परवरदिगार वह है जिसने हर चीज़ को उसके (मुनासिब) सूरत अता फरमाई


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