بسم الله الرحمن الرحيم

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23391989لقد جئتم شيئا إدا
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि तुमने इतनी बड़ी सख्त बात अपनी तरफ से गढ़ के की है
23401990تكاد السماوات يتفطرن منه وتنشق الأرض وتخر الجبال هدا
कि क़रीब है कि आसमान उससे फट पड़े और ज़मीन शिगाफता हो जाए और पहाड़ टुकड़े-टुकडे होकर गिर पड़े
23411991أن دعوا للرحمن ولدا
इस बात से कि उन लोगों ने खुदा के लिए बेटा क़रार दिया
23421992وما ينبغي للرحمن أن يتخذ ولدا
हालाँकि खुदा के लिए ये किसी तरह शायाँ ही नहीं कि वह (किसी को अपना) बेटा बना ले
23431993إن كل من في السماوات والأرض إلا آتي الرحمن عبدا
सारे आसमान व ज़मीन में जितनी चीज़े हैं सब की सब खुदा के सामने बन्दा ही बनकर आने वाली हैं उसने यक़ीनन सबको अपने (इल्म) के अहाते में घेर लिया है
23441994لقد أحصاهم وعدهم عدا
और सबको अच्छी तरह गिन लिया है
23451995وكلهم آتيه يوم القيامة فردا
और ये सब उसके सामने क़यामत के दिन अकेले (अकेले) हाज़िर होंगे
23461996إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات سيجعل لهم الرحمن ودا
बेशक जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए अनक़रीब ही खुदा उन की मोहब्बत (लोगों के दिलों में) पैदा कर देगा
23471997فإنما يسرناه بلسانك لتبشر به المتقين وتنذر به قوما لدا
(ऐ रसूल) हमने उस कुरान को तुम्हारी (अरबी) जुबान में सिर्फ इसलिए आसान कर दिया है कि तुम उसके ज़रिए से परहेज़गारों को (जन्नत की) खुशख़बरी दो और (अरब की) झगड़ालू क़ौम को (अज़ाबे खुदा से) डराओ
23481998وكم أهلكنا قبلهم من قرن هل تحس منهم من أحد أو تسمع لهم ركزا
और हमने उनसे पहले कितनी जमाअतों को हलाक कर डाला भला तुम उनमें से किसी को (कहीं देखते हो) उसकी कुछ भनक भी सुनते हो


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