بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
22891939وأنذرهم يوم الحسرة إذ قضي الأمر وهم في غفلة وهم لا يؤمنون
और (ऐ रसूल) तुम उनको हसरत (अफ़सोस) के दिन से डराओ जब क़तई फैसला कर दिया जाएगा और (इस वक्त तो) ये लोग ग़फलत में (पड़े हैं)
22901940إنا نحن نرث الأرض ومن عليها وإلينا يرجعون
और ईमान नहीं लाते इसमें शक नहीं कि (एक दिन) ज़मीन के और जो कुछ उस पर है (उसके) हम ही वारिस होंगे
22911941واذكر في الكتاب إبراهيم إنه كان صديقا نبيا
(और सब नेस्त व नाबूद हो जाएँगे) और सब के सब हमारी तरफ़ लौटाए जाएँगे और (ऐ रसूल) क़ुरान में इबराहीम का (भी) तज़किरा करो
22921942إذ قال لأبيه يا أبت لم تعبد ما لا يسمع ولا يبصر ولا يغني عنك شيئا
इसमें शक नहीं कि वह बड़े सच्चे नबी थे जब उन्होंने अपने चचा और मुँह बोले बाप से कहा कि ऐ अब्बा आप क्यों, ऐसी चीज़ (बुत) की परसतिश करते हैं जो ने सुन सकता है और न देख सकता है
22931943يا أبت إني قد جاءني من العلم ما لم يأتك فاتبعني أهدك صراطا سويا
और न कुछ आपके काम ही आ सकता है ऐ मेरे अब्बा यक़ीनन मेरे पास वह इल्म आ चुका है जो आपके पास नहीं आया तो आप मेरी पैरवी कीजिए मैं आपको (दीन की) सीधी राह दिखा दूँगा
22941944يا أبت لا تعبد الشيطان إن الشيطان كان للرحمن عصيا
ऐ अब्बा आप शैतान की परसतिश न कीजिए (क्योंकि) शैतान यक़ीनन खुदा का नाफ़रमान (बन्दा) है।
22951945يا أبت إني أخاف أن يمسك عذاب من الرحمن فتكون للشيطان وليا
ऐ अब्बा मैं यक़ीनन इससे डरता हूँ कि (मुबादा) खुदा की तरफ से आप पर कोई अज़ाब नाज़िल हो तो (आख़िर) आप शैतान के साथी बन जाईए
22961946قال أراغب أنت عن آلهتي يا إبراهيم لئن لم تنته لأرجمنك واهجرني مليا
(आज़र ने) कहा (क्यों) इबराहीम क्या तू मेरे माबूदों को नहीं मानता है अगर तू (इन बातों से) किसी तरह बाज़ न आएगा तो (याद रहे) मैं तुझे संगसार कर दूँगा और तू मेरे पास से हमेशा के लिए दूर हो जा
22971947قال سلام عليك سأستغفر لك ربي إنه كان بي حفيا
इबराहीम ने कहा (अच्छा तो) मेरा सलाम लीजिए (मगर इस पर भी) मैं अपने परवरदिगार से आपकी बख्शिश की दुआ करूँगा
22981948وأعتزلكم وما تدعون من دون الله وأدعو ربي عسى ألا أكون بدعاء ربي شقيا
(क्योंकि) बेशक वह मुझ पर बड़ा मेहरबान है और मैंने आप को (भी) और इन बुतों को (भी) जिन्हें आप लोग खुदा को छोड़कर पूजा करते हैं (सबको) छोड़ा और अपने परवरदिगार ही की इबादत करूँगा उम्मीद है कि मैं अपने परवरदिगार की इबादत से महरूम न रहूँगा


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