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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2289 | 19 | 39 | وأنذرهم يوم الحسرة إذ قضي الأمر وهم في غفلة وهم لا يؤمنون |
| | | और (ऐ रसूल) तुम उनको हसरत (अफ़सोस) के दिन से डराओ जब क़तई फैसला कर दिया जाएगा और (इस वक्त तो) ये लोग ग़फलत में (पड़े हैं) |
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2290 | 19 | 40 | إنا نحن نرث الأرض ومن عليها وإلينا يرجعون |
| | | और ईमान नहीं लाते इसमें शक नहीं कि (एक दिन) ज़मीन के और जो कुछ उस पर है (उसके) हम ही वारिस होंगे |
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2291 | 19 | 41 | واذكر في الكتاب إبراهيم إنه كان صديقا نبيا |
| | | (और सब नेस्त व नाबूद हो जाएँगे) और सब के सब हमारी तरफ़ लौटाए जाएँगे और (ऐ रसूल) क़ुरान में इबराहीम का (भी) तज़किरा करो |
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2292 | 19 | 42 | إذ قال لأبيه يا أبت لم تعبد ما لا يسمع ولا يبصر ولا يغني عنك شيئا |
| | | इसमें शक नहीं कि वह बड़े सच्चे नबी थे जब उन्होंने अपने चचा और मुँह बोले बाप से कहा कि ऐ अब्बा आप क्यों, ऐसी चीज़ (बुत) की परसतिश करते हैं जो ने सुन सकता है और न देख सकता है |
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2293 | 19 | 43 | يا أبت إني قد جاءني من العلم ما لم يأتك فاتبعني أهدك صراطا سويا |
| | | और न कुछ आपके काम ही आ सकता है ऐ मेरे अब्बा यक़ीनन मेरे पास वह इल्म आ चुका है जो आपके पास नहीं आया तो आप मेरी पैरवी कीजिए मैं आपको (दीन की) सीधी राह दिखा दूँगा |
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2294 | 19 | 44 | يا أبت لا تعبد الشيطان إن الشيطان كان للرحمن عصيا |
| | | ऐ अब्बा आप शैतान की परसतिश न कीजिए (क्योंकि) शैतान यक़ीनन खुदा का नाफ़रमान (बन्दा) है। |
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2295 | 19 | 45 | يا أبت إني أخاف أن يمسك عذاب من الرحمن فتكون للشيطان وليا |
| | | ऐ अब्बा मैं यक़ीनन इससे डरता हूँ कि (मुबादा) खुदा की तरफ से आप पर कोई अज़ाब नाज़िल हो तो (आख़िर) आप शैतान के साथी बन जाईए |
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2296 | 19 | 46 | قال أراغب أنت عن آلهتي يا إبراهيم لئن لم تنته لأرجمنك واهجرني مليا |
| | | (आज़र ने) कहा (क्यों) इबराहीम क्या तू मेरे माबूदों को नहीं मानता है अगर तू (इन बातों से) किसी तरह बाज़ न आएगा तो (याद रहे) मैं तुझे संगसार कर दूँगा और तू मेरे पास से हमेशा के लिए दूर हो जा |
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2297 | 19 | 47 | قال سلام عليك سأستغفر لك ربي إنه كان بي حفيا |
| | | इबराहीम ने कहा (अच्छा तो) मेरा सलाम लीजिए (मगर इस पर भी) मैं अपने परवरदिगार से आपकी बख्शिश की दुआ करूँगा |
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2298 | 19 | 48 | وأعتزلكم وما تدعون من دون الله وأدعو ربي عسى ألا أكون بدعاء ربي شقيا |
| | | (क्योंकि) बेशक वह मुझ पर बड़ा मेहरबान है और मैंने आप को (भी) और इन बुतों को (भी) जिन्हें आप लोग खुदा को छोड़कर पूजा करते हैं (सबको) छोड़ा और अपने परवरदिगार ही की इबादत करूँगा उम्मीद है कि मैं अपने परवरदिगार की इबादत से महरूम न रहूँगा |
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