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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2268 | 19 | 18 | قالت إني أعوذ بالرحمن منك إن كنت تقيا |
| | | (वह उसको देखकर घबराई और) कहने लगी अगर तू परहेज़गार है तो मैं तुझ से खुदा की पनाह माँगती हूँ |
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2269 | 19 | 19 | قال إنما أنا رسول ربك لأهب لك غلاما زكيا |
| | | (मेरे पास से हट जा) जिबरील ने कहा मैं तो साफ़ तुम्हारे परवरदिगार का पैग़मबर (फ़रिश्ता) हूँ ताकि तुमको पाक व पाकीज़ा लड़का अता करूँ |
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2270 | 19 | 20 | قالت أنى يكون لي غلام ولم يمسسني بشر ولم أك بغيا |
| | | मरियम ने कहा मुझे लड़का क्योंकर हो सकता है हालाँकि किसी मर्द ने मुझे छुआ तक नहीं है औ मैं न बदकार हूँ |
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2271 | 19 | 21 | قال كذلك قال ربك هو علي هين ولنجعله آية للناس ورحمة منا وكان أمرا مقضيا |
| | | जिबरील ने कहा तुमने कहा ठीक (मगर) तुम्हारे परवरदिगार ने फ़रमाया है कि ये बात (बे बाप के लड़का पैदा करना) मुझ पर आसान है ताकि इसको (पैदा करके) लोगों के वास्ते (अपनी क़ुदरत की) निशानी क़रार दें और अपनी ख़ास रहमत का ज़रिया बनायें |
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2272 | 19 | 22 | فحملته فانتبذت به مكانا قصيا |
| | | और ये बात फैसला शुदा है ग़रज़ लड़के के साथ वह आप ही आप हामेला हो गई फिर इसकी वजह से लोगों से अलग एक दूर के मकान में चली गई |
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2273 | 19 | 23 | فأجاءها المخاض إلى جذع النخلة قالت يا ليتني مت قبل هذا وكنت نسيا منسيا |
| | | फिर (जब जनने का वक्त ़क़रीब आया तो दरदे ज़ह) उन्हें एक खजूर के (सूखे) दरख्त की जड़ में ले आया और (बेकसी में शर्म से) कहने लगीं काश मैं इससे पहले मर जाती और (न पैद होकर) |
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2274 | 19 | 24 | فناداها من تحتها ألا تحزني قد جعل ربك تحتك سريا |
| | | बिल्कुल भूली बिसरी हो जाती तब जिबरील ने मरियम के पाईन की तरफ़ से आवाज़ दी कि तुम कुढ़ों नहीं देखो तो तुम्हारे परवरदिगार ने तुम्हारे क़रीब ही नीचे एक चश्मा जारी कर दिया है |
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2275 | 19 | 25 | وهزي إليك بجذع النخلة تساقط عليك رطبا جنيا |
| | | और खुरमे की जड़ (पकड़ कर) अपनी तरफ़ हिलाओ तुम पर पक्के-पक्के ताजे खुरमे झड़ पड़ेगें फिर (शौक़ से खुरमे) खाओ |
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2276 | 19 | 26 | فكلي واشربي وقري عينا فإما ترين من البشر أحدا فقولي إني نذرت للرحمن صوما فلن أكلم اليوم إنسيا |
| | | और (चश्मे का पानी) पियो और (लड़के से) अपनी ऑंख ठन्डी करो फिर अगर तुम किसी आदमी को देखो (और वह तुमसे कुछ पूछे) तो तुम इशारे से कह देना कि मैंने खुदा के वास्ते रोजे क़ी नज़र की थी तो मैं आज हरगिज़ किसी से बात नहीं कर सकती |
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2277 | 19 | 27 | فأتت به قومها تحمله قالوا يا مريم لقد جئت شيئا فريا |
| | | फिर मरियम उस लड़के को अपनी गोद में लिए हुए अपनी क़ौम के पास आयीं वह लोग देखकर कहने लगे ऐ मरियम तुमने तो यक़ीनन बहुत बुरा काम किया |
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