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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2264 | 19 | 14 | وبرا بوالديه ولم يكن جبارا عصيا |
| | | और अपने माँ-बाप का हक़ पहचानेवाला था। और वह सरकश अवज्ञाकारी न था |
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2265 | 19 | 15 | وسلام عليه يوم ولد ويوم يموت ويوم يبعث حيا |
| | | "सलाम उस पर, जिस दिन वह पैदा हुआ और जिस दिन उसकी मृत्यु हो और जिस दिन वह जीवित करके उठाया जाए!" |
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2266 | 19 | 16 | واذكر في الكتاب مريم إذ انتبذت من أهلها مكانا شرقيا |
| | | और इस किताब में मरयम की चर्चा करो, जबकि वह अपने घरवालों से अलग होकर एक पूर्वी स्थान पर चली गई |
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2267 | 19 | 17 | فاتخذت من دونهم حجابا فأرسلنا إليها روحنا فتمثل لها بشرا سويا |
| | | फिर उसने उनसे परदा कर लिया। तब हमने उसके पास अपनी रूह (फ़रिश्तेप) को भेजा और वह उसके सामने एक पूर्ण मनुष्य के रूप में प्रकट हुआ |
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2268 | 19 | 18 | قالت إني أعوذ بالرحمن منك إن كنت تقيا |
| | | वह बोल उठी, "मैं तुझसे बचने के लिए रहमान की पनाह माँगती हूँ; यदि तू (अल्लाह का) डर रखनेवाला है (तो यहाँ से हट जाएगा) ।" |
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2269 | 19 | 19 | قال إنما أنا رسول ربك لأهب لك غلاما زكيا |
| | | उसने कहा, "मैं तो केवल तेरे रब का भेजा हुआ हूँ, ताकि तुझे नेकी और भलाई से बढ़ा हुआ लड़का दूँ।" |
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2270 | 19 | 20 | قالت أنى يكون لي غلام ولم يمسسني بشر ولم أك بغيا |
| | | वह बोली, "मेरे कहाँ से लड़का होगा, जबकि मुझे किसी आदमी ने छुआ तक नही और न मैं कोई बदचलन हूँ?" |
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2271 | 19 | 21 | قال كذلك قال ربك هو علي هين ولنجعله آية للناس ورحمة منا وكان أمرا مقضيا |
| | | उसने कहा, "ऐसा ही होगा। रब ने कहा है कि यह मेरे लिए सहज है। और ऐसा इसलिए होगा (ताकि हम तुझे) और ताकि हम उसे लोगों के लिए एक निशानी बनाएँ और अपनी ओर से एक दयालुता। यह तो ऐसी बात है जिसका निर्णय हो चुका है।" |
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2272 | 19 | 22 | فحملته فانتبذت به مكانا قصيا |
| | | फिर उसे उस (बच्चे) का गर्भ रह गया और वह उसे लिए हुए एक दूर के स्थान पर अलग चली गई। |
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2273 | 19 | 23 | فأجاءها المخاض إلى جذع النخلة قالت يا ليتني مت قبل هذا وكنت نسيا منسيا |
| | | अन्ततः प्रसव पीड़ा उसे एक खजूर के तने के पास ले आई। वह कहने लगी, "क्या ही अच्छा होता कि मैं इससे पहले ही मर जाती और भूली-बिसरी हो गई होती!" |
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