بسم الله الرحمن الرحيم

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2257197يا زكريا إنا نبشرك بغلام اسمه يحيى لم نجعل له من قبل سميا
खुदा ने फरमाया हम तुमको एक लड़के की खुशख़बरी देते हैं जिसका नाम यहया होगा और हमने उससे पहले किसी को उसका हमनाम नहीं पैदा किया
2258198قال رب أنى يكون لي غلام وكانت امرأتي عاقرا وقد بلغت من الكبر عتيا
ज़करिया ने अर्ज़ की या इलाही (भला) मुझे लड़का क्योंकर होगा और हालत ये है कि मेरी बीवी बाँझ है और मैं खुद हद से ज्यादा बुढ़ापे को पहुँच गया हूँ
2259199قال كذلك قال ربك هو علي هين وقد خلقتك من قبل ولم تك شيئا
(खुदा ने) फ़रमाया ऐसा ही होगा तुम्हारा परवरदिगार फ़रमाता है कि ये बात हम पर (कुछ दुशवार नहीं) आसान है और (तुम अपने को तो ख्याल करो कि) इससे पहले तुमको पैदा किया हालाँकि तुम कुछ भी न थे
22601910قال رب اجعل لي آية قال آيتك ألا تكلم الناس ثلاث ليال سويا
ज़करिया ने अर्ज़ की इलाही मेरे लिए कोई अलामत मुक़र्रर कर दें हुक्म हुआ तुम्हारी पहचान ये है कि तुम तीन रात (दिन) बराबर लोगों से बात नहीं कर सकोगे
22611911فخرج على قومه من المحراب فأوحى إليهم أن سبحوا بكرة وعشيا
फिर ज़करिया (अपने इबादत के) हुजरे से अपनी क़ौम के पास (हिदायत देने के लिए) निकले तो उन से इशारा किया कि तुम लोग सुबह व शाम बराबर उसकी तसबीह (व तक़दीस) किया करो
22621912يا يحيى خذ الكتاب بقوة وآتيناه الحكم صبيا
(ग़रज़ यहया पैदा हुए और हमने उनसे कहा) ऐ यहया किताब (तौरेत) मज़बूती के साथ लो
22631913وحنانا من لدنا وزكاة وكان تقيا
और हमने उन्हें बचपन ही में अपनी बारगाह से नुबूवत और रहमदिली और पाक़ीज़गी अता फरमाई
22641914وبرا بوالديه ولم يكن جبارا عصيا
और वह (ख़ुद भी) परहेज़गार और अपने माँ बाप के हक़ में सआदतमन्द थे और सरकश नाफरमान न थे
22651915وسلام عليه يوم ولد ويوم يموت ويوم يبعث حيا
और (हमारी तरफ से) उन पर (बराबर) सलाम है जिस दिन पैदा हुए और जिस दिन मरेंगे और जिस दिन (दोबारा) ज़िन्दा उठा खड़े किए जाएँगे
22661916واذكر في الكتاب مريم إذ انتبذت من أهلها مكانا شرقيا
और (ऐ रसूल) कुरान में मरियम का भी तज़किरा करो कि जब वह अपने लोगों से अलग होकर पूरब की तरफ़ वाले मकान में (गुस्ल के वास्ते) जा बैठें


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