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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2253 | 19 | 3 | إذ نادى ربه نداء خفيا |
| | | कि जब ज़करिया ने अपने परवरदिगार को धीमी आवाज़ से पुकारा |
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2254 | 19 | 4 | قال رب إني وهن العظم مني واشتعل الرأس شيبا ولم أكن بدعائك رب شقيا |
| | | (और) अर्ज़ की ऐ मेरे पालने वाले मेरी हड्डियां कमज़ोर हो गई और सर है कि बुढ़ापे की (आग से) भड़क उठा (सेफद हो गया) है और ऐ मेरे पालने वाले मैं तेरी बारगाह में दुआ कर के कभी महरूम नहीं रहा हूँ |
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2255 | 19 | 5 | وإني خفت الموالي من ورائي وكانت امرأتي عاقرا فهب لي من لدنك وليا |
| | | और मैं अपने (मरने के) बाद अपने वारिसों से सहम जाता हूँ (कि मुबादा दीन को बरबाद करें) और मेरी बीबी उम्मे कुलसूम बिनते इमरान बांझ है पस तू मुझको अपनी बारगाह से एक जाँनशीन फरज़न्द अता फ़रमा |
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2256 | 19 | 6 | يرثني ويرث من آل يعقوب واجعله رب رضيا |
| | | जो मेरी और याकूब की नस्ल की मीरास का मालिक हो ऐ मेरे परवरदिगार और उसको अपना पसन्दीदा बन्दा बना |
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2257 | 19 | 7 | يا زكريا إنا نبشرك بغلام اسمه يحيى لم نجعل له من قبل سميا |
| | | खुदा ने फरमाया हम तुमको एक लड़के की खुशख़बरी देते हैं जिसका नाम यहया होगा और हमने उससे पहले किसी को उसका हमनाम नहीं पैदा किया |
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2258 | 19 | 8 | قال رب أنى يكون لي غلام وكانت امرأتي عاقرا وقد بلغت من الكبر عتيا |
| | | ज़करिया ने अर्ज़ की या इलाही (भला) मुझे लड़का क्योंकर होगा और हालत ये है कि मेरी बीवी बाँझ है और मैं खुद हद से ज्यादा बुढ़ापे को पहुँच गया हूँ |
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2259 | 19 | 9 | قال كذلك قال ربك هو علي هين وقد خلقتك من قبل ولم تك شيئا |
| | | (खुदा ने) फ़रमाया ऐसा ही होगा तुम्हारा परवरदिगार फ़रमाता है कि ये बात हम पर (कुछ दुशवार नहीं) आसान है और (तुम अपने को तो ख्याल करो कि) इससे पहले तुमको पैदा किया हालाँकि तुम कुछ भी न थे |
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2260 | 19 | 10 | قال رب اجعل لي آية قال آيتك ألا تكلم الناس ثلاث ليال سويا |
| | | ज़करिया ने अर्ज़ की इलाही मेरे लिए कोई अलामत मुक़र्रर कर दें हुक्म हुआ तुम्हारी पहचान ये है कि तुम तीन रात (दिन) बराबर लोगों से बात नहीं कर सकोगे |
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2261 | 19 | 11 | فخرج على قومه من المحراب فأوحى إليهم أن سبحوا بكرة وعشيا |
| | | फिर ज़करिया (अपने इबादत के) हुजरे से अपनी क़ौम के पास (हिदायत देने के लिए) निकले तो उन से इशारा किया कि तुम लोग सुबह व शाम बराबर उसकी तसबीह (व तक़दीस) किया करो |
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2262 | 19 | 12 | يا يحيى خذ الكتاب بقوة وآتيناه الحكم صبيا |
| | | (ग़रज़ यहया पैदा हुए और हमने उनसे कहा) ऐ यहया किताब (तौरेत) मज़बूती के साथ लो |
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