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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2241 | 18 | 101 | الذين كانت أعينهم في غطاء عن ذكري وكانوا لا يستطيعون سمعا |
| | | जिनके नेत्र मेरी अनुस्मृति की ओर से परदे में थे और जो कुछ सुन भी नहीं सकते थे |
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2242 | 18 | 102 | أفحسب الذين كفروا أن يتخذوا عبادي من دوني أولياء إنا أعتدنا جهنم للكافرين نزلا |
| | | तो क्या इनकार करनेवाले इस ख़याल में हैं कि मुझसे हटकर मेरे बन्दों को अपना हिमायती बना लें? हमने ऐसे इनकार करनेवालों के आतिथ्य-सत्कार के लिए जहन्नम तैयार कर रखा है |
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2243 | 18 | 103 | قل هل ننبئكم بالأخسرين أعمالا |
| | | कहो, "क्या हम तुम्हें उन लोगों की ख़बर दें, जो अपने कर्मों की स्पष्ट से सबसे बढ़कर घाटा उठानेवाले हैं? |
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2244 | 18 | 104 | الذين ضل سعيهم في الحياة الدنيا وهم يحسبون أنهم يحسنون صنعا |
| | | यो वे लोग है जिनका प्रयास सांसारिक जीवन में अकारथ गया और वे यही समझते है कि वे बहुत अच्छा कर्म कर रहे है |
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2245 | 18 | 105 | أولئك الذين كفروا بآيات ربهم ولقائه فحبطت أعمالهم فلا نقيم لهم يوم القيامة وزنا |
| | | यही वे लोग है जिन्होंने अपने रब की आयतों का और उससे मिलन का इनकार किया। अतः उनके कर्म जान को लागू हुए, तो हम क़ियामत के दिन उन्हें कोई वज़न न देंगे |
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2246 | 18 | 106 | ذلك جزاؤهم جهنم بما كفروا واتخذوا آياتي ورسلي هزوا |
| | | उनका बदला वही जहन्नम है, इसलिए कि उन्होंने कुफ़्र की नीति अपनाई और मेरी आयतों और मेरे रसूलों का उपहास किया |
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2247 | 18 | 107 | إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات كانت لهم جنات الفردوس نزلا |
| | | निश्चय ही जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उनके आतिथ्य के लिए फ़िरदौस के बाग़ होंगे, |
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2248 | 18 | 108 | خالدين فيها لا يبغون عنها حولا |
| | | जिनमें वे सदैव रहेंगे, वहाँ से हटना न चाहेंगे।" |
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2249 | 18 | 109 | قل لو كان البحر مدادا لكلمات ربي لنفد البحر قبل أن تنفد كلمات ربي ولو جئنا بمثله مددا |
| | | कहो, "यदि समुद्र मेरे रब के बोल को लिखने के लिए रोशनाई हो जाए तो इससे पहले कि मेरे रब के बोल समाप्त हों, समुद्र ही समाप्त हो जाएगा। यद्यपि हम उसके सदृश्य एक और भी समुद्र उसके साथ ला मिलाएँ।" |
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2250 | 18 | 110 | قل إنما أنا بشر مثلكم يوحى إلي أنما إلهكم إله واحد فمن كان يرجو لقاء ربه فليعمل عملا صالحا ولا يشرك بعبادة ربه أحدا |
| | | कह दो, "मैं तो केवल तुम्हीं जैसा मनुष्य हूँ। मेरी ओर प्रकाशना की जाती है कि तुम्हारा पूज्य-प्रभु बस अकेला पूज्य-प्रभु है। अतः जो कोई अपने रब से मिलन की आशा रखता हो, उसे चाहिए कि अच्छा कर्म करे और अपने रब की बन्दगी में किसी को साझी न बनाए।" |
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