نتائج البحث: 6236
|
ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2236 | 18 | 96 | آتوني زبر الحديد حتى إذا ساوى بين الصدفين قال انفخوا حتى إذا جعله نارا قال آتوني أفرغ عليه قطرا |
| | | मुझे लोहे के टुकड़े ला दो।" यहाँ तक कि जब दोनों पर्वतों के बीच के रिक्त स्थान को पाटकर बराबर कर दिया तो कहा, "धौंको!" यहाँ तक कि जब उसे आग कर दिया तो कहा, "मुझे पिघला हुआ ताँबा ला दो, ताकि मैं उसपर उँड़ेल दूँ।" |
|
2237 | 18 | 97 | فما اسطاعوا أن يظهروه وما استطاعوا له نقبا |
| | | तो न तो वे (याजूज, माजूज) उसपर चढ़कर आ सकते थे और न वे उसमें सेंध ही लगा सकते थे |
|
2238 | 18 | 98 | قال هذا رحمة من ربي فإذا جاء وعد ربي جعله دكاء وكان وعد ربي حقا |
| | | उसने कहा, "यह मेरे रब की दयालुता है, किन्तु जब मेरे रब के वादे का समय आ जाएगा तो वह उसे ढाकर बराबर कर देगा, और मेरे रब का वादा सच्चा है।" |
|
2239 | 18 | 99 | وتركنا بعضهم يومئذ يموج في بعض ونفخ في الصور فجمعناهم جمعا |
| | | उस दिन हम उन्हें छोड़ देंगे कि वे एक-दूसरे से मौज़ों की तरह परस्पर गुत्मथ-गुत्था हो जाएँगे। और "सूर" फूँका जाएगा। फिर हम उन सबको एक साथ इकट्ठा करेंगे |
|
2240 | 18 | 100 | وعرضنا جهنم يومئذ للكافرين عرضا |
| | | और उस दिन जहन्नम को इनकार करनेवालों के सामने कर देंगे |
|
2241 | 18 | 101 | الذين كانت أعينهم في غطاء عن ذكري وكانوا لا يستطيعون سمعا |
| | | जिनके नेत्र मेरी अनुस्मृति की ओर से परदे में थे और जो कुछ सुन भी नहीं सकते थे |
|
2242 | 18 | 102 | أفحسب الذين كفروا أن يتخذوا عبادي من دوني أولياء إنا أعتدنا جهنم للكافرين نزلا |
| | | तो क्या इनकार करनेवाले इस ख़याल में हैं कि मुझसे हटकर मेरे बन्दों को अपना हिमायती बना लें? हमने ऐसे इनकार करनेवालों के आतिथ्य-सत्कार के लिए जहन्नम तैयार कर रखा है |
|
2243 | 18 | 103 | قل هل ننبئكم بالأخسرين أعمالا |
| | | कहो, "क्या हम तुम्हें उन लोगों की ख़बर दें, जो अपने कर्मों की स्पष्ट से सबसे बढ़कर घाटा उठानेवाले हैं? |
|
2244 | 18 | 104 | الذين ضل سعيهم في الحياة الدنيا وهم يحسبون أنهم يحسنون صنعا |
| | | यो वे लोग है जिनका प्रयास सांसारिक जीवन में अकारथ गया और वे यही समझते है कि वे बहुत अच्छा कर्म कर रहे है |
|
2245 | 18 | 105 | أولئك الذين كفروا بآيات ربهم ولقائه فحبطت أعمالهم فلا نقيم لهم يوم القيامة وزنا |
| | | यही वे लोग है जिन्होंने अपने रब की आयतों का और उससे मिलन का इनकार किया। अतः उनके कर्म जान को लागू हुए, तो हम क़ियामत के दिन उन्हें कोई वज़न न देंगे |
|