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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2233 | 18 | 93 | حتى إذا بلغ بين السدين وجد من دونهما قوما لا يكادون يفقهون قولا |
| | | यहाँ तक कि जब वह दो पर्वतों के बीच पहुँचा तो उसे उनके इस किनारे कुछ पहुँचा तो उसे उनके इस किनारे कुछ लोग मिले, जो ऐसा लगाता नहीं था कि कोई बात समझ पाते हों |
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2234 | 18 | 94 | قالوا يا ذا القرنين إن يأجوج ومأجوج مفسدون في الأرض فهل نجعل لك خرجا على أن تجعل بيننا وبينهم سدا |
| | | उन्होंने कहा, "ऐ ज़ुलक़रनैन! याजूज और माजूज इस भूभाग में उत्पात मचाते हैं। क्या हम तुम्हें कोई कर इस बात काम के लिए दें कि तुम हमारे और उनके बीच एक अवरोध निर्मित कर दो?" |
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2235 | 18 | 95 | قال ما مكني فيه ربي خير فأعينوني بقوة أجعل بينكم وبينهم ردما |
| | | उसने कहा, "मेरे रब ने मुझे जो कुछ अधिकार एवं शक्ति दी है वह उत्तम है। तुम तो बस बल में मेरी सहायता करो। मैं तुम्हारे और उनके बीच एक सुदृढ़ दीवार बनाए देता हूँ |
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2236 | 18 | 96 | آتوني زبر الحديد حتى إذا ساوى بين الصدفين قال انفخوا حتى إذا جعله نارا قال آتوني أفرغ عليه قطرا |
| | | मुझे लोहे के टुकड़े ला दो।" यहाँ तक कि जब दोनों पर्वतों के बीच के रिक्त स्थान को पाटकर बराबर कर दिया तो कहा, "धौंको!" यहाँ तक कि जब उसे आग कर दिया तो कहा, "मुझे पिघला हुआ ताँबा ला दो, ताकि मैं उसपर उँड़ेल दूँ।" |
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2237 | 18 | 97 | فما اسطاعوا أن يظهروه وما استطاعوا له نقبا |
| | | तो न तो वे (याजूज, माजूज) उसपर चढ़कर आ सकते थे और न वे उसमें सेंध ही लगा सकते थे |
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2238 | 18 | 98 | قال هذا رحمة من ربي فإذا جاء وعد ربي جعله دكاء وكان وعد ربي حقا |
| | | उसने कहा, "यह मेरे रब की दयालुता है, किन्तु जब मेरे रब के वादे का समय आ जाएगा तो वह उसे ढाकर बराबर कर देगा, और मेरे रब का वादा सच्चा है।" |
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2239 | 18 | 99 | وتركنا بعضهم يومئذ يموج في بعض ونفخ في الصور فجمعناهم جمعا |
| | | उस दिन हम उन्हें छोड़ देंगे कि वे एक-दूसरे से मौज़ों की तरह परस्पर गुत्मथ-गुत्था हो जाएँगे। और "सूर" फूँका जाएगा। फिर हम उन सबको एक साथ इकट्ठा करेंगे |
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2240 | 18 | 100 | وعرضنا جهنم يومئذ للكافرين عرضا |
| | | और उस दिन जहन्नम को इनकार करनेवालों के सामने कर देंगे |
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2241 | 18 | 101 | الذين كانت أعينهم في غطاء عن ذكري وكانوا لا يستطيعون سمعا |
| | | जिनके नेत्र मेरी अनुस्मृति की ओर से परदे में थे और जो कुछ सुन भी नहीं सकते थे |
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2242 | 18 | 102 | أفحسب الذين كفروا أن يتخذوا عبادي من دوني أولياء إنا أعتدنا جهنم للكافرين نزلا |
| | | तो क्या इनकार करनेवाले इस ख़याल में हैं कि मुझसे हटकर मेरे बन्दों को अपना हिमायती बना लें? हमने ऐसे इनकार करनेवालों के आतिथ्य-सत्कार के लिए जहन्नम तैयार कर रखा है |
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