بسم الله الرحمن الرحيم

نتائج البحث: 6236
ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
22131873قال لا تؤاخذني بما نسيت ولا ترهقني من أمري عسرا
कहा, "जो भूल-चूक मुझसे हो गई उसपर मुझे न पकड़िए और मेरे मामलें में मुझे तंगी में न डालिए।"
22141874فانطلقا حتى إذا لقيا غلاما فقتله قال أقتلت نفسا زكية بغير نفس لقد جئت شيئا نكرا
फिर वे दोनों चले, यहाँ तक कि जब वे एक लड़के से मिले तो उसने उसे मार डाला। कहा, "क्या आपने एक अच्छी-भली जान की हत्या कर दी, बिना इसके कि किसी की हत्या का बदला लेना अभीष्ट हो? यह तो आपने बहुत ही बुरा किया!"
22151875قال ألم أقل لك إنك لن تستطيع معي صبرا
उसने कहा, "क्या मैंने तुमसे कहा नहीं था कि तुम मेरे साथ धैर्य न रख सकोगे?"
22161876قال إن سألتك عن شيء بعدها فلا تصاحبني قد بلغت من لدني عذرا
कहा, "इसके बाद यदि मैं आपसे कुछ पूछूँ तो आप मुझे साथ न रखें। अब तो मेरी ओर से आप पूरी तरह उज़ को पहुँच चुके है।"
22171877فانطلقا حتى إذا أتيا أهل قرية استطعما أهلها فأبوا أن يضيفوهما فوجدا فيها جدارا يريد أن ينقض فأقامه قال لو شئت لاتخذت عليه أجرا
फिर वे दोनों चले, यहाँ तक कि जब वे एक बस्तीवालों के पास पहुँचे और उनसे भोजन माँगा, किन्तु उन्होंने उनके आतिथ्य से इनकार कर दिया। फिर वहाँ उन्हें एक दीवार मिली जो गिरा चाहती थी, तो उस व्यक्ति ने उसको खड़ा कर दिया। (मूसा ने) कहा, "यदि आप चाहते तो इसकी कुछ मज़दूरी ले सकते थे।"
22181878قال هذا فراق بيني وبينك سأنبئك بتأويل ما لم تستطع عليه صبرا
उसने कहा, "यह मेरे और तुम्हारे बीच जुदाई का अवसर है। अब मैं तुमको उसकी वास्तविकता बताए दे रहा हूँ, जिसपर तुम धैर्य से काम न ले सके।"
22191879أما السفينة فكانت لمساكين يعملون في البحر فأردت أن أعيبها وكان وراءهم ملك يأخذ كل سفينة غصبا
वह जो नौका थी, कुछ निर्धन लोगों की थी जो दरिया में काम करते थे, तो मैंने चाहा कि उसे ऐबदार कर दूँ, क्योंकि आगे उनके परे एक सम्राट था, जो प्रत्येक नौका को ज़बरदस्ती छीन लेता था
22201880وأما الغلام فكان أبواه مؤمنين فخشينا أن يرهقهما طغيانا وكفرا
और रहा वह लड़का, तो उसके माँ-बाप ईमान पर थे। हमें आशंका हुई कि वह सरकशी और कुफ़्र से उन्हें तंग करेगा
22211881فأردنا أن يبدلهما ربهما خيرا منه زكاة وأقرب رحما
इसलिए हमने चाहा कि उनका रब उन्हें इसके बदले दूसरी संतान दे, जो आत्मविकास में इससे अच्छा हो और दया-करूणा से अधिक निकट हो
22221882وأما الجدار فكان لغلامين يتيمين في المدينة وكان تحته كنز لهما وكان أبوهما صالحا فأراد ربك أن يبلغا أشدهما ويستخرجا كنزهما رحمة من ربك وما فعلته عن أمري ذلك تأويل ما لم تسطع عليه صبرا
और रही यह दीवार तो यह दो अनाथ बालकों की है जो इस नगर में रहते है। और इसके नीचे उनका ख़जाना मौजूद है। और उनका बाप नेक था, इसलिए तुम्हारे रब ने चाहा कि वे अपनी युवावस्था को पहुँच जाएँ और अपना ख़जाना निकाल लें। यह तुम्हारे रब की दयालुता के कारण हुआ। मैंने तो अपने अधिकार से कुछ नहीं किया। यह है वास्तविकता उसकी जिसपर तुम धैर्य न रख सके।"


0 ... 211.2 212.2 213.2 214.2 215.2 216.2 217.2 218.2 219.2 220.2 222.2 223.2 224.2 225.2 226.2 227.2 228.2 229.2 230.2 ... 623

إنتاج هذه المادة أخد: 0.02 ثانية


المغرب.كووم © ٢٠٠٩ - ١٤٣٠ © الحـمـد لله الـذي سـخـر لـنا هـذا :: وقف لله تعالى وصدقة جارية

3417255212093716112766175322135152222