بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
21871847ويوم نسير الجبال وترى الأرض بارزة وحشرناهم فلم نغادر منهم أحدا
और (उस दिन से डरो) जिस दिन हम पहाड़ों को चलाएँगें और तुम ज़मीन को खुला मैदान (पहाड़ों से) खाली देखोगे और हम इन सभी को इकट्ठा करेगे तो उनमें से एक को न छोड़ेगें
21881848وعرضوا على ربك صفا لقد جئتمونا كما خلقناكم أول مرة بل زعمتم ألن نجعل لكم موعدا
सबके सब तुम्हारे परवरदिगार के सामने कतार पे क़तार पेश किए जाएँगें और (उस वक्त हम याद दिलाएँगे कि जिस तरह हमने तुमको पहली बार पैदा किया था (उसी तरह) तुम लोगों को (आख़िर) हमारे पास आना पड़ा मगर तुम तो ये ख्याल करते थे कि हम तुम्हारे (दोबारा पैदा करने के) लिए कोई वक्त ही न ठहराएँगें
21891849ووضع الكتاب فترى المجرمين مشفقين مما فيه ويقولون يا ويلتنا مال هذا الكتاب لا يغادر صغيرة ولا كبيرة إلا أحصاها ووجدوا ما عملوا حاضرا ولا يظلم ربك أحدا
और लोगों के आमाल की किताब (सामने) रखी जाएँगी तो तुम गुनेहगारों को देखोगे कि जो कुछ उसमें (लिखा) है (देख देख कर) सहमे हुए हैं और कहते जाते हैं हाए हमारी यामत ये कैसी किताब है कि न छोटे ही गुनाह को बे क़लमबन्द किए छोड़ती है न बड़े गुनाह को और जो कुछ इन लोगों ने (दुनिया में) किया था वह सब (लिखा हुआ) मौजूद पाएँगें और तेरा परवरदिगार किसी पर (ज़र्रा बराबर) ज़ुल्म न करेगा
21901850وإذ قلنا للملائكة اسجدوا لآدم فسجدوا إلا إبليس كان من الجن ففسق عن أمر ربه أفتتخذونه وذريته أولياء من دوني وهم لكم عدو بئس للظالمين بدلا
और (वह वक्त याद करो) जब हमने फ़रिश्तों को हुक्म दिया कि आदम को सजदा करो तो इबलीस के सिवा सबने सजदा किया (ये इबलीस) जिन्नात से था तो अपने परवरदिगार के हुक्म से निकल भागा तो (लोगों) क्या मुझे छोड़कर उसको और उसकी औलाद को अपना दोस्त बनाते हो हालॉकि वह तुम्हारा (क़दीमी) दुश्मन हैं ज़ालिमों (ने ख़ुदा के बदले शैतान को अपना दोस्त बनाया ये उन) का क्या बुरा ऐवज़ है
21911851ما أشهدتهم خلق السماوات والأرض ولا خلق أنفسهم وما كنت متخذ المضلين عضدا
मैने न तो आसमान व ज़मीन के पैदा करने के वक्त उनको (मदद के लिए) बुलाया था और न खुद उनके पैदा करने के वक्त अौर मै (ऐसा गया गुज़रा) न था कि मै गुमराह करने वालों को मददगार बनाता
21921852ويوم يقول نادوا شركائي الذين زعمتم فدعوهم فلم يستجيبوا لهم وجعلنا بينهم موبقا
और (उस दिन से डरो) जिस दिन ख़ुदा फरमाएगा कि अब तुम जिन लोगों को मेरा शरीक़ ख्याल करते थे उनको (मदद के लिए) पुकारो तो वह लोग उनको पुकारेगें मगर वह लोग उनकी कुछ न सुनेगें और हम उन दोनों के बीच में महलक (खतरनाक) आड़ बना देंगे
21931853ورأى المجرمون النار فظنوا أنهم مواقعوها ولم يجدوا عنها مصرفا
और गुनेहगार लोग (देखकर समझ जाएँगें कि ये इसमें सोके जाएँगे और उससे गरीज़ (बचने की) की राह न पाएँगें
21941854ولقد صرفنا في هذا القرآن للناس من كل مثل وكان الإنسان أكثر شيء جدلا
और हमने तो इस क़ुरान में लोगों (के समझाने) के वास्ते हर तरह की मिसालें फेर बदल कर बयान कर दी है मगर इन्सान तो तमाम मख़लूक़ात से ज्यादा झगड़ालू है
21951855وما منع الناس أن يؤمنوا إذ جاءهم الهدى ويستغفروا ربهم إلا أن تأتيهم سنة الأولين أو يأتيهم العذاب قبلا
और जब लोगों के पास हिदायत आ चुकी तो (फिर) उनको ईमान लाने और अपने परवरदिगार से मग़फिरत की दुआ माँगने से (उसके सिवा और कौन) अम्र मायने है कि अगलों की सी रीत रस्म उनको भी पेश आई या हमारा अज़ाब उनके सामने से (मौजूद) हो
21961856وما نرسل المرسلين إلا مبشرين ومنذرين ويجادل الذين كفروا بالباطل ليدحضوا به الحق واتخذوا آياتي وما أنذروا هزوا
और हम तो पैग़म्बरों को सिर्फ इसलिए भेजते हैं कि (अच्छों को निजात की) खुशख़बरी सुनाएंऔर (बदों को अज़ाब से) डराएंऔर जो लोग काफिर हैं झूटी झूटी बातों का सहारा पकड़ के झगड़ा करते है ताकि उसकी बदौलत हक़ को (उसकी जगह से उखाड़ फेकें और उन लोगों ने मेरी आयतों को जिस (अज़ाब से) ये लोग डराए गए हॅसी ठ्ठ्ठा (मज़ाक) बना रखा है


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