بسم الله الرحمن الرحيم

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21791839ولولا إذ دخلت جنتك قلت ما شاء الله لا قوة إلا بالله إن ترن أنا أقل منك مالا وولدا
और जब तू अपने बाग़ में आया तो (ये) क्यों न कहा कि ये सब (माशा अल्लाह ख़ुदा ही के चाहने से हुआ है (मेरा कुछ भी नहीं क्योंकि) बग़ैर ख़ुदा की (मदद) के (किसी में) कुछ सकत नहीं अगर माल और औलाद की राह से तू मुझे कम समझता है
21801840فعسى ربي أن يؤتين خيرا من جنتك ويرسل عليها حسبانا من السماء فتصبح صعيدا زلقا
तो अनक़ीरब ही मेरा परवरदिगार मुझे वह बाग़ अता फरमाएगा जो तेरे बाग़ से कहीं बेहतर होगा और तेरे बाग़ पर कोई ऐसी आफत आसमान से नाज़िल करे कि (ख़ाक सियाह) होकर चटियल चिकना सफ़ाचट मैदान हो जाए
21811841أو يصبح ماؤها غورا فلن تستطيع له طلبا
उसका पानी नीचे उतर (के खुश्क) हो जाए फिर तो उसको किसी तरह तलब न कर सके
21821842وأحيط بثمره فأصبح يقلب كفيه على ما أنفق فيها وهي خاوية على عروشها ويقول يا ليتني لم أشرك بربي أحدا
(चुनान्चे अज़ाब नाज़िल हुआ) और उसके (बाग़ के) फल (आफत में) घेर लिए गए तो उस माल पर जो बाग़ की तैयारी में सर्फ (ख़र्च) किया था (अफसोस से) हाथ मलने लगा और बाग़ की ये हालत थी कि अपनी टहनियों पर औंधा गिरा हुआ पड़ा था तो कहने लगा काश मै अपने परवरदिगार का किसी को शरीक न बनाता
21831843ولم تكن له فئة ينصرونه من دون الله وما كان منتصرا
और ख़ुदा के सिवा उसका कोई जत्था भी न था कि उसकी मदद करता और न वह बदला ले सकता था इसी जगह से (साबित हो गया
21841844هنالك الولاية لله الحق هو خير ثوابا وخير عقبا
कि सरपरस्ती ख़ास ख़ुदा ही के लिए है जो सच्चा है वही बेहतर सवाब (देने) वाला है और अन्जाम के जंगल से भी वही बेहतर है
21851845واضرب لهم مثل الحياة الدنيا كماء أنزلناه من السماء فاختلط به نبات الأرض فأصبح هشيما تذروه الرياح وكان الله على كل شيء مقتدرا
और (ऐ रसूल) इनसे दुनिया की ज़िन्दगी की मसल भी बयान कर दो कि उसके हालत पानी की सी है जिसे हमने आसमान से बरसाया तो ज़मीन की उगाने की ताक़त उसमें मिल गई और (खूब फली फूली) फिर आख़िर रेज़ा रेज़ा (भूसा) हो गई कि उसको हवाएँ उड़ाए फिरती है और ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
21861846المال والبنون زينة الحياة الدنيا والباقيات الصالحات خير عند ربك ثوابا وخير أملا
(ऐ रसूल) माल और औलाद (इस ज़रा सी) दुनिया की ज़िन्दगी की ज़ीनत हैं और बाक़ी रहने वाली नेकियाँ तुम्हारे परवरदिगार के नज़दीक सवाब में उससे कही ज्यादा अच्छी हैं और तमन्नाएँ व आरजू की राह से (भी) बेहतर हैं
21871847ويوم نسير الجبال وترى الأرض بارزة وحشرناهم فلم نغادر منهم أحدا
और (उस दिन से डरो) जिस दिन हम पहाड़ों को चलाएँगें और तुम ज़मीन को खुला मैदान (पहाड़ों से) खाली देखोगे और हम इन सभी को इकट्ठा करेगे तो उनमें से एक को न छोड़ेगें
21881848وعرضوا على ربك صفا لقد جئتمونا كما خلقناكم أول مرة بل زعمتم ألن نجعل لكم موعدا
सबके सब तुम्हारे परवरदिगार के सामने कतार पे क़तार पेश किए जाएँगें और (उस वक्त हम याद दिलाएँगे कि जिस तरह हमने तुमको पहली बार पैदा किया था (उसी तरह) तुम लोगों को (आख़िर) हमारे पास आना पड़ा मगर तुम तो ये ख्याल करते थे कि हम तुम्हारे (दोबारा पैदा करने के) लिए कोई वक्त ही न ठहराएँगें


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