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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2176 | 18 | 36 | وما أظن الساعة قائمة ولئن رددت إلى ربي لأجدن خيرا منها منقلبا |
| | | और मै तो ये भी नहीं ख्याल करता कि क़यामत क़ायम होगी और (बिलग़रज़ हुई भी तो) जब मै अपने परवरदिगार की तरफ लौटाया जाऊँगा तो यक़ीनन इससे कहीं अच्छी जगह पाऊँगा |
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2177 | 18 | 37 | قال له صاحبه وهو يحاوره أكفرت بالذي خلقك من تراب ثم من نطفة ثم سواك رجلا |
| | | उसका साथी जो उससे बातें कर रहा था कहने लगा कि क्या तू उस परवरदिगार का मुन्किर है जिसने (पहले) तुझे मिट्टी से पैदा किया फिर नुत्फे से फिर तुझे बिल्कुल ठीक मर्द (आदमी) बना दिया |
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2178 | 18 | 38 | لكنا هو الله ربي ولا أشرك بربي أحدا |
| | | हम तो (कहते हैं कि) वही ख़ुदा मेरा परवरदिगार है और मै तो अपने परवरदिगार का किसी को शरीक नहीं बनाता |
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2179 | 18 | 39 | ولولا إذ دخلت جنتك قلت ما شاء الله لا قوة إلا بالله إن ترن أنا أقل منك مالا وولدا |
| | | और जब तू अपने बाग़ में आया तो (ये) क्यों न कहा कि ये सब (माशा अल्लाह ख़ुदा ही के चाहने से हुआ है (मेरा कुछ भी नहीं क्योंकि) बग़ैर ख़ुदा की (मदद) के (किसी में) कुछ सकत नहीं अगर माल और औलाद की राह से तू मुझे कम समझता है |
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2180 | 18 | 40 | فعسى ربي أن يؤتين خيرا من جنتك ويرسل عليها حسبانا من السماء فتصبح صعيدا زلقا |
| | | तो अनक़ीरब ही मेरा परवरदिगार मुझे वह बाग़ अता फरमाएगा जो तेरे बाग़ से कहीं बेहतर होगा और तेरे बाग़ पर कोई ऐसी आफत आसमान से नाज़िल करे कि (ख़ाक सियाह) होकर चटियल चिकना सफ़ाचट मैदान हो जाए |
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2181 | 18 | 41 | أو يصبح ماؤها غورا فلن تستطيع له طلبا |
| | | उसका पानी नीचे उतर (के खुश्क) हो जाए फिर तो उसको किसी तरह तलब न कर सके |
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2182 | 18 | 42 | وأحيط بثمره فأصبح يقلب كفيه على ما أنفق فيها وهي خاوية على عروشها ويقول يا ليتني لم أشرك بربي أحدا |
| | | (चुनान्चे अज़ाब नाज़िल हुआ) और उसके (बाग़ के) फल (आफत में) घेर लिए गए तो उस माल पर जो बाग़ की तैयारी में सर्फ (ख़र्च) किया था (अफसोस से) हाथ मलने लगा और बाग़ की ये हालत थी कि अपनी टहनियों पर औंधा गिरा हुआ पड़ा था तो कहने लगा काश मै अपने परवरदिगार का किसी को शरीक न बनाता |
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2183 | 18 | 43 | ولم تكن له فئة ينصرونه من دون الله وما كان منتصرا |
| | | और ख़ुदा के सिवा उसका कोई जत्था भी न था कि उसकी मदद करता और न वह बदला ले सकता था इसी जगह से (साबित हो गया |
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2184 | 18 | 44 | هنالك الولاية لله الحق هو خير ثوابا وخير عقبا |
| | | कि सरपरस्ती ख़ास ख़ुदा ही के लिए है जो सच्चा है वही बेहतर सवाब (देने) वाला है और अन्जाम के जंगल से भी वही बेहतर है |
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2185 | 18 | 45 | واضرب لهم مثل الحياة الدنيا كماء أنزلناه من السماء فاختلط به نبات الأرض فأصبح هشيما تذروه الرياح وكان الله على كل شيء مقتدرا |
| | | और (ऐ रसूल) इनसे दुनिया की ज़िन्दगी की मसल भी बयान कर दो कि उसके हालत पानी की सी है जिसे हमने आसमान से बरसाया तो ज़मीन की उगाने की ताक़त उसमें मिल गई और (खूब फली फूली) फिर आख़िर रेज़ा रेज़ा (भूसा) हो गई कि उसको हवाएँ उड़ाए फिरती है और ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है |
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