بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
21631823ولا تقولن لشيء إني فاعل ذلك غدا
और न किसी चीज़ के विषय में कभी यह कहो, "मैं कल इसे कर दूँगा।"
21641824إلا أن يشاء الله واذكر ربك إذا نسيت وقل عسى أن يهدين ربي لأقرب من هذا رشدا
बल्कि अल्लाह की इच्छा ही लागू होती है। और जब तुम भूल जाओ तो अपने रब को याद कर लो और कहो, "आशा है कि मेरा रब इससे भी क़रीब सही बात ही ओर मार्गदर्शन कर दे।"
21651825ولبثوا في كهفهم ثلاث مائة سنين وازدادوا تسعا
और वे अपनी गुफा में तीन सौ वर्ष रहे और नौ वर्ष उससे अधिक
21661826قل الله أعلم بما لبثوا له غيب السماوات والأرض أبصر به وأسمع ما لهم من دونه من ولي ولا يشرك في حكمه أحدا
कह दो, "अल्लाह भली-भाँति जानता है जितना वे ठहरे।" आकाशों और धरती की छिपी बात का सम्बन्ध उसी से है। वह क्या ही देखनेवाला और सुननेवाला है! उससे इतर न तो उनका कोई संरक्षक है और न वह अपने प्रभुत्व और सत्ता में किसी को साझीदार बनाता है
21671827واتل ما أوحي إليك من كتاب ربك لا مبدل لكلماته ولن تجد من دونه ملتحدا
अपने रब की क़िताब, जो कुछ तुम्हारी ओर प्रकाशना (वह्यस) हुई, पढ़ो। कोई नहीं जो उनके बोलो को बदलनेवाला हो और न तुम उससे हटकर क शरण लेने की जगह पाओगे
21681828واصبر نفسك مع الذين يدعون ربهم بالغداة والعشي يريدون وجهه ولا تعد عيناك عنهم تريد زينة الحياة الدنيا ولا تطع من أغفلنا قلبه عن ذكرنا واتبع هواه وكان أمره فرطا
अपने आपको उन लोगों के साथ थाम रखो, जो प्रातःकाल और सायंकाल अपने रब को उसकी प्रसन्नता चाहते हुए पुकारते है और सांसारिक जीवन की शोभा की चाह में तुम्हारी आँखें उनसे न फिरें। और ऐसे व्यक्ति की बात न मानना जिसके दिल को हमने अपनी याद से ग़ाफ़िल पाया है और वह अपनी इच्छा और वासना के पीछे लगा हुआ है और उसका मामला हद से आगे बढ़ गया है
21691829وقل الحق من ربكم فمن شاء فليؤمن ومن شاء فليكفر إنا أعتدنا للظالمين نارا أحاط بهم سرادقها وإن يستغيثوا يغاثوا بماء كالمهل يشوي الوجوه بئس الشراب وساءت مرتفقا
कह दो, "वह सत्य है तुम्हारे रब की ओर से। तो अब जो कोई चाहे माने और जो चाहे इनकार कर दे।" हमने तो अत्याचारियों के लिए आग तैयार कर रखी है, जिसकी क़नातों ने उन्हें घेर लिया है। यदि वे फ़रियाद करेंगे तो फ़रियाद के प्रत्युत्तर में उन्हें ऐसा पानी मिलेगा जो तेल की तलछट जैसा होगा; वह उनके मुँह भून डालेगा। बहुत ही बुरा है वह पेय और बहुत ही बुरा है वह विश्रामस्थल!
21701830إن الذين آمنوا وعملوا الصالحات إنا لا نضيع أجر من أحسن عملا
रहे वे लोग जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, तो निश्चय ही किसी ऐसे व्यक्ति का प्रतिदान जिसने अच्छे कर्म किया हो, हम अकारथ नहीं करते
21711831أولئك لهم جنات عدن تجري من تحتهم الأنهار يحلون فيها من أساور من ذهب ويلبسون ثيابا خضرا من سندس وإستبرق متكئين فيها على الأرائك نعم الثواب وحسنت مرتفقا
ऐसे ही लोगों के लिए सदाबहार बाग़ है। उनके नीचे नहरें बह रही होंगी। वहाँ उन्हें सोने के कंगन पहनाए जाएँगे और वे हरे पतले और गाढ़े रेशमी कपड़े पहनेंगे और ऊँचे तख़्तों पर तकिया लगाए होंगे। क्या ही अच्छा बदला है और क्या ही अच्छा विश्रामस्थल!
21721832واضرب لهم مثلا رجلين جعلنا لأحدهما جنتين من أعناب وحففناهما بنخل وجعلنا بينهما زرعا
उनके समक्ष एक उपमा प्रस्तुत करो, दो व्यक्ति है। उनमें से एक को हमने अंगूरों के दो बाग़ दिए और उनके चारों ओर हमने खजूरो के वृक्षो की बाड़ लगाई और उन दोनों के बीच हमने खेती-बाड़ी रखी


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