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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2135 | 17 | 106 | وقرآنا فرقناه لتقرأه على الناس على مكث ونزلناه تنزيلا |
| | | और क़ुरान को हमने थोड़ा थोड़ा करके इसलिए नाज़िल किया कि तुम लोगों के सामने (ज़रुरत पड़ने पर) मोहलत दे देकर उसको पढ़ दिया करो |
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2136 | 17 | 107 | قل آمنوا به أو لا تؤمنوا إن الذين أوتوا العلم من قبله إذا يتلى عليهم يخرون للأذقان سجدا |
| | | और (इसी वजह से) हमने उसको रफ्ता रफ्ता नाज़िल किया तुम कह दो कि ख्वाह तुम इस पर ईमान लाओ या न लाओ इसमें शक़ नहीं कि जिन लोगों को उसके क़ब्ल ही (आसमानी किताबों का इल्म अता किया गया है उनके सामने जब ये पढ़ा जाता है तो ठुडडियों से (मुँह के बल) सजदे में गिर पड़तें हैं |
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2137 | 17 | 108 | ويقولون سبحان ربنا إن كان وعد ربنا لمفعولا |
| | | और कहते हैं कि हमारा परवरदिगार (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है बेशक हमारे परवरदिगार का वायदा पूरा होना ज़रुरी था |
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2138 | 17 | 109 | ويخرون للأذقان يبكون ويزيدهم خشوعا |
| | | और ये लोग (सजदे के लिए) मुँह के बल गिर पड़तें हैं और रोते चले जाते हैं और ये क़ुरान उन की ख़ाकसारी के बढ़ाता जाता है (109) (सजदा) |
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2139 | 17 | 110 | قل ادعوا الله أو ادعوا الرحمن أيا ما تدعوا فله الأسماء الحسنى ولا تجهر بصلاتك ولا تخافت بها وابتغ بين ذلك سبيلا |
| | | (ऐ रसूल) तुम (उनसे) कह दो कि (तुम को एख़तियार है) ख्वाह उसे अल्लाह (कहकर) पुकारो या रहमान कह कर पुकारो (ग़रज़) जिस नाम को भी पुकारो उसके तो सब नाम अच्छे (से अच्छे) हैं और (ऐ रसूल) न तो अपनी नमाज़ बहुत चिल्ला कर पढ़ो न और न बिल्कुल चुपके से बल्कि उसके दरमियान एक औसत तरीका एख्तेयार कर लो |
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2140 | 17 | 111 | وقل الحمد لله الذي لم يتخذ ولدا ولم يكن له شريك في الملك ولم يكن له ولي من الذل وكبره تكبيرا |
| | | और कहो कि हर तरह की तारीफ उसी ख़ुदा को (सज़ावार) है जो न तो कोई औलाद रखता है और न (सारे जहाँन की) सल्तनत में उसका कोई साझेदार है और न उसे किसी तरह की कमज़ोरी है न कोई उसका सरपरस्त हो और उसकी बड़ाई अच्छी तरह करते रहा करो |
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2141 | 18 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الحمد لله الذي أنزل على عبده الكتاب ولم يجعل له عوجا |
| | | हर तरह की तारीफ ख़ुदा ही को (सज़ावार) है जिसने अपने बन्दे (मोहम्मद) पर किताब (क़ुरान) नाज़िल की और उसमें किसी तरह की कज़ी (ख़राबी) न रखी |
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2142 | 18 | 2 | قيما لينذر بأسا شديدا من لدنه ويبشر المؤمنين الذين يعملون الصالحات أن لهم أجرا حسنا |
| | | बल्कि हर तरह से सधा ताकि जो सख्त अज़ाब ख़ुदा की बारगाह से काफिरों पर नाज़िल होने वाला है उससे लोगों को डराए और जिन मोमिनीन ने अच्छे अच्छे काम किए हैं उनको इस बात की खुशख़बरी दे की उनके लिए बहुत अच्छा अज्र (व सवाब) मौजूद है |
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2143 | 18 | 3 | ماكثين فيه أبدا |
| | | जिसमें वह हमेशा (बाइत्मेनान) तमाम रहेगें |
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2144 | 18 | 4 | وينذر الذين قالوا اتخذ الله ولدا |
| | | और जो लोग इसके क़ाएल हैं कि ख़ुदा औलाद रखता है उनको (अज़ाब से) डराओ |
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