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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2132 | 17 | 103 | فأراد أن يستفزهم من الأرض فأغرقناه ومن معه جميعا |
| | | अन्ततः उसने चाहा कि उनको उस भूभाग से उखाड़ फेंके, किन्तु हमने उसे और जो उसके साथ थे सभी को डूबो दिया |
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2133 | 17 | 104 | وقلنا من بعده لبني إسرائيل اسكنوا الأرض فإذا جاء وعد الآخرة جئنا بكم لفيفا |
| | | और हमने उसके बाद इसराईल की सन्तान से कहा, "तुम इस भूभाग में बसो। फिर जब आख़िरत का वादा आ पूरा होगा, तो हम तुम सबको इकट्ठा ला उपस्थित करेंगे।" |
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2134 | 17 | 105 | وبالحق أنزلناه وبالحق نزل وما أرسلناك إلا مبشرا ونذيرا |
| | | सत्य के साथ हमने उसे अवतरित किया और सत्य के साथ वह अवतरित भी हुआ। और तुम्हें तो हमने केवल शुभ सूचना देनेवाला और सावधान करनेवाला बनाकर भेजा है |
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2135 | 17 | 106 | وقرآنا فرقناه لتقرأه على الناس على مكث ونزلناه تنزيلا |
| | | और क़ुरआन को हमने थोड़ा-थोड़ा करके इसलिए अवतरित किया, ताकि तुम ठहर-ठहरकर उसे लोगो को सुनाओ, और हमने उसे उत्तम रीति से क्रमशः उतारा है |
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2136 | 17 | 107 | قل آمنوا به أو لا تؤمنوا إن الذين أوتوا العلم من قبله إذا يتلى عليهم يخرون للأذقان سجدا |
| | | कह दो, "तुम उसे मानो या न मानो, जिन लोगों को इससे पहले ज्ञान दिया गया है, उन्हें जब वह पढ़कर सुनाया जाता है, तो वे ठोड़ियों के बल सजदे में गिर पड़ते है |
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2137 | 17 | 108 | ويقولون سبحان ربنا إن كان وعد ربنا لمفعولا |
| | | और कहते है, "महान और उच्च है हमारा रब! हमारे रब का वादा तो पूरा होकर ही रहता है।" |
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2138 | 17 | 109 | ويخرون للأذقان يبكون ويزيدهم خشوعا |
| | | और वे रोते हुए ठोड़ियों के बल गिर जाते है और वह (क़ुरआन) उनकी विनम्रता को और बढ़ा देता है |
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2139 | 17 | 110 | قل ادعوا الله أو ادعوا الرحمن أيا ما تدعوا فله الأسماء الحسنى ولا تجهر بصلاتك ولا تخافت بها وابتغ بين ذلك سبيلا |
| | | कह दो, "तुम अल्लाह को पुकारो या रहमान को पुकारो या जिस नाम से भी पुकारो, उसके लिए सब अच्छे ही नाम है।" और अपनी नमाज़ न बहुत ऊँची आवाज़ से पढ़ो और न उसे बहुत चुपके से पढ़ो, बल्कि इन दोनों के बीच मध्य मार्ग अपनाओ |
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2140 | 17 | 111 | وقل الحمد لله الذي لم يتخذ ولدا ولم يكن له شريك في الملك ولم يكن له ولي من الذل وكبره تكبيرا |
| | | और कहो, "प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने न तो अपना कोई बेटा बनाया और न बादशाही में उसका कोई सहभागी है और न ऐसा ही है कि वह दीन-हीन हो जिसके कारण बचाव के लिए उसका कोई सहायक मित्र हो।" और बड़ाई बयान करो उसकी, पूर्ण बड़ाई |
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2141 | 18 | 1 | بسم الله الرحمن الرحيم الحمد لله الذي أنزل على عبده الكتاب ولم يجعل له عوجا |
| | | प्रशंसा अल्लाह के लिए है जिसने अपने बन्दे पर यह किताब अवतरित की और उसमें (अर्थात उस बन्दे में) कोई टेढ़ नहीं रखी, |
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