بسم الله الرحمن الرحيم

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ترتيب الآيةرقم السورةرقم الآيةالاية
213217103فأراد أن يستفزهم من الأرض فأغرقناه ومن معه جميعا
अन्ततः उसने चाहा कि उनको उस भूभाग से उखाड़ फेंके, किन्तु हमने उसे और जो उसके साथ थे सभी को डूबो दिया
213317104وقلنا من بعده لبني إسرائيل اسكنوا الأرض فإذا جاء وعد الآخرة جئنا بكم لفيفا
और हमने उसके बाद इसराईल की सन्तान से कहा, "तुम इस भूभाग में बसो। फिर जब आख़िरत का वादा आ पूरा होगा, तो हम तुम सबको इकट्ठा ला उपस्थित करेंगे।"
213417105وبالحق أنزلناه وبالحق نزل وما أرسلناك إلا مبشرا ونذيرا
सत्य के साथ हमने उसे अवतरित किया और सत्य के साथ वह अवतरित भी हुआ। और तुम्हें तो हमने केवल शुभ सूचना देनेवाला और सावधान करनेवाला बनाकर भेजा है
213517106وقرآنا فرقناه لتقرأه على الناس على مكث ونزلناه تنزيلا
और क़ुरआन को हमने थोड़ा-थोड़ा करके इसलिए अवतरित किया, ताकि तुम ठहर-ठहरकर उसे लोगो को सुनाओ, और हमने उसे उत्तम रीति से क्रमशः उतारा है
213617107قل آمنوا به أو لا تؤمنوا إن الذين أوتوا العلم من قبله إذا يتلى عليهم يخرون للأذقان سجدا
कह दो, "तुम उसे मानो या न मानो, जिन लोगों को इससे पहले ज्ञान दिया गया है, उन्हें जब वह पढ़कर सुनाया जाता है, तो वे ठोड़ियों के बल सजदे में गिर पड़ते है
213717108ويقولون سبحان ربنا إن كان وعد ربنا لمفعولا
और कहते है, "महान और उच्च है हमारा रब! हमारे रब का वादा तो पूरा होकर ही रहता है।"
213817109ويخرون للأذقان يبكون ويزيدهم خشوعا
और वे रोते हुए ठोड़ियों के बल गिर जाते है और वह (क़ुरआन) उनकी विनम्रता को और बढ़ा देता है
213917110قل ادعوا الله أو ادعوا الرحمن أيا ما تدعوا فله الأسماء الحسنى ولا تجهر بصلاتك ولا تخافت بها وابتغ بين ذلك سبيلا
कह दो, "तुम अल्लाह को पुकारो या रहमान को पुकारो या जिस नाम से भी पुकारो, उसके लिए सब अच्छे ही नाम है।" और अपनी नमाज़ न बहुत ऊँची आवाज़ से पढ़ो और न उसे बहुत चुपके से पढ़ो, बल्कि इन दोनों के बीच मध्य मार्ग अपनाओ
214017111وقل الحمد لله الذي لم يتخذ ولدا ولم يكن له شريك في الملك ولم يكن له ولي من الذل وكبره تكبيرا
और कहो, "प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने न तो अपना कोई बेटा बनाया और न बादशाही में उसका कोई सहभागी है और न ऐसा ही है कि वह दीन-हीन हो जिसके कारण बचाव के लिए उसका कोई सहायक मित्र हो।" और बड़ाई बयान करो उसकी, पूर्ण बड़ाई
2141181بسم الله الرحمن الرحيم الحمد لله الذي أنزل على عبده الكتاب ولم يجعل له عوجا
प्रशंसा अल्लाह के लिए है जिसने अपने बन्दे पर यह किताब अवतरित की और उसमें (अर्थात उस बन्दे में) कोई टेढ़ नहीं रखी,


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