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ترتيب الآية | رقم السورة | رقم الآية | الاية |
2125 | 17 | 96 | قل كفى بالله شهيدا بيني وبينكم إنه كان بعباده خبيرا بصيرا |
| | | कह दो, "मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह ही एक गवाह काफ़ी है। निश्चय ही वह अपने बन्दों की पूरी ख़बर रखनेवाला, देखनेवाला है।" |
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2126 | 17 | 97 | ومن يهد الله فهو المهتد ومن يضلل فلن تجد لهم أولياء من دونه ونحشرهم يوم القيامة على وجوههم عميا وبكما وصما مأواهم جهنم كلما خبت زدناهم سعيرا |
| | | जिसे अल्लाह ही मार्ग दिखाए वही मार्ग पानेवाला है और वह जिसे पथभ्रष्ट होने दे, तो ऐसे लोगों के लिए उससे इतर तुम सहायक न पाओगे। क़ियामत के दिन हम उन्हें औंधे मुँह इस दशा में इकट्ठा करेंगे कि वे अंधे गूँगे और बहरे होंगे। उनका ठिकाना जहन्नम है। जब भी उसकी आग धीमी पड़ने लगेगी तो हम उसे उनके लिए भड़का देंगे |
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2127 | 17 | 98 | ذلك جزاؤهم بأنهم كفروا بآياتنا وقالوا أإذا كنا عظاما ورفاتا أإنا لمبعوثون خلقا جديدا |
| | | यही उनका बदला है, इसलिए कि उन्होंने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, "क्या जब हम केवल हड्डियाँ और चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाएँगे, तो क्या हमें नए सिरे से पैदा करके उठा खड़ा किया जाएगा?" |
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2128 | 17 | 99 | أولم يروا أن الله الذي خلق السماوات والأرض قادر على أن يخلق مثلهم وجعل لهم أجلا لا ريب فيه فأبى الظالمون إلا كفورا |
| | | क्या उन्हें यह न सूझा कि जिस अल्लाह ने आकाशों और धरती को पैदा किया है उसे उन जैसों को भी पैदा करने की सामर्थ्य प्राप्त है? उसने तो उनके लिए एक समय निर्धारित कर रखा है, जिसमें कोई सन्देह नहीं है। फिर भी ज़ालिमों के लिए इनकार के सिवा हर चीज़ अस्वीकार्य ही रही |
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2129 | 17 | 100 | قل لو أنتم تملكون خزائن رحمة ربي إذا لأمسكتم خشية الإنفاق وكان الإنسان قتورا |
| | | कहो, "यदि कहीं मेरे रब की दयालुता के ख़ज़ाने तुम्हारे अधिकार में होते हो ख़र्च हो जाने के भय से तुम रोके ही रखते। वास्तव में इनसान तो दिल का बड़ा ही तंग है |
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2130 | 17 | 101 | ولقد آتينا موسى تسع آيات بينات فاسأل بني إسرائيل إذ جاءهم فقال له فرعون إني لأظنك يا موسى مسحورا |
| | | हमने मूसा को नौ खुली निशानियाँ प्रदान की थी। अब इसराईल की सन्तान से पूछ लो कि जब वह उनके पास आया और फ़िरऔन ने उससे कहा, "ऐ मूसा! मैं तो तुम्हें बड़ा जादूगर समझता हूँ।" |
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2131 | 17 | 102 | قال لقد علمت ما أنزل هؤلاء إلا رب السماوات والأرض بصائر وإني لأظنك يا فرعون مثبورا |
| | | उसने कहा, "तू भली-भाँति जानता हैं कि आकाशों और धऱती के रब के सिवा किसी और ने इन (निशानियों) को स्पष्ट प्रमाण बनाकर नहीं उतारा है। और ऐ फ़िरऔन! मैं तो समझता हूँ कि तू विनष्ट होने को है।" |
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2132 | 17 | 103 | فأراد أن يستفزهم من الأرض فأغرقناه ومن معه جميعا |
| | | अन्ततः उसने चाहा कि उनको उस भूभाग से उखाड़ फेंके, किन्तु हमने उसे और जो उसके साथ थे सभी को डूबो दिया |
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2133 | 17 | 104 | وقلنا من بعده لبني إسرائيل اسكنوا الأرض فإذا جاء وعد الآخرة جئنا بكم لفيفا |
| | | और हमने उसके बाद इसराईल की सन्तान से कहा, "तुम इस भूभाग में बसो। फिर जब आख़िरत का वादा आ पूरा होगा, तो हम तुम सबको इकट्ठा ला उपस्थित करेंगे।" |
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2134 | 17 | 105 | وبالحق أنزلناه وبالحق نزل وما أرسلناك إلا مبشرا ونذيرا |
| | | सत्य के साथ हमने उसे अवतरित किया और सत्य के साथ वह अवतरित भी हुआ। और तुम्हें तो हमने केवल शुभ सूचना देनेवाला और सावधान करनेवाला बनाकर भेजा है |
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