بسم الله الرحمن الرحيم

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21191790وقالوا لن نؤمن لك حتى تفجر لنا من الأرض ينبوعا
और उन्होंने कहा, "हम तुम्हारी बात नहीं मानेंगे, जब तक कि तुम हमारे लिए धरती से एक स्रोत प्रवाहित न कर दो,
21201791أو تكون لك جنة من نخيل وعنب فتفجر الأنهار خلالها تفجيرا
या फिर तुम्हारे लिए खजूरों और अंगूरों का एक बाग़ हो और तुम उसके बीच बहती नहरें निकाल दो,
21211792أو تسقط السماء كما زعمت علينا كسفا أو تأتي بالله والملائكة قبيلا
या आकाश को टुकड़े-टुकड़े करके हम पर गिरा दो जैसा कि तुम्हारा दावा है, या अल्लाह और फ़रिश्तों ही को हमारे समझ ले आओ,
21221793أو يكون لك بيت من زخرف أو ترقى في السماء ولن نؤمن لرقيك حتى تنزل علينا كتابا نقرؤه قل سبحان ربي هل كنت إلا بشرا رسولا
या तुम्हारे लिए स्वर्ण-निर्मित एक घर हो जाए या तुम आकाश में चढ़ जाओ, और हम तुम्हारे चढ़ने को भी कदापि न मानेंगे, जब तक कि तुम हम पर एक किताब न उतार लाओ, जिसे हम पढ़ सकें।" कह दो, "महिमावान है मेरा रब! क्या मैं एक संदेश लानेवाला मनुष्य के सिवा कुछ और भी हूँ?"
21231794وما منع الناس أن يؤمنوا إذ جاءهم الهدى إلا أن قالوا أبعث الله بشرا رسولا
लोगों को जबकि उनके पास मार्गदर्शन आया तो उनको ईमान लाने से केवल यही चीज़ रुकावट बनी कि वे कहने लगे, "क्या अल्लाह ने एक मनुष्य को रसूल बनाकर भेज दिया?"
21241795قل لو كان في الأرض ملائكة يمشون مطمئنين لنزلنا عليهم من السماء ملكا رسولا
कह दो, "यदि धरती में फ़रिश्ते आबाद होकर चलते-फिरते होते तो हम उनके लिए अवश्य आकाश से किसी फ़रिश्ते ही को रसूल बनाकर भेजते।"
21251796قل كفى بالله شهيدا بيني وبينكم إنه كان بعباده خبيرا بصيرا
कह दो, "मेरे और तुम्हारे बीच अल्लाह ही एक गवाह काफ़ी है। निश्चय ही वह अपने बन्दों की पूरी ख़बर रखनेवाला, देखनेवाला है।"
21261797ومن يهد الله فهو المهتد ومن يضلل فلن تجد لهم أولياء من دونه ونحشرهم يوم القيامة على وجوههم عميا وبكما وصما مأواهم جهنم كلما خبت زدناهم سعيرا
जिसे अल्लाह ही मार्ग दिखाए वही मार्ग पानेवाला है और वह जिसे पथभ्रष्ट होने दे, तो ऐसे लोगों के लिए उससे इतर तुम सहायक न पाओगे। क़ियामत के दिन हम उन्हें औंधे मुँह इस दशा में इकट्ठा करेंगे कि वे अंधे गूँगे और बहरे होंगे। उनका ठिकाना जहन्नम है। जब भी उसकी आग धीमी पड़ने लगेगी तो हम उसे उनके लिए भड़का देंगे
21271798ذلك جزاؤهم بأنهم كفروا بآياتنا وقالوا أإذا كنا عظاما ورفاتا أإنا لمبعوثون خلقا جديدا
यही उनका बदला है, इसलिए कि उन्होंने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा, "क्या जब हम केवल हड्डियाँ और चूर्ण-विचूर्ण होकर रह जाएँगे, तो क्या हमें नए सिरे से पैदा करके उठा खड़ा किया जाएगा?"
21281799أولم يروا أن الله الذي خلق السماوات والأرض قادر على أن يخلق مثلهم وجعل لهم أجلا لا ريب فيه فأبى الظالمون إلا كفورا
क्या उन्हें यह न सूझा कि जिस अल्लाह ने आकाशों और धरती को पैदा किया है उसे उन जैसों को भी पैदा करने की सामर्थ्य प्राप्त है? उसने तो उनके लिए एक समय निर्धारित कर रखा है, जिसमें कोई सन्देह नहीं है। फिर भी ज़ालिमों के लिए इनकार के सिवा हर चीज़ अस्वीकार्य ही रही


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